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झारखंड हुआ युवा, लेकिन जाम में फंसा धनबाद का विकास

कोयला नगरी धनबाद की प्रचलित पहचान है, जाम और सिर्फ जाम। झारखंड बनने के बाद 18 साल हो चुके हैं। झारखंड बालिग हुआ है तो उसका प्रमुख शहर होने के नाते धनबाद भी वयस्क हुआ है।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 12:04 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 12:04 PM (IST)
झारखंड हुआ युवा, लेकिन जाम में फंसा धनबाद का विकास
झारखंड हुआ युवा, लेकिन जाम में फंसा धनबाद का विकास

आशीष अंबष्ठ, धनबाद: कोयला नगरी धनबाद की प्रचलित पहचान है, जाम और सिर्फ जाम। झारखंड बनने के बाद 18 साल हो चुके हैं। झारखंड बालिग हुआ है तो उसका प्रमुख शहर होने के नाते धनबाद भी वयस्क हुआ है। मगर उस लिहाज से कोयला नगरी में आधारभूत संरचना नहीं बढ़ी।

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लगातार घोषणाओं के बावजूद शहर में तीन फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। चार दशक पहले नया बाजार ओवरब्रिज (रे टॉकीज ओवरब्रिज) का निर्माण किया गया था। किसी कारणवश उस ओवरब्रिज से यातायात ठप हो जाय तो बाकी शहर का बैंक मोड़ से संपर्क टूट जाएगा। हां, गोविंदपुर होकर संथाल परगना जाना आसान हुआ है। कुछ सड़कों को फोर लेन किया गया है तो कुछ नई सड़कें भी बनाई गई है। इससे लोगों को कुछ राहत मिली है।

शहर के मुख्य इलाकों में शुमार बैंक मोड़ व पूजा टॉकीज से लेकर रे टॉकीज तक हर समय जाम की स्थिति दिखती है। कई बार तो जाम घंटों तक लगा रहता है। बैंक मोड़ से पूजा सिनेमा और जोड़ाफाटक से श्रमिक चौक तक प्रस्तावित फ्लाईओवर बनने की कोई विशेष सुगबुगाहट ही नहीं है। दोनों फ्लाईओवर के निर्माण में रेलवे की जमीन की जरूरत होगी। रेलवे ने जमीन देने पर सहमति नहीं दी है। रेलवे का तर्क है कि उस जमीन पर नई रेल लाइन बिछानी है। यहां से रेलवे की अति महत्वाकांक्षी योजना डेडिकेटेड ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर को गुजरना है। धनबाद-झरिया रेल लाइन के ऊपर से, डायमंड क्रॉसिंग, श्रमिक चौक के बगल से होते हुए पूजा सिनेमा तक दूसरा ओवरब्रिज बनाने की योजना है। डायमंड क्रॉसिंग के पास से एक रास्ता धनबाद रेलवे स्टेशन के नये भवन और दक्षिणी भवन की ओर जाएगा। आरा मोड़ वासेपुर से मटकुरिया तक फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव है। पॉलिटेकनिक के नजदीक मटकुरिया तक सड़क बनाने और रेल लाइन के पास अंडर पास बनाने का भी प्रस्ताव विचाराधीन है।

मटकुरिया से आरा मोड़ तक फ्लाईओवर बनाने में 245 करोड़ लागत आएगी: मटकुरिया से आरा मोड़ तक डिस्ट्रिक मिनरल फंड ट्रस्ट (डीएमएफटी) से 245 करोड़ रुपए में फ्लाईओवर बनाने की बात है। धनबाद नगर निगम के बोर्ड से इसका प्रस्ताव पारित हो चुका है। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) भी तैयार है। सरकार के पास स्वीकृति के लिए प्रस्ताव गया है। मटकुरिया से आरा मोड़ के बीच जो जगह रेलवे की है वहां पर फ्लाई ओवर का निर्माण रेलवे करेगी।

नितिन गडकरी के कहने पर भी झरिया पुल से पूजा सिनेमा तक बनना शुरू नहीं हुआ फ्लाइओवर: केंद्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी के सामने पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एन एच पांडे ने झरिया पुल से पूजा सिनेमा तक फ्लाइओवर बनाने का मसला उठाया था। नीतिन गडकरी ने भी इसकी जरूरत पर सहमति जताई थी। कहा था कि इस फ्लाईओवर का काम कराया जाएगा। कोलकाता की सिविल इंजीनियङ्क्षरग टेस्टिंग प्राइवेट लिमिटेड कंसलटेंसी ने इसके लिए सर्वे का काम पूरा कर लिया है। सड़क निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता (सर्वे) डब्ल्यू क्यू फरीदी के अनुसार दक्षिण छोर के झरिया पुल से लेकर पूजा सिनेमा मोड़ तक ओवरब्रिज की लंबाई 1.23 किमी लंबाई होगी। बनाने में 100 करोड़ खर्च होंगे।

नौ साल में नहीं बना संताल को जोडऩे का पुल: निरसा से जामताड़ा के बीच बराकर नदी पर बरवेंदिया पुल निर्माणाधीन है। 9 साल से इस पुल का काम पूरा कराने की फाइल इधर से उधर खिसक रही है। 2009 में पुल के चार खंभे बह गए थे। तब जांच शुरू हुई। फिर पुल का काम पूरा नहीं किया गया। पुल के 56 खंभों में 50 की हालत ठीक हैं। सिर्फ 6 नए खंभे बन जाय तो पुल पर आवागमन शुरू हो जाएगा। पुल की लंबाई 1.433 किलोमीटर है।

10 साल में पूरा नहीं हो सका कपालघाटा पुल का निर्माण: मुनीडीह से चंदनकियारी के बीच दामोदर नदी पर बना कपालघाटा पुल कछुआ गति से बन रहा है। ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल को अधूरा पुल पूरा बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। यह योजना 2007-2008 की है। 24 माह में काम को पूरा करना था। राणा उदय प्रताप सिंह संवेदक थे। सिर्फ खंभे बने थे कि जमीन विवाद हो गया। फिर काम रुका तो चालू नहीं हो सका है। यह मसला विधानसभा में भी उठ चुका है।

कुछ सड़कों का जरूर मिला तोहफा: धनबाद जिले कोकई सड़कों का तोहफा जरूर सरकार से मिला है। डोमनपुर से टुंडी तक जाने के लिए टू लेन सड़क का निर्माण, गोविंदपुर टुंडी, गिरिडीह मुख्य सड़क के अलावा सिटी सेंटर से बरवाअड्डा तक फोरलेन सड़क निर्माण, गोल बिल्डिंग से काकोमठ तक सड़क निर्माण, राजगंज से पुरूलिया सीमा तक, गोविंदपुर से स्टील गेट होते हुए बोकारो तक सड़क निर्माण हुआ है, जो जनता को राहत दे रहीं हैं।

गोविंदपुर-साहिबगंज मार्ग बड़ा तोहफा: झारखंड स्थापना के बाद धनबाद को संताल तक जाने के लिए सबसे बड़ा फायदा गोविंदपुर से सहिबगंज तक जाने के लिए 311 किमी सड़क का निर्माण किया गया है। इसके निर्माण से कोयलांचल से लेकर संताल तक जाना काफी सुगम हो गया है।

"झारखंड के स्थापना काल से ही सिर्फ घोषणाएं हो रही हैं। धनबाद इस प्रदेश का मुख्य शहर है। कई बार फ्लाइओवर बनाने की घोषणा हुई है, योजना बनी है। राज्य सरकार और रेलवे के बीच जो तालमेल होना चाहिए था, नहीं हो सका है। यह आधारभूत संरचना के विकास में बाधक बना है।"

- पीसी सिंह, सेवानिवृत्त कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग

"धनबाद के विकास में बड़ी बाधा गया फ्लाईओवर न होना है। अगर सरकार गंभीरता दिखाती तो यह कब का बन जाता है। सिर्फ कागजों पर योजनाएं बन रही है। फाइलें इधर से उधर हो रही है। धरातल पर सब शून्य है।"

- एनके सिंह, सेवानिवृत्त अभियंता


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