ग्राम विकास समिति सरकार का छलावा : मुखिया संघ
धनबाद : ग्राम अथवा आदिवासी विकास समिति के माध्यम से गांवों के विकास के लिए योजना बनाने की घ्
By Edited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 07:40 PM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 04:06 PM (IST)
धनबाद : ग्राम अथवा आदिवासी विकास समिति के माध्यम से गांवों के विकास के लिए योजना बनाने की घोषणा सरकार का छलावा है। झारखंड राज्य का जितना बजट नहीं है, उससे कहीं अधिक राशि इन समितियों को कैसे दी जाएगी यह समझ से परे है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रत्येक विकास समितियों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये देने का वादा किया है। राज्य में 32600 राजस्व अथवा चिरागी गांव हैं। प्रत्येक को यदि घोषित राशि दी जाती है तो सरकार को प्रति वर्ष 16.31 अरब रुपये खर्च करने होंगे। इतना बजट तो पूरे राज्य का भी नहीं है। यह बातें झारखंड मुखिया संघ के प्रदेश संयोजक विकास महतो और धनबाद जिलाध्यक्ष संजय कुमार महतो ने रविवार को धनबाद परिसदन में कही। परिसदन में जिले के मुखिया की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि राज्य में पंचायती राज व्यवस्था लागू है। ऐसे में पंचायत के समानांतर दूसरी विकास समिति बनाना पंचायत को मिले संवैधानिक अधिकारों को चुनौती देना है। यह काम स्वयं राज्य सरकार कर रही है। सरकार के विरोध में 24 अप्रैल यानी राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर राज्य भर के मुखिया राजभवन के सामने एक दिवसीय धरना देंगे। महतो ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने के बाद सरकार ने 29 विषयों एवं 14 विभागों का अधिकार ग्राम पंचायतों को देने की बात कही थी, लेकिन यह बातें केवल कागजों पर ही है। इसी का परिणाम है कि जहां भी विकास समितियों का गठन करने की कोशिश की गई, वहां विरोध हुए हैं। इस मामले पर सरकार को और भी विरोध झेलना होगा। बैठक में जिला मुखिया संघ के महासचिव मनोज कुमार, मुखिया साधु हाजरा, मिहिर कुमार मंडल, महेंद्र हाजरा, मोबिन अंसारी समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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