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Deoghar: बाबा बैद्यनाथ मंदिर और सत्संग आश्रम में मोहन भागवत ने मत्था टेका, अयोध्या में भव्य मंदिर के लिए गूंजे नारे

देवघर के सत्संग आश्रम में पहुंचने के बाद आश्रम प्रमुख श्री श्री दादा से आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद भागवत ने अशोक चक्रवर्ती के साथ सनातन धर्म पर विचार-विमर्श किया।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 10:09 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 04:01 PM (IST)
Deoghar: बाबा बैद्यनाथ मंदिर और सत्संग आश्रम में मोहन भागवत ने मत्था टेका, अयोध्या में भव्य मंदिर के लिए गूंजे नारे
Deoghar: बाबा बैद्यनाथ मंदिर और सत्संग आश्रम में मोहन भागवत ने मत्था टेका, अयोध्या में भव्य मंदिर के लिए गूंजे नारे

देवघर, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव मधुकर राव भागवत सोमवार को देवघर पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद भागवत सबसे पहले सत्संग आश्रम गए और फिर बाबा बैद्यनाथ मंदिर। बाबा मंदिर में जय श्री राम के नारे लगे। नारा लगाने वालों ने आरएसएस के सरसंघचालक से जल्द से जल्द अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण की मांग की। इस दाैरान भागवत ने हाथ जोड़कर सबका अभिवादन स्वीकार किया। कुछ कहने के बजाय सिर्फ मुस्कुरा कर एक तरह से अयोध्या में शीघ्र ही श्रीराम मंदिर निर्माण का भरोसा भी दिलाया। 

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सनातन धर्म के लिए काम करने वाले हर संस्था से आरएसएस का जुड़ाव 

गिरिडीह से चलकर सोमवार सुबह करीब 8.30 बजे आरएसएस प्रमुख देवघर पहुंचे। उन्होंने सत्संग आश्रम में आचार्य देव आशोक चक्रवर्ती से मुलाकात की। इस दाैरान दोनों के बीच सनातन धर्म की रक्षा पर विचार-विमर्श हुआ। भागवत ने कहा कि समाज में समानता व सनातन धर्म की रक्षा RSS का मुख्य उद्देश्य है। जो भी संस्था सनातन धर्म के लिए काम कर रहा है उसके साथ RSS का जुड़ाव है। सत्संग आश्रम भी इस कार्य में अहम भूमिका अदा कर रहा है। 

सत्संग पहुंच मोहनराव भागवत हुए रिचार्ज 

सत्संग आश्रम प्रमुख से मोहनराव भागवत ने कहा कि झारखंड के प्रवास पर हैं। इस दौरान उन्हें देवघर सत्संग आश्रम आने का मौका मिला। यहां आने से वे रिचार्ज हो गए। उन्होंने बताया कि कुछ समय पूर्व सत्संग के आचार्य से नागपुर में एक कार्यक्रम में मुलाकात हुई। वहीं उन्हें यहां आने के लिए कहा गया था और आज दोबारा सत्संग आश्रम आए हैं। इस दौरान आचार्य के छोटे पुत्र ने एक वाकया का जिक्र करते हुए कहा कि वे बर्मा गए थे। वहां जरूरत  पडऩे पर उन्हें संघ से जुड़े एक व्यक्ति से उन्हें काफी मदद मिली थी। इस दौरान मोहन भागवत ने संघ के पदाधिकारियों से आचार्य का परिचय कराया। आचार्य के बड़े पुत्र बबई दा को नागपुर आने का न्योता भी दिया। उनके साथ संघ के क्षेत्र प्रचारक राम दत्त, प्रांत संघ चालक सचिदानंद, प्रांत प्रचारक रवि कुमार, प्रांत के सह प्रचारक दिलीप कुमार, देवघर जिला के संघ चालक डॉ. युगल किशोर, विभाग प्रचारक कुणाल कुमार मुख्य रूप से उपस्थित थे। 

बाबा मंदिर में लगे जय श्रीराम के नारे 

सत्संग आश्रम के बाद मोहन भागवत बाबा मंदिर के लिए निकले। इस दौरान उन्होंने कहा कि बाबा दरबार आए हैं तो दर्शन करके जाएंगे। बाबा मंदिर पहुंचने पर पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष प्रो. सुरेश भारद्वाज व महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर द्वारा मोहन भागवत को बाबा भोले का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। बाबा भोले का दर्शन करने के दाैरान मोहनराव भागवत करीब 20 मिनट तक मंदिर में रहे। देवघर से आरएसएस प्रमुख प. बंगाल के अंडाल स्थित हवाईअड्डा के लिए रवाना हुए।

दूसरी बाबा सत्संग आश्रम पहुंचे मोहन भागवत 

मोहन भागवत पिछले 15 माह में दूसरी बार देवघर आए। इससे पूर्व पिछली बार वे 18 नवंबर 2018 को यहां आए थे। वे सड़क मार्ग से गिरिडीह से सत्संग सुबह करीब 8:35 बजे पहुंचे। उनका सत्संग पहुंचने का तय कार्यक्रम सुबह नौ बजे था लेकिन वे तय समय से करीब 25 मिनट पहले यहां पहुंचे। सत्संग में उन्होंने करीब दो घंटा 10 मिनट का समय बिताया। सत्संग पहुंचने पर सबसे पहले वे प्रार्थना स्थल गए। यहां उन्होंने ठाकुर अनुकूलचंद व बड़ो मां की प्रतिमा को नमन किया। वहां से वे गेस्ट हाउस पहुंचे। कुछ देर बिताने के बाद वे ठाकुरबाड़ी पहुंचे और आचार्य से मुलाकात की। कुछ समय सत्संग आश्रम में बिताया। वहां से एक बार फिर गेस्ट हाउस गए और वहां कुछ लोगों से मुलाकात की और अल्पाहार करने के बाद बाबा मंदिर के लिए रवाना हो गए। 


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