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सिर्फ 40 हजार एडवांस, रंजीत का काम तमाम

झारखंड विकास युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह हत्याकांड में गिरफ्तार शमशाद अख्तर उर्फ विक्की ने स्वीकार किया है कि उन लोगों ने 3 लाख रुपये की सुपारी ली थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 07:07 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 03:04 AM (IST)
सिर्फ 40 हजार एडवांस, रंजीत का काम तमाम
सिर्फ 40 हजार एडवांस, रंजीत का काम तमाम

रंजीत हत्याकांड में महत्वपूर्ण खुलासे

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- जेल में बंद प्रिंस खान के मुंशी शकील ने पहुंचाए थे रूपये

- शमशाद ने बैंक ऑफ इंडिया बाबूडीह ब्राच में जमा कराए थे रुपये

- हत्या से पहले चारों मे बंटे थे दो-दो हजार रूपये

- मुंबई में शमशाद ने बैंक से निकाले थे तेरह हजार रूपये

- शमशाद ने तीन व औरंगजेब ने मारी थी दो गोलियां

- प्रिंस के कहने पर साजीद ने उपलब्ध कराई थी चार पिस्टल

- हत्या के बाद दो पिस्टल साजीद को कर दी गई थी वापस

- 19 एवं 20 अगस्त को ही मारने का किया था प्रयास

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धनबाद : झारखंड विकास युवा मोर्चा धनबाद जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपित शमशाद अख्तर उर्फ विक्की ने यह स्वीकार किया है कि हत्या के लिए तीन लाख की सुपारी उनलोगों ने ली थी। एडवांस में 40 हजार रूपये मिले थे। हत्याकांड को अंजाम देने में कुल सात लोग शामिल थे। पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किये गए आरोपितों के बयानों से ये खुलासे हुए हैं। पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार चार आरोपितों शमशाद अख्तर, औरंगजेब, वरूण कुमार विश्वकर्मा और पंकज कुमार यादव को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अखलेश तिवारी की अदालत में पेश किया और यहां से इन सभी को जेल भेज दिया गया। वहीं अन्य आरोपित नीरज यादव, राजेश चौहान और बिट्टू रवानी अभी फरार हैं।

औरंगजेब ने बताई साजिश से अंजाम तक की कहानी :

औरंगजेब ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसकी शमशाद से अच्छी जान पहचान थी। इसी माह शमशाद ने उसकी बात जेल में बंद प्रिंस खान से फोन पर करायी थी। इस वार्ता के दौरान ही प्रिंस ने रंगदारी नहीं देने पर रंजीत सिंह की हत्या करने की बात कही। प्रिंस का आदेश मिलने के बाद दोनों कुसुंडा रेलवे साइडिंग गए और वहां पंकज और नीरज से भेंट की। यहां इन लोगों ने रंजीत के स्टाफ दुबे की बात फोन पर प्रिंस खान से कराई। फोन पर प्रिंस ने प्रति टन पांच रूपये रंगदारी देने की मांग की। दुबे द्वारा इन्कार करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। प्रिंस ने पंकज और नीरज को फोन पर रंजीत की हत्या करने का ऑर्डर दिया। इसके बाद दोनों ने प्रिंस से जेल में जाकर मुलाकात भी की। पंकज और नीरज ने रंजीत की रेकी की। 19 अगस्त से ही रंजीत को मारने की प्रयास ये सभी करने लगे। 21 अगस्त को पंकज यादव ने फोन कर बताया कि रंजीत गोंदुडीह ओपी आया हुआ, सभी जल्दी से आ जाओ। दस मिनट वरूण उर्फ बंटी और सोनू मोटरसाइकिल लेकर आए। चायपत्ती मैदान के पास औरंगजेब जहां सोनू की काले रंग की स्पलेंडर मोटरसाइकिल पर बैठा, वहीं वरूण की पल्सर मोटरसाइकिल पर शमशाद बैठ गया। इस दौरान रंजीत की प्रत्येक गतिविधि की खबर पंकज फोन पर दे रहा था। कुसुंडा रेलवे फाटक पर रंजीत की कार पहुंचते ही शमशाद ने तीन और औरंगजेब ने दो गोली दाग दी। गोली मारने के बाद दोनों चायपत्ती मैदान पहुंचे और फिर यहां से सभी घर चले गए। यही पर इन लोगों को रंजीत की मौत और मुन्ना खान के घायल होने की सूचना मिली। घटना को अंजाम देने के लिए पिस्टल साजिद ने प्रिंस खान के कहने पर उपलब्ध कराया था। औरंगजेब और शमशाद के पास दो-दो पिस्टल थे। घटना की सूचना फोन पर इन लोगों ने प्रिंस खान को दी। प्रिंस ने इन सभी को धनबाद जिला से बाहर भाग जाने की सलाह दी। इसके बाद ये लोग अपने घर गए और कपड़ा लेकर धनबाद स्टेशन से ट्रेन पकड़ आसनसोल पहुंचे। फिर यहां से मुम्बई मेल से मुम्बई चले गए। रंजीत की हत्या करने के लिए प्रिंस खान ने तीन लाख रूपये देने की बात कही थी, जबकि कुछ दिन पहले ही 40 हजार रुपये पेशगी दी गई थी।

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19 व 20 अगस्त को ही हुआ था प्रयास : शमशाद

पुलिस को दिए अपने बयान में शमशाद अख्तर उर्फ विक्की ने बताया कि रंजीत सिंह को मारने का प्रयास दो बार किया गया था। सफल नहीं होने पर तीसरी बार 21 अगस्त को हमला किया गया। विक्की के अनुसार 19 और 20 अगस्त को भी रंजीत को निशाना बनाया गया, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। विक्की ने स्वीकार किया है कि उसके मोबाइल नंबर 7091564528 पर प्रिंस ने जेल से ही अपने मोबाइल नंबर 8578076138 और 9572307824 से बात की थी।

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जेल में प्रिंस के शागिर्द बन गए थे पंकज और नीरज :

रंजीत हत्याकांड में घटना को अंजाम देने में अहम भूमिका अदा करने वाले पंकज यादव और नीरज जेल में रहने के दौरान ही प्रिंस खान के शागिर्द बन गए थे। पंकज ने पुलिस को जो बयान दिया है उसके अनुसार पंकज और नीरज मारपीट के मामले में गोंदुडीह ओपी पुलिस द्वारा जेल भेज गए थे। जेल में रहने के दौरान ही एक दिन प्रिंस खान ने इन दोनों को अपने पास बुलाया और पैसों का लालच देते हुए बाहर जाकर उसका काम करने की बात कही थी। काफी पैसा मिलने की उम्मीद पर दोनों प्रिंस खान के शागिर्द बन गए और 10 अगस्त को जेल से बाहर निकले। दो दिन बाद शमशाद ने इनसे संपर्क किया और रंजीत की हत्या करने के काम में शामिल कर लिया।

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कौन है औरंगजेब : औरंगजेब वही शख्स है, जिसने वर्ष 2014 में साबिर खान के ऊपर राची में गोली चलाई थी। उस मामले मे वह करीब छह माह तक राची जेल मे बंद था। साबिर खान और फहीम खान के बीच की दुश्मनी जग जाहिर है।

मुम्बई जेल में भी रह चुका है औरंगजेब : रंजीत हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए चारो आरोपितों का पुराना अपराधिक इतिहास रहा है। औरंगजेब वर्ष 2008 में चोरी के एक मामले में मुम्बई की जेल में दस माह तक रहा था। वर्ष 2014 में वह रांची में हथियार के साथ पकड़ा गया। इस मामले में उसे छह माह तक जेल में रहना पड़ा। 2016 में मारपीट के मामले में उसे जले की हवा खानी पड़ी थी। पंकज यादव और नीरज मारपीट के मामले में जेल जा चुके हैं।

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पुलिस लेगी प्रिंस का रिमाड : रंजीत हत्याकाड के मास्टरमाइंड जेल मे बंद फहीम खान के भाजे प्रिंस खान का पुलिस जल्द ही कोर्ट से रिमाड मागेगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार बुधवार को पुलिस अदालत मे प्रिंस को रिमाड पर लेने का आवेदन दे सकती है।

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शूटरों की हो सकती है टीआइपी : इस चर्चित हत्याकाड में शूटरों पर शिकंजा मजबूत करने के लिए पुलिस रंजीत सिंह के ड्राइवर और गोलीबारी में घायल मुन्ना खान से शूटरों की पहचान परेड जेल में करा सकती है। यह आरोपितों के विरूद्ध एक मजबूत साक्ष्य होगा।

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फ्लैशबैक

21 अगस्त को अपराधियों ने झारखंड विकास युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष एवं आउटसोर्सिग कंपनी बीकेबी प्रबंधक रंजीत सिंह को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। केंदुआडीह (गोन्दुडीह) ओपी में अपराधियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। पुलिस ने खुलासा किया था कि रंजीत की हत्या की पृष्ठभूमि गोधर निवासी बिट्टू रवानी एवं धनबाद जेल में बंद कुख्यात अपराधी प्रिंस खान ने तैयार की थी। पुलिस ने पहले पंकज यादव को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान वह टूट गया और उसने इस कांड में शामिल अन्य अपराधियों की जानकारी पुलिस को दे दी थी। पंकज से मिली जानकारी पर पुलिस की एक टीम मुंबई जाकर स्थानीय पुलिस की मदद से शमशाद एवं औरंगजेब को पकड़ा था। पूछताछ में दोनों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की। दोनों की निशानदेही पर वरुण की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों के पास से 9 एमएम की दो पिस्टल, सात मोबाइल, दो मोटरसाइकिल और 10 जिन्दा गोली बरामद की थी।

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रंजीत हत्याकांड ने खोली जेल सुरक्षा की पोल

धनबाद : झाविमो नेता रंजीत सिंह की हुई हत्या ने जेल सुरक्षा की पोल खोल कर रख दी है। जेल प्रबंधन सुरक्षा को लेकर चाहे जो भी दावे करे, रंजीत हत्याकांड में पकड़े गए अपराधियों ने साफ कर दिया है कि कारागार के अंदर मोबाइल फोन का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। ऐसे में अब धनबाद मंडल कारा की सुरक्षा व्यवस्था की भी ठोस समीक्षा की आवश्यकता दिखाई देती है। गिरफ्तार अपराधी शमशाद और औरंगजेब द्वारा पुलिस को दिए बयान पर गौर करें तो जेल में बंद प्रिंस खान ने रंगदारी मांगने से लेकर रंजीत सिंह की हत्या की साजिश करने और हत्या के बाद सूचना प्राप्त करने तक मोबाइल फोन का उपयोग किया है।

बंद हैं कई बड़े अपराधी : इन दिनों धनबाद जेल में कई बड़े अपराधी और शूटर बंद हैं। इनमें गैंग्स ऑफ वासेपुर के अलावा उत्तर प्रदेश के शूटर तक शामिल हैं। इनमें फहीम खान का भांजा प्रिंस खान के अलावा पूर्व डिप्टी मेयर स्व. नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपित शूटर भी शामिल हैं।


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