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Uttar Pradesh Medical University में साहिबगंज के जूनियर डॉक्टर ने की आत्महत्या, सदमे में परिवार

सौरभ का परिवार मौत की खबर सुनकर हतप्रभ और सदमे में है। वह अपने परिवार में सबसे छोटे थे। एक अक्टूबर को अपनी मां से फोन पर बात की थी। सौरभ के पिता ने फोन पर बताया कि उसने बेंगलुरु से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 08:21 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 08:21 AM (IST)
Uttar Pradesh Medical University में साहिबगंज के जूनियर डॉक्टर ने की आत्महत्या, सदमे में परिवार
साहिबगंज के डॉ. साैरव पांडेय उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई में पोस्ट ग्रेजुएट प्रथम वर्ष के छात्र थे।

साहिबगंज/ सैफई, जेएनएन। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के विवेकानंद हॉस्टल में जूनियर डॉक्टर साैरभ पांडेय ने पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली। वह झारखंड के साहिबगंज के रहने वाले थे। कमरे में सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने खुद को ही जिम्मेदार ठहराया है। सैफई थाना प्रभारी निरीक्षक चंद्रदेव सिंह ने बताया कि हॉस्टल के कमरे 305-ए में साहिबगंज की नेताजी सुभाष कालोनी निवासी 28 वर्षीय सौरभ पांडेय, पुत्र सदानंद पांडेय रहते थे। वह पोस्ट ग्रेजुएट प्रथम वर्ष के छात्र थे। दो महीने पूर्व विश्वविद्यालय आए थे। यहां टीबी एंड चेस्ट विभाग में अध्ययनरत थे। सोमवार सुबह वह पढ़ाई के लिए नहीं निकले तो दोस्त दोपहर डेढ़ बजे हॉस्टल पहुंचे। खटखटाने पर कमरा नहीं खुलने पर पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने दरवाजा धक्का मारकर खोला तो सौरभ फंदे पर लटके मिले। फॉरेंसिक टीम और फील्ड यूनिट टीम ने जांच की है। सौरभ के पास से एक मोबाइल मिला जो ऑन है, लेकिन उसमें पासवर्ड पड़ा है। कुल सचिव सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि खुदकुशी करने की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। स्वजन के आने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

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सदमे में है परिवार

सौरभ का परिवार मौत की खबर सुनकर हतप्रभ और सदमे में है। वह अपने परिवार में सबसे छोटे थे। एक अक्टूबर को अपनी मां से फोन पर बात की थी। सौरभ के पिता ने फोन पर बताया कि उसने बेंगलुरु से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। वह घर में सबका लाडला था। जब उन्होंने अपनी मां को फोन किया था तो कोई समस्या नहीं बताई थी। उन्होंने कहा कि वे सैफई के लिए रवाना हो गए हैं। उनके मंगलवार को यहां पहुंचने की संभावना है। सौरभ ने दो माह पहले ही यूनिवॢसटी में प्रवेश लिया था।


पत्थर व्यवसाय से जुड़ा है परिवार

सदानंद अपने बड़े बेटे व दो शुभचिंतकों के साथ सोमवार शाम करीब तीन बजे सैफई के लिए निकले। वे मूलत: बिहार के पूॢणया के भवानीपुर के रहनेवाले हैं। उनके पिताजी 1960 के आसपास यहां आकर बसे थे। वे चार भाई हैं। सबसे बड़े विवेकानंद पांडेय, दूसरे नंबर पर स्व. परमानंद पांडेय, तीसरे नंबर पर सदानंद पांडेय व चौथे नंबर पर वेदानंद पांडेय हैं। परमानंद का निधन कुछ साल पूर्व ही हुआ था। वे पत्थर व्यवसाय से जुड़े हैं। सदानंद का सकरी में क्रसर व माइंस है। उनके दो पुत्रों में सौरभ छोटा था। चाचा वेदानंद ने बताया कि सौरभ जिंदादिल लड़का था। वह आत्महत्या नहीं कर सकता। उन्होंने साजिश की आशंका जताई है। बताया कि अक्सर उससे बात होती रहती थी। उनकी पत्नी बीमार रहती हैं। ऐसे में सौरभ ही वहां से दवा के संबंध में सलाह देता था। चार-पांच दिन पूर्व ही उससे बात हुई थी।


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