Move to Jagran APP

थे तो उतराखंड के पर जम्मू एंड कश्मीर के एक-एक चट्टान उन्हें पहचानते थे; जानें-सीडीएस रावत की कहानी जेके की जुबानी

Bipin Rawat सेवानिवृत्त कर्नल जेके सिंह कहते हैं-सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड के रहने वाले थे। पर कश्मीर से उनका लगाव ऐसा था जैसे कश्मीर की वादियां और वहां के पहाड़ों के एक-एक चट्टान उन्हें पहचानते हैं। सीडीएस रावत न्यूक्लियर कमांड मेंबर भी थे। वह जितना कठोर थे उतना कोमल भी।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 11:47 AM (IST)Updated: Fri, 10 Dec 2021 04:23 AM (IST)
थे तो उतराखंड के पर जम्मू एंड कश्मीर के एक-एक चट्टान उन्हें पहचानते थे; जानें-सीडीएस रावत की कहानी जेके की जुबानी
कश्मीर दाैरे पर सीडीएस बिपिन रावत ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। तमिलनाडु के कन्नूर में भारतीय वायु सेना के हैलिकाप्टर क्रैश होने से चीफ आफ डिफेंस स्टाप ( CDS) बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के 11 लोग बुधवार को शहीद हो गए। भारतीय सेना के इतिहास में बिपिन रावत ने अमिट छाप छोड़ी है। वे न सिर्फ पहले सीडीएस थे बल्कि सेना के आधुनिकीकरण की मजबूत नींव रखी है। उनका एक सैनिक के रूप में जीवन उपलब्धियों से भरा हुआ है। उपलब्धी भी इतनी की गिनती नहीं की जा सकती है। यह कहना है धनबाद निवासी सेवानिवृत्त कर्नल जेके सिंह का है। 

prime article banner

कश्मीर की वादियों से था विशेष लगाव

गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में 11 बार उद्घोषक की भूमिका का निर्वहन कर चुके जेके सिंह ख्यातिप्राप्त उद्घोषक हैं। उन्हें जम्मू कश्मीर में ड्यूटी के दाैरान हिजबुल मुजाहीदीन के कई आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराने का श्रेय है। सेवा काल में जेके सिंह को कई बार बिपिन रावत से मिलने का माैका मिला। रावत को याद करते हुए सिंह कहते हैं-वे उत्तराखंड के रहने वाले थे। पर जम्मू कश्मीर से उनका लगाव ऐसा था जैसे कश्मीर की वादियां और वहां के पहाड़ों के एक-एक चट्टान उन्हें पहचानते हैं।

अपनों के लिए कोमल तो देश के दुश्मरों के लिए कठोर

सीडीएस रावत न्यूक्लियर कमांड मेंबर भी थे। वह जितना कठोर थे उतना कोमल भी। अपनों के लिए कोमल तो दुश्मनों के लिए कठोर थे। जो देश भक्ति की आग उनके अंदर थी। वह देश की सीमा पर डटे जवानों में भी दिखता है। देश के दुश्मनों के प्रति रावत के कठोरता को समझाते हुए सिंह कहते हैं-एक बार सीडीएस रावत से पूछा गया कि पाकिस्तान की तरफ से जम्मू कश्मीर में आतंकी आ रहे हैं। उनका हम कैसे मुकाबला करेंगे? मुस्कुराते हुए कहा-आने दीजिए। हम स्वागत करेंगे। उन्हें जमीन के तीन फीट नीचे सुला देंगे।

रावत की जेके से आखिरी मुलाकात 15 जनवरी, 2019 में हुई

धनबाद में रहने वाले रिटायर्ड कर्नल जे के सिंह कई मौकों पर उनके साथ रहे हैं। जिस समारोह में सीडीएस रावत मौजूद रहे उस समारोह के मंच संचालन की जिम्मेदारी कर्नल जे के सिंह ने संभाली। सीडीएस रावत के साथ गुजारे लम्हों को याद कर कर्नल सिंह कहते हैं कि वह 15 जनवरी 2019 का दिन था। जब दिल्ली में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के घर पर समारोह का आयोजन हुआ था। समारोह में सैन्य अधिकारियों के साथ दूसरी दिग्गज हस्तियां भी थी। उनके लिए समारोह गौरव का पल था क्योंकि मंच संचालन का मौका मिला था। इसके बाद 25 फरवरी 2019 को नेशनल वॉर मेमोरियल के उद्घाटन समारोह में भी सीडीएस रावत थे और उस समारोह के मंच संचालन का अवसर भी कर्नल जे के सिंह को ही मिला था।

रावत का निधन राष्ट्रीय क्षति

कर्नल सिंह कहते हैं दुर्घटना के बाद भी उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सीडीएस रावत को भारत खो देगा। जम्मू कश्मीर से लेकर उत्तर पूर्व के राज्यों में सैन्य गतिविधियों में सीडीएस रावत ने अहम जिम्मेदारी निभाई थी। उनका निधन राष्ट्रीय क्षति है। इसकी भरपाई नहीं हो सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.