Move to Jagran APP

Sri Sri Hanumant Katha: साधु-संत नेक रास्ते पर चलने की देते सलाह, परिस्थितिवश मनुष्यों का बदलता रहता चेहरा

सचिव वैद व गुरु को गलत कभी नही बोलना चाहिए। तीनों के आदेश के अनुसार कार्य करना चाहिए। सचिव वैद व गुरु गलत बोलें तो हानि होती है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 11:29 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 11:29 AM (IST)
Sri Sri Hanumant Katha: साधु-संत नेक रास्ते पर चलने की देते सलाह, परिस्थितिवश मनुष्यों का बदलता रहता चेहरा
Sri Sri Hanumant Katha: साधु-संत नेक रास्ते पर चलने की देते सलाह, परिस्थितिवश मनुष्यों का बदलता रहता चेहरा

पंचेत, जेएनएन। मंगल मूर्ति धाम जूनकुंदर में चल रहे श्री श्री हनुमंत कथा के चौथे दिन कथा वाचक प्रदीप भैया ने कहा कि साधू और संत चौकीदार की तरह हैं। दोनों धर्म के प्रति जागरूक करते हैं। साधु-संत लोगों को नेक रास्ते पर चलने की सलाह देते है। लेकिन मनुष्य परिस्थितिवश चेहरा बदलता रहता है। मनुष्य को ज्ञानेंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि सचिव, वैद व गुरु को गलत कभी नही बोलना चाहिए। तीनों के आदेश के अनुसार कार्य करना चाहिए। सचिव, वैद व गुरु गलत बोलें तो हानि होती है। सचिव के गलत बोलने से समाज में नाश, वैद मे गलत बोलने से शरीर और गुरु गलत बोले तो धर्म का नाश होता है। कथा में जय प्रकाश देवरालिया, अशोक मंडल, हरि प्रकाश लाटा, उपेन्द्रनाथ पाठक, कृष्णलाल रूंगटा, जयप्रकाश सिंह, शफीर खान, रामवतार अग्रवाल, विनय सिंह, माणिक गोराई, रिंटू पाठक, चंद्रदेव यादव, विरेंद्र यादव अटल, राजू चाैहान, संजय चाैहान, भोला चाैहान, गुड्डू सिंह आदि उपस्थित थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.