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सरकारी जमीन पर बसे लोगों को राहत देगी सरकार

गोविंदपुर-धनबाद-महुदा सड़क (एनएच-2) के दोनों तरफ सरकारी जमीन पर दुकान-मकान बनाकर गुजर-बसर करने वालों के लिए अच्छी खबर है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 12:02 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 12:02 PM (IST)
सरकारी जमीन पर बसे लोगों को राहत देगी सरकार
सरकारी जमीन पर बसे लोगों को राहत देगी सरकार

जागरण संवाददाता, धनबाद: गोविंदपुर-धनबाद-महुदा सड़क (एनएच-2) के दोनों तरफ सरकारी जमीन पर दुकान-मकान बनाकर गुजर-बसर करने वालों के लिए अच्छी खबर है। इन लोगों को भी सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित रैयतों की तरह स्ट्रक्चर (मकान-दुकान) का मुआवजा देने पर विचार कर रही है। इस बाबत झारखंड के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने सकारात्मक रूख दिखाते हुए राजस्व विभाग और एनएचएआइ के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया है।

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गोविंदपुर-धनबाद-महुदा सड़क को फोरलेन करने के लिए 99 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इससे करीब दस हजार लोग प्रभावित होंगे। चौड़ीकरण के दौरान रैयतों को तो पुनर्वास पैकेज मिलेगा। शहरी क्षेत्र में प्रभावितों को जमीन के बदले दो गुणा और ग्रामीण क्षेत्र में 4 गुणा मुआवजा मिलेगा। स्ट्रक्चर (मकान-दुकान) के मामले में कीमत का दो गुणा भुगतान होगा। जबकि इस प्रोजेक्ट में वैसे लोगों को किसी तरह पुनर्वास पैकेज देने का प्रावधान नहीं है जो सड़क के दोनों तरफ सरकारी जमीन पर कच्चा या पक्का मकान बनाकर रह रहे हैं। रोजी-रोजगार के लिए दुकान आदि का संचालन कर रहे हैं। 30 मई को जनसुनवाई के दौरान स्टील गेट और छाताटांड में अंचल कार्यालय की तरफ से जब यह जानकारी दी गई कि सरकारी जमीन पर बसे लोगों को किसी तरह का मुआवजा नहीं मिलेगा तो प्रभावितों ने नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कम से कम स्ट्रक्चर का मुआवजा देने की मांग की थी। इस संबंध में दैनिक जागरण के 31 मई के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित हुई थी। इसके बाद प्रशासन सरकारी जमीन पर वर्षो से बसे लोगों को राहत दिलाने के लिए रास्ता तैयार करने में जुटा है।

सोमवार को रांची में राजस्व एवं पथ निर्माण विभाग के सचिव केके सोन ने भू-अर्जन की समीक्षा की। इस दौरान धनबाद के अपर समाहर्ता सत्येंद्र कुमार अनवर ने वस्तुस्थिति से अवगत कराया। एडीबी प्रोजेक्ट की तर्ज पर सरकारी जमीन पर बने स्ट्रक्चर का मुआवजा देने का अनुरोध किया। कहा, प्रभावित मुआवजा की मांग कर रहे हैं। नहीं देने पर भू-अर्जन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। एनएचएआइ अधिकारियों का पक्ष सुनने के बाद प्रभावितों को स्ट्रक्चर के बदले मुआवजा देने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया। मुआवजा के लिए प्रभावितों को मकान-दुकान में बिजली, पानी, टेलीफोन कनेक्शन आदि का प्रमाण देना होगा। इसके बाद स्ट्रक्चर का मूल्यांकन कर सूची एनएचएआइ को सौंप दी जाएगी। एनएचएआइ प्रभावितों के खाते में मुआवजा राशि ट्रांसफर करेगा। इस प्रस्ताव पर अमल होने से न सिर्फ गोविंदपुर-धनबाद-महुदा के प्रभावितों को लाभ मिलेगा बल्कि एनएच-2 चौड़ीकरण से प्रभावित हजारों परिवारों को भी राहत मिलेगी।


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