Raksha Bandhan-2020 : पहले मरीजों की सेवा का कर्म फिर बहन होने का धर्म; नर्स बोलीं- मैं पूरे समाज की सिस्टर हूं Dhanbad News
नर्स गौरी विश्वास एक योद्धा की तरह रेलवे अस्पताल में ड्यूटी दे रही हैं। वे पिछले साल को याद कर रही है। उन्हें लग रहा है कि इस बार भाई की कलाई पर धागा बांधने जाना मुमकिन नहीं होगा।
धनबाद, जेएनएन। Raksha Bandhan-2020 जीव सेवा ही शिव सेवा है। सेवा ही कर्म है और धर्म भी। मैं पूरे समाज की सिस्टर हूं। मेरे लिए ड्यूटी पहले है। पहले ड्यूटी निभाऊंगी। उसके बाद टाइम मिला तो बहन का फर्ज भी पूरा करूंगी। पर अगर ज्यादा देर हो गयी तो भाई से क्षमा मांगकर घर के ईष्ट देवता को रक्षा धागा समर्पित कर दूंगी। यह कहना है भाई की कलाई पर हर साल रक्षाबंधन का धागा बांधने वाली बहन नर्स गौरी विश्वास का। वो इस बार एक योद्धा बनकर रेलवे अस्पताल में ड्यूटी दे रही हैं।
हालांकि वो गुजरी यादों को याद कर रही है, लेकिन इस बार उन्हें लग रहा है कि भाई की कलाई पर धागा बांधने जाना मुमकिन नहीं है। कोरोना के बढ़ते मामले के कारण ड्यूटी सख्त हो गयी है। नर्स गौरी ने बताया कि रेलवे हॉस्पिटल में अस्पताल में मरीजों की देखभाल के लिए उनकी ड्यूटी लगी है। रोज अस्पताल में संक्रमित मरीज भी जा रहे हैं। इन हालात में रक्षाबंधन पर अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने जाने के लिए समय निकाल पाना बहुत मुश्किल है।
पिछले साल भाई के साथ चखा था मनपसंद व्यंजन का स्वाद : भिस्तीपाड़ा में रहने वाली नर्स गौरी ने बताया कि उनका अपना भाई नहीं है। चचेरा और मौसेरा भाई राखी में आते हैं। पिछले साल जब भाई आया था तो उस समय उसके भाई ने उसे एक गिफ्ट दिया था। उसे आज भी संभाल कर रखा है। उसके मनपसंद का व्यंजन भी बनाया था और भाई-बहन मिल कर स्वाद चखे थे। बहुत सी यादें पिछले साल की हैं, जो इस वर्ष फिर से ताजा हो रही हैं। पिछले साल भाई ने उससे वादा किया था कि वह हर मुश्किल की घड़ी में उसके साथ खड़ा रहेगा। आज वाकई साथ खड़ा है। कोरोना काल की इस मुश्किल घड़ी में वह ड्यूटी कर रही है और उनका भाई मॉरल सपोर्ट कर रहा है।
योद्धा बनकर लोगों की मदद कर रही बहन : गौरी के भाई सौरभ विश्वास का कहना है कि लोगों की मदद करना बहुत अच्छी बात है, लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि जब लोग ज्यादा गंभीर बीमारियों से लड़ रहे हो तब किसी की मदद की जाए। उसकी बहन एक योद्धा बनकर लोगों की मदद के लिए इस कोरोना काल में डटी हुई है। उसके परिवार के लिए यह बहुत सौभाग्य की बात है। सौरभ ने कहा कि जब कोरोना महामारी शुरू हुआ तो बहन को लेकर परिवार में चिंता रहती थी। आज भी उसको लेकर फिक्रमंद है, लेकिन मानव जाति पर संकट की इस घड़ी में बहन पर हमे गर्व है।