स्वास्थ्य विभाग में राजीव कुमार की थी मजबूत पकड़, साहिबगंज में भी दर्ज है प्राथमिकी
राजीव कुमार पर साहिबगंज में पदस्थापित रहते हुए दवा आपूर्ति का दो करोड़ का टेंडर मैनेज करने का आरोप भी लगा था। आरोप था कि उसने अरिहंत नामक सप्लायर के लिए दो कराेड़ रुपये का दवा आपूर्ति का टेंडर मैनेज किया था।
साहिबगंज, जेएनएन। नौकरी का झांसा देकर युवतियों का यौन शोषण करने व उसका वीडियो बनाने के आरोप में 27 मार्च 2021 को गिरफ्तार सिमडेगा के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव कुमार स्वास्थ्य विभाग में मजबूत पकड़ रखता था। इसी वजह से कई तरह का आरोप लगने के बाद भी वह पद पर बना रहा और अपने कार्यों को अंजाम देता रहा। साहिबगंज में पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति में गड़बड़ी करने पर उसपर जिरवाबाड़ी ओपी में 19 सितंबर 2019 में प्राथमिकी दर्ज करायी गई। इस मामले में उसने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली। जिला कोर्ट ने उसकी अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी।
राजीव कुमार पर साहिबगंज में पदस्थापित रहते हुए दवा आपूर्ति का दो करोड़ का टेंडर मैनेज करने का आरोप भी लगा था। आरोप था कि उसने अरिहंत नामक सप्लायर के लिए दो कराेड़ रुपये का दवा आपूर्ति का टेंडर मैनेज किया था। इसके एवज में आपूर्तिकर्ता ने राजीव कुमार को परिवार के सदस्यों के साथ बैंकॉक की सैर करायी थी। बैंकॉक की यात्रा के लिए राजीव कुमार ने विभाग से भी अनुमति नहीं ली थी। नियमत: सरकारी कर्मी को विदेश यात्रा से पूर्व विभाग की अनुमति लेनी पड़ती है। एक व्यक्ति ने मई 2019 में मुख्यमंत्री जनसंवाद में टेंडर मैनेज करने की शिकायत करते हुए इसकी जांच कराने का आग्रह किया था। राजीव कुमार के बैंकाक यात्रा का टिकट व होटल बुकिंग की रिसीट भी उपलब्ध करायी गई थी। नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी करने की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद विभाग ने राजीव कुमार का स्थानांतरण साहिबगंज से सिमडेगा कर दिया। इसी बीच 11 सितंबर 2019 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक ने राजीव कुमार से स्पष्टीकरण मांगा था। लेकिन इसके बाद क्या हुआ यह किसी को पता नहीं चला। जानकारों की मानें तो अपनी पहुंच की बदौलत अपने विरुद्ध की जा रही सभी जांच को ठंडे बस्ते में रखवा दिया।
स्वास्थ्य विभाग में बहाली में हुई गड़बड़ी मामले में राजीव कुमार पर जिरवाबाड़ी ओपी में प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी। इस मामले में उसने हाईकोर्ट से जमानत ले ली। मामले की जांच-पड़ताल जारी है।
-संजय कुमार, एसएसआइ जिरवाबाड़ी ओपी सह कांड के अनुसंधानकर्ता