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तैयार पड़े फ्लैट्स को नहीं मिल रहे खरीदार, कहीं मंदी का असर तो नहीं Dhanbad News

वर्तमान में धनबाद में 600 के आसपास प्रोजैक्ट चल रही हैं। इन प्रोजेक्टों की स्थिति यह है कि माह में महज चार से पांच फ्लैट अथवा अपार्टमेंट की बुकिंग हो पा रही है।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 09:08 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 09:08 AM (IST)
तैयार पड़े फ्लैट्स को नहीं मिल रहे खरीदार, कहीं मंदी का असर तो नहीं Dhanbad News
तैयार पड़े फ्लैट्स को नहीं मिल रहे खरीदार, कहीं मंदी का असर तो नहीं Dhanbad News

धनबाद [बलवंत कुमार]। देश में छायी आर्थिक मंदी के असर से धनबाद भी अलग नहीं है। यहां के रियल एस्टेट कारोबार में 73 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। नतीजतन रियल एस्टेट के साथ इससे जुड़े 250 छोटे-बड़े व्यवसायियों को भी मुश्किलें झेलनी पड़ रही है।

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धनबाद की स्थिति : धनबाद जिले में रियल एस्टेट कारोबार करने वाली छोटी-बड़ी करीब 200 बिल्डर्स हैं। वर्तमान में इन सभी का 600 के आसपास प्रोजेक्ट चल रहा है। इन प्रोजेक्ट की स्थिति यह है कि माह में महज चार से पांच फ्लैट अथवा अपार्टमेंट की बुकिंग हो पा रही है। बिल्डर रत्नेश सिन्हा ने बताया कि आम दिनों में करीब 70 से 80 कस्टमर की इंक्वायरी एक दिन में आती तो जो घट के 20-25 हो गई है। एक दो ही कस्टमर साइट विजिट के लिए आ रहे हैं। एक प्रोजेक्ट शुरू करने पर 60 लाख रूपये तक का खर्च आता है और एक बुकिंग पर दो से पांच लाख रूपये प्राप्त होते हैं। ऐसे में न्यूनतम कारोबार की बात करें तो पूरे धनबाद में 15 करोड़ रूपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। वहीं कारोबार प्रभावित होने की दूसरी समस्या बैंकों का असहयोगात्मक रवैया भी है।

ग्राहक अपने आप को कर रहे असुरक्षित महसूस : रियल एस्टेट कारोबारी राज प्रकाश ने बताया कि पहले और अब की स्थिति में काफी बदलाव हुआ है। आर्थिक मंदी की खबर फैलते ही ग्राहक सचेत हो गए। उन्हें रियल एस्टेट में पैसा लगाने में संकोच हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले लोग अपनी जमा पूंजी यह सोच कर फ्लैट खरीदने में लगाते थे कि भविष्य में इसका अधिक फायदा मिलेगा, लेकिन वर्तमान दौर में इसमें पैसा फंसने का खतरा उन्हें लग रहा है। आर्थिक मंदी का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से एक असर यह भी हुआ है।

क्षेत्रवार रियल एस्टेट की दर निर्धारित करने की मांग : बिल्डर्स एसोसिएशन से जुड़ी और महिला रियल एस्टेट कारोबारी रमा सिन्हा ने कहा कि आर्थिक मंदी की हालत यह है कि पूछताछ के लिए भी लोगों का आना बंद हो गया है। स्थिति यह है कि सरकारी दर से भी कम दाम पर अपार्टमेंट की बिक्री करने पर कारोबारी मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि धनबाद में यदि किसी क्षेत्र में जमीन 2200 रूपये वर्ग फीट है तो वहां बिकने वाले फ्लैट की कीमत 1600 से 1800 रूपये के आसपास मिल रही है। यह काम मजबूरी में करना पड़ रहा है। सिन्हा ने सरकार से जमीन की तरह ही रियल स्टेट का दर निर्धारित करने की मांग की। साथ ही इस धंधे को उद्योग का दर्जा देने की भी मांग की।

रियल स्टेट से जुड़े हैं 200 प्रकार के कारोबार और करीब 10 हजार मजदूर : रमा सिन्हा बताती हैं कि एक बिल्डिंग बनाने के लिए छड़, सीमेंट, गिट्टी, बालू, लकड़ी, टाइल्स, प्लंबर, बिजली मिस्त्री, बढ़ई समेत करीब 200 प्रकार के व्यवसायी और मजदूर जुडे हैं। पांच हजार वर्गफीट पर यदि काम हो रहा है तो कम से कम एक सौ मजदूरों की जरूरत होती है। इस मंदी के कारण यह सभी प्रकार के भी व्यापार प्रभावित हो रहे हैं। सबसे अधिक राजस्व देने वाला रियल एस्टेट खुद घाटे में चल रहा है।

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