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    Dhanbad News: संकट में राजपूत बस्ती के बाशिंदों की जान, पानी और जहरीली गैस से भरा 1.75 किमी खोखला क्षेत्र 

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 12:07 PM (IST)

    राजपूत बस्ती के नीचे 1.75 किमी का क्षेत्र खोखला हो गया है, जो पानी और गैस से भरा है। इससे निवासियों में दहशत है और दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। स्थान ...और पढ़ें

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    जहरीली गैस से जूझते राजपूत कॉलोनी के लोग। फाटो जागरण

    आशीष अंबष्ठ, धनबाद। बीसीसीएल की पीबी एरिया की केंदुआडीह, राजपूत बस्ती, नया धौड़ा पुराना महाप्रबंधक बंगले के पीछे, थाना क्षेत्र सहित इसके आसपास जहरीली गैस के चपेट में आ गया है। स्थिति काफी खतरनाक बनी हुई है। जानमाल को काफी खतरा है। इस बात से कोयला मंत्रालय को अवगत करा दिया गया है।

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    गैस कब, कहां से कितनी मात्रा में रिसाव हो रहा, इसको लेकर वैज्ञानिक जांच जारी है। अब तक ठोस नतीजा तक नहीं पहुंच पाया है। कोयला मंत्रालय, श्रम व रोजगार मंत्रालय को भी इससे अवगत करा दिया गया है।

    कोयला मंत्रालय ने अपनी सारी टीम को धरातल पर उतार दिया है। बीसीसीएल, कोल इंडिया, सीएमपीडीआइएल, डीजीएमएस मिलकर काम कर रही है। इसके अलावा IIT IMS, सिंफर के वैज्ञानिक भी इसमें लगे हुए है।

    कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने स्वयं इसकी निगरानी मंत्रालय से कर रहे है। महाप्रबंधक गणेश चंद्र साह कार्य में गंभीरता नहीं दिखाने पर निलंबित कर दिया गया है। जांच टीम को नक्शा के अध्ययन करने के बाद इलाका नीचे पूरी तरह से अग्नि प्रभावित है। नीचे पानी व गैस से भरा है।

    पहले यहां 13 व 14 नंबर सिम में भूमिगत खदान संचालित हो चुका है। बालू की भराई तक नहीं हुई है जिसके कारण आग अंदर ही अंदर गैस के रूप में जहरीली होती जा रही है। कोयला निकासी के बाद बड़ा भूभाग भूमिगत खनन के कारण खोखली है।

    जहां जमीन कमजोर पड़ने के बाद जहरीली गैस ऊपर आ रही है। बीसीसीएल की मानें तो इसका दायरा करीब 1.75 किमी है। धनबाद बोकारो रोड के बगल तक सीमांकन है। डीजीएमएस की टीम ने भी इस मैप पर अध्ययन करने शुरू कर दिया है।

    केंदुआडीह राजपूत बस्ती का इलाका काफी खतरनाक : मंत्रालय

    इधर कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सनोज कुमार झा ने शनिवार को दैनिक जागरण को बताया कि जो रिपोर्ट मिली है, उसमें केंदुआडीह राजपूत बस्ती का इलाका काफी खतरनाक हो गया है। पहले लोग यहां से हटकर जान बचाएं। जहां तक रोजगार की बात है। इस दिशा में हर स्तर पर पहल हो रही है।

    पहले जिस तरह से बाढ़ आता है, तो लोग जान की रक्षा करते है। जान छोड़ रोजगार की चिंता करेंगे, तो स्थिति भयावह हो जाएगी। बेलगड़िया व करमाटाड़ से आने जाने के लिए साधन दिया गया है। कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण की व्यवस्था है।

    मुआवजा तय किया गया है। इसका लाभ ले कर व्यवसाय करने की जरूरत है। झा ने कहा कि सभी स्तर पर जानमाल को बचाने के लिए काम किया जा रहा है। उन्हें सुविधा मिलेगी। इसका पूरा ध्यान है।