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जैविक खाद से खेती की रंगत बदल जेंटलमैन किसान बना राजू, दूसरे कर रहे अनुसरण

राजू तीन एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर रहा है। यहां पैदा हुई सब्जियां पौष्टिक हैं। अपने खेत में वे आलू मूली साग सरसों प्याज के अलावा फूलों की खेती करते हैं।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 10:35 AM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 10:35 AM (IST)
जैविक खाद से खेती की रंगत बदल जेंटलमैन किसान बना राजू, दूसरे कर रहे अनुसरण
जैविक खाद से खेती की रंगत बदल जेंटलमैन किसान बना राजू, दूसरे कर रहे अनुसरण

भूली, सौरव पांडेय। प्रदूषण के कारण ग्लोबल वार्मिंग के खतरे और खेतों में हो रहे रासायनिक खाद के प्रयोग ने इंसान के जीवन को झकझोर दिया है। इससे मानव आए दिन बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। बावजूद अब लोग जागरूक हो रहे हैं। धनबाद को ही लें तो श्रमिक कॉलोनी भूली बस्ती के राजू हाड़ी समेत जिले के अनेक किसान जैविक खाद का प्रयोग खेतों में कर रहे हैं। इससे उनके खेतों को मृदा प्रदूषण से मुक्ति मिली है।  

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राजू ने बताया कि अपनी तीन एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर रहे हैं। यहां पैदा हुई सब्जियां पौष्टिक हैं। अपने खेत में वे आलू, मूली, साग, सरसों, प्याज के अलावा फूलों की खेती करते हैं। सब्जियों का स्वाद भी जैविक खाद के प्रयोग से अच्छा हो रहा है। जैविक  खाद से खेती करने में सबसे अहम फायदा यह होता है कि सिंचाई के लिए कोई खास मेहनत नहीं करनी पड़ती। कम पानी में काम चल जाता है। 

सिंचाई की आधुनिक तकनीक का प्रयोग : बकौल राजू वह अपने खेत में ड्रिप एरिगेशन सिस्टम से खेती करता है। सिंचाई की इस विधि में पानी की खपत कम होती है। इसके तहत बूंद-बूंद पानी का सटीक उपयोग हो जाता है। इस विधि में खेत में पाइप लाइन बिछाते हैं। फिर मिट्टी को पाइप पर डालते हैं। पाइप को मोटर से जोड़ते हैं और पानी की आपूर्ति पाइप में होने लगती है। पौधों की जड़ों में इस विधि से बूंद-बूंद पानी पहुंच जाता है। अब राजू का अनुसरण आस-पास के किसान कर रहे हैं। 

सालाना 4 लाख से अधिक होती आमदनी : राजू के अनुसार सब्जियों की बिक्री से उनको साल में चार लाख से अधिक आमदनी हो जाती है। जैविक खेती से उत्पन्न सब्जियों की मांग बहुत है। अब आन वाले दिनों में खेती का दायरा और बढ़ाएंगे। 


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