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DVC पंचेत परियोजना निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले रावण मांझी के निधन से शोक की लहर, नेहरू ने किया था सम्मानित Dhanbad News

परियोजना के निर्माण के बाद 6 दिसंबर 1959 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रावण मांझी को विशेष रूप से सम्मानित किया था। इसे दौरान उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिया गया।

By Sagar SinghEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 11:15 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 11:44 PM (IST)
DVC पंचेत परियोजना निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले रावण मांझी के निधन से शोक की लहर, नेहरू ने किया था सम्मानित Dhanbad News
DVC पंचेत परियोजना निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले रावण मांझी के निधन से शोक की लहर, नेहरू ने किया था सम्मानित Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। जिले के डीवीसी पंचेत परियोजना निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले रावण मांझी (94) का बुधवार को इलाज के दौरान निधन हो गया। उन्होंने मिशन अस्पताल दुर्गापुर में आखिरी सांस ली। रावण मांझी के निधन की सूचना से पूरे पंचेत में शोक की लहर दौड़ गयी।

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जानकारी हो कि पंचेत परियोजना 40 गुणा 2-80 मेगावट थर्मल प्लांट के निर्माण में रावण मांझी एवं बुधनी माझियान का अहम योगदान था। परिजोजन में जमीन अधिग्रहण के साथ काम के लिये भी प्रेरित किया। उस वक्त लोग काम नही करने चाहते थे। परियोजना के निर्माण के बाद 6 दिसंबर 1959 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बुधनी माझियान एवं रावण मांझी को विशेष रूप से सम्मानित किया था। इसे दौरान उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिया गया।

रावण मांझी को पंचेत के दशरथ मांझी के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने डीवीसी में कार्य से 1986 में सेवा निवृत्त हुए। रावण मांझी के तीन पुत्र एवं दो पुत्री है। रावण मांझी के मौत के बाद गणमान्य लोगों का तांता लग गया।


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