नये अंदाज में डकैती, लाखों लूटे, नये कपड़े पहने और गृहस्वामी के स्कूटी से हो गए फुर्र
डकैतों तक पहुंचने के लिए पुलिस खोजी कुत्तों का सहारा ले रही है। डकैत गृहस्वामी की स्कूटी भी अपने साथ ले गए।
By mritunjayEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 11:01 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 08:02 PM (IST)
धनबाद, जेएनएन। लुबी सर्कुलर रोड स्थित एसएसपी आवास से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित सेलिब्रेशन रेस्टोरेंट के पास रह रहे कोयला कारोबारी आलोक जैन के घर पर मंगलवार की देर रात अपराधियों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया। लगभग आठ की संख्या में आए डकैत बाउंड्री फांदकर घर के अंदर दाखिल हुए और घर के मुख्य दरवाजे के पास बने सर्वेंट क्वार्टर में सो रहे दोनों घरेलू कर्मियों को अपने कब्जे में ले लिया। उन्हें बम व पिस्तौल का भय दिखाकर बांध दिया। मुंह से कोई आवाज न निकाल सके, इसलिए मुंह पर सेलोटेप भी चिपका दिया। इसके बाद घर की सीढ़ी का ग्रिल काटकर अंदर दाखिल हुए और अंदर सो रहे परिवार के सदस्यों को अपने कब्जे में ले लिया।
भुक्तभोगी आलोक जैन ने पुलिस को बताया कि घर में घुसे अपराधियों ने परिवार के सभी सदस्यों को अपने कब्जे में लेकर आलमीरा में रखे लगभग ढाई लाख रुपए कैश व ढाई लाख के जेवरात लेकर चंपत हो गए। जाते-जाते घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर भी निकाल ले गए, ताकि कोई सुराग न मिल सके। गृहस्वामी आलोक जैन ने पुलिस को बताया डकैत उनकी स्कूटी भी उड़ा ले गए। घटना की जानकारी मिलने के बाद धनबाद एसएसपी किशोर कौशल मौके पर पहुंचकर घटना की तफ्तीश की। इसके बाद डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर मुकेश कुमार, धनबाद थाना प्रभारी नवीन कुमार राय, बैंक मोड़ थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच छानबीन शुरू की। सीआइएसफ डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया। फॉरेंसिक जांच के लिए पुलिस ने घर से कई सैंपल एकत्रित किए हैं।
10-20 रुपयों के नोटों की गड्डियां नहीं ले गए डकैतः घर में घुसे डकैतों ने आलमारी में रखे सारे जेवरात एक थैली में भरकर रख ली। दो हजार और 500 के नोटों की गड्डियां भी उन्होंने अपने बैग में भर लिया। इस दौरान पास में पड़े 10 रुपये और 20 रुपये के नोटों की गड्डियों को उन्होंने हाथ तक नहीं लगाया। पुलिस अनुसंधान के दौरान यह चर्चा का विषय बना रहा कि आखिर जो डकैत झुमके बाली ले गए, वे 10 और 20 की गड्डियों को क्यों छोड़ गए। चर्चा है कि लगभग एक लाख रुपए डकैतों ने छुआ तक नहीं।
साथ लाए नये कपड़े पहने और पुराने छोड़ गएः घर में घुसे डकैत घर में रखे जेवरात व नगद समेट कर बाहर निकले। वहां स्थित सर्वेंट क्वार्टर के पास उनमें से कुछ ने अपने कपड़े बदले। वे पुराने कपड़े वहीं छोड़ दिए, जबकि अपने साथ लाए नये कपड़े पहनकर वहां से निकले। यह अपने आप में पहली घटना है, जब अपराधकर्मी घटना को अंजाम देने के बाद इतने धैर्य के साथ कपड़े बदल कर घटनास्थल से निकल रहे हैं। अनुसंधानकर्ता इसे गुमराह करने की साजिश मान रहे हैं।
घर में मौजूद थे परिवार के सभी सदस्यः घटना की रात उनकी पत्नी स्वीटी जैन, छोटे भाई सौरभ जैन, उनकी पत्नी कनुप्रिया, मां सत्यभामा जैन सहित आलोक जैन की दो बेटियां भी घर में मौजूद थीं। आलोक जैन के पिता कोयला कारोबारी राजकुमार जैन की मृत्यु पिछले वर्ष 2 मार्च को हो गई थी। पारिवारिक सदस्यों के अलावा घरेलू कामकाज करने के लिए दो स्टाफ रहते हैं। परिवार के सदस्यों के अनुसार दो दाईयां घरेलू कामकाज करने आती हैं, लेकिन वे शाम को वापस चली जाती हैं।
दो दिन पहले ही लगाए गए थे सीसीटीवी कैमरेः जैन परिवार ने घटना के दो दिन पूर्व ही घर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगावाए थे। घर के सभी दिशाओं सहित रोड तक सात कैमरा लगाए गए थे। हालांकि घर में घुसे डकैत सीसीटीवी का डीवीआर निकाल अपने साथ ले गए, लेकिन कई प्रश्न भी छोड़ गए। क्या जैन बंधुओं को किसी प्रकार का संदेह हुआ था कि उन्होंने घर की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था करनी शुरू कर दी थी। हालांकि अब पुलिस पास पड़ोस में लगे अन्य सीसीटीवी कैमरों को खंगालने में जुटी है, ताकि कुछ सुराग मिल सके।
भुक्तभोगी आलोक जैन ने पुलिस को बताया कि घर में घुसे अपराधियों ने परिवार के सभी सदस्यों को अपने कब्जे में लेकर आलमीरा में रखे लगभग ढाई लाख रुपए कैश व ढाई लाख के जेवरात लेकर चंपत हो गए। जाते-जाते घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर भी निकाल ले गए, ताकि कोई सुराग न मिल सके। गृहस्वामी आलोक जैन ने पुलिस को बताया डकैत उनकी स्कूटी भी उड़ा ले गए। घटना की जानकारी मिलने के बाद धनबाद एसएसपी किशोर कौशल मौके पर पहुंचकर घटना की तफ्तीश की। इसके बाद डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर मुकेश कुमार, धनबाद थाना प्रभारी नवीन कुमार राय, बैंक मोड़ थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच छानबीन शुरू की। सीआइएसफ डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया। फॉरेंसिक जांच के लिए पुलिस ने घर से कई सैंपल एकत्रित किए हैं।
10-20 रुपयों के नोटों की गड्डियां नहीं ले गए डकैतः घर में घुसे डकैतों ने आलमारी में रखे सारे जेवरात एक थैली में भरकर रख ली। दो हजार और 500 के नोटों की गड्डियां भी उन्होंने अपने बैग में भर लिया। इस दौरान पास में पड़े 10 रुपये और 20 रुपये के नोटों की गड्डियों को उन्होंने हाथ तक नहीं लगाया। पुलिस अनुसंधान के दौरान यह चर्चा का विषय बना रहा कि आखिर जो डकैत झुमके बाली ले गए, वे 10 और 20 की गड्डियों को क्यों छोड़ गए। चर्चा है कि लगभग एक लाख रुपए डकैतों ने छुआ तक नहीं।
साथ लाए नये कपड़े पहने और पुराने छोड़ गएः घर में घुसे डकैत घर में रखे जेवरात व नगद समेट कर बाहर निकले। वहां स्थित सर्वेंट क्वार्टर के पास उनमें से कुछ ने अपने कपड़े बदले। वे पुराने कपड़े वहीं छोड़ दिए, जबकि अपने साथ लाए नये कपड़े पहनकर वहां से निकले। यह अपने आप में पहली घटना है, जब अपराधकर्मी घटना को अंजाम देने के बाद इतने धैर्य के साथ कपड़े बदल कर घटनास्थल से निकल रहे हैं। अनुसंधानकर्ता इसे गुमराह करने की साजिश मान रहे हैं।
घर में मौजूद थे परिवार के सभी सदस्यः घटना की रात उनकी पत्नी स्वीटी जैन, छोटे भाई सौरभ जैन, उनकी पत्नी कनुप्रिया, मां सत्यभामा जैन सहित आलोक जैन की दो बेटियां भी घर में मौजूद थीं। आलोक जैन के पिता कोयला कारोबारी राजकुमार जैन की मृत्यु पिछले वर्ष 2 मार्च को हो गई थी। पारिवारिक सदस्यों के अलावा घरेलू कामकाज करने के लिए दो स्टाफ रहते हैं। परिवार के सदस्यों के अनुसार दो दाईयां घरेलू कामकाज करने आती हैं, लेकिन वे शाम को वापस चली जाती हैं।
दो दिन पहले ही लगाए गए थे सीसीटीवी कैमरेः जैन परिवार ने घटना के दो दिन पूर्व ही घर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगावाए थे। घर के सभी दिशाओं सहित रोड तक सात कैमरा लगाए गए थे। हालांकि घर में घुसे डकैत सीसीटीवी का डीवीआर निकाल अपने साथ ले गए, लेकिन कई प्रश्न भी छोड़ गए। क्या जैन बंधुओं को किसी प्रकार का संदेह हुआ था कि उन्होंने घर की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था करनी शुरू कर दी थी। हालांकि अब पुलिस पास पड़ोस में लगे अन्य सीसीटीवी कैमरों को खंगालने में जुटी है, ताकि कुछ सुराग मिल सके।
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