डीजीएमएस डीजी को गिरफ्तार कर पहली बार सुर्खियों में आए थे राकेश अस्थाना
खान सुरक्षा महानिदेशालय खनन के क्षेत्र में तकनीकी दक्षता प्रमाण पत्र जारी करता है। इसके लिए लिखित परीक्षाएं ली जाती है। परीक्षा पास कराने के लिए डीजीएमएस में बोली लगती है।
धनबाद, जेएनएन। चर्चित मीट कारोबारी मोईन कुरैशी से कथित रूप से दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने में आरोपित किए जाने के बाद सीबीआइ के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना अपने सेवाकाल के दाैरान बंटोरे गए तमाम सुर्खियों में अब टॉप पर हैं। बहुत कम लोग ही जानते हैं कि अस्थाना पहली बार खान सुरक्षा महानिदेशालय के महानिदेशक कैप्टन बीएन सिंह को गिरफ्तार कर सुर्खियों में आए थे। तब वे धनबाद में सीबीआइ एसपी के रूप में पदस्थापित थे।
डीसी कैप्टन बीएन सिंह को 11 लाख के साथ धर दबोचा थाः खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) खनन के क्षेत्र में तकनीकी दक्षता प्रमाण पत्र जारी करता है। इसके लिए लिखित परीक्षाएं ली जाती है। परीक्षा पास कराने के लिए डीजीएमएस में बोली लगती है। ढाई दशक पहले 1994-95 विभिन्न परीक्षाओं में भ्रष्टाचार की शिकायत सीबीआइ को प्राप्त हुई। चूंकि शिकायत भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के तहत आनेे वाले डीजीएमएस के टॉप अधिकारी महानिदेशक के खिलाफ थी इसलिए हाथ डालना आसान काम नहीं था। धनबाद के तत्कालीन सीबीआइ एसपी के रूप में राकेश अस्थाना ने डीजीएमएस मुख्यालय में दबिश दी। डीजी कैप्टन बीएन सिंह को 11 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया। उस समय तक पूरे देश में अपने तरीके का यह पहला मामला था जब महानिदेशक स्तर के अधिकारी सीबीआई गिरफ्त में आए थे। इस बड़ी कार्रवाई के बाद अस्थाना पहली बार सुर्खियों में आए और छा गए। उनकी गिनती सीबीआइ में देश के ईमानदार अफसरों में होने लगी। उनका रुतबा बढ़ गया।
चारा घोटाले की जांच में रही महती भूमिकाः अस्थाना जब धनबाद में सीबीआइ एसपी थे उसी समय बिहार का बहुचर्चित चारा घोटाला सामने आया। तब झारखंड नहीं बना था और धनबाद बिहार में ही था। तत्कालीन बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से अस्थाना ने पटना में जाकर एक मामले में घंटों पूछताछ की थी। अस्थाना ने ही सीबीआइ के तत्कालीन संयुक्त निदेशक यूएन विश्वास के साथ मिलकर लालू के खिलाफ चार्जशीट भी तैयार की थी।
पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप कांड की जांच की मिली थी जिम्मेवारीः 17 दिसंबर 1995 को प. बंगाल के पुरुलिया में हेलिकॉप्टर से आर्म्स ड्रॉप की गई थी। यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में था। इस कांड की फील्ड इन्वेस्टिगेशन सुपरविजन की जिम्मेदारी अस्थाना को मिली थी।