Rameshwar Murmu Murder Case: सिदो-कान्हू के वंशज को एक साल तक आर्थिक सहायता करेंगे सालखन, हेमंत सरकार को बताया झारखंड के शहीदों के प्रति बेपरवाह
सालखन मुर्मू ने कहा कि हेमंत सोरेन बरहेट से विधायक हैं। सिदो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या हुई थी तो उन्होंने सीबीआइ जांच की घोषणा की थी। लेकिन सीबीआइ जांच की अनुशंसा नहीं हुई। हेमंत ने भोगनाडीह आकर पीडि़त परिवार से मिलना भी जरुरी नहीं समझा है।
बरहेट, जेएनएन। जनता दल (यूनाइटेड) के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने भोगनाडीह जाकर संताल विद्रोह के नायक शहीद सिदो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू के परिजनों से मुलाकात की। बीते 12 जून को रामेश्वर मुर्मू की हत्या हुई थी। सालखन मुर्मू ने कहा कि हेमंत सोरेन यहीं से विधायक हैं। सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या हुई थी तो उन्होंने सीबीआइ जांच की अनुशंसा करने की घोषणा की थी। सीबीआइ जांच की अनुशंसा नहीं हुई। हेमंत सोरेन ने भोगनाडीह आकर पीडि़त परिवार से मिलना भी जरुरी नहीं समझा है जबकि वे यही से विधायक हैं। यह दर्शाता है कि हेमंत सरकार झारखंड के शहीदों और उनके परिजनों के प्रति बेपरवाह है। सालखन ने रामेश्वर मुर्मू की पत्नी कपरो मुर्मू को 10 हजार रुपए दिए। घोषणा की कि इस परिवार को एक साल तक हरेक माह 10 हजार रुपए सहयोग राशि दी जाएगी।
बच्चों की पढ़ाई का लिया जिम्मा
सालखन मुर्मू मंगलवार को साहिबगंज जिले के बरबेट पहुंचे थे। उन्होंने दिवंगत रामेश्वर मुर्मू के परिवार के साथ मुलाकात करने के बाद कहा कि उड़ीसा के कलिंगा इंस्टीट्यूट सोशल साइंस में आदिवासियों के लिए कॉलेज है। पीडि़त परिवार के बच्चों की वही पर पढ़ाई का जिम्मा लिया गया है। उन्होंने कहा कि शहीद सिदो कान्हू और शहीद बिरसा मुंडा के वंशजों के लिए सरकार को दो स्वतंत्र ट्रस्ट का निर्माण करना चाहिए। दोनों ट्रस्ट को सरकार की ओर से एक एक करोड़ रुपए पूंजी देनी चाहिए। ट्रस्ट के संचालन का दायित्व दोनों शहीदों के वंशज परिवार के पांच पांच सदस्यों को दिया जाना चाहिए। अगर हेमंत सरकार ट्रस्ट बनाने के लिए पहल नहीं करती है तो वे खुद आम लोगों से सहयोग लेकर ट्रस्ट बनाएंगे।
साहिबगंज एवं पाकुड़ में सरकार का पुतला दहन करें
सालखन मुर्मू ने कहा कि रामेश्वर हत्याकांड की सीबीआइ जांच, हिंदी के साथ संताली को राजभाषा का दर्जा, सरना धर्म को मान्यता, झारखंडी डोमिसाइल लागू करने एवं शहीद परिवारों के लिए ट्रस्ट बनाने की मांग इस सरकार ने पूरी नहीं की है। इसलिए 25 सितंबर को पूरे झारखंड में हेमंत सरकार का पुतला दहन होगा। साहिबगंज एवं पाकुड़ में हजारों लोगों को मिल कर पुतला जलाना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने।