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रांची के राजीव शेखर बने आइआइटी आइएसएम के पहले निदेशक

रांची के मूल निवासी व वर्तमान में आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर राजीव शेखर आइआइटी आइएसएम धनबाद के पहले निदेशक होंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 14 Mar 2018 10:17 AM (IST)Updated: Wed, 14 Mar 2018 10:18 AM (IST)
रांची के राजीव शेखर बने आइआइटी आइएसएम के पहले निदेशक
रांची के राजीव शेखर बने आइआइटी आइएसएम के पहले निदेशक

धनबाद, जागरण संवाददाता। रांची के मूल निवासी व वर्तमान में आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर राजीव शेखर आइआइटी आइएसएम धनबाद के पहले निदेशक होंगे। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राजीव शेखर को नियुक्ति पत्र सौंप दिया है। आइआइटी के निदेशक की रेस में वर्तमान निदेशक डीसी पाणिग्रही भी थे, लेकिन अंतिम समय में राजीव शेखर के आवेदन करने से डीसी पाणिग्रही का चयन नहीं हुआ।

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यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले यूएसए से मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग में एमएस और पीएचडी राजीव शेखर अभी आइआइटी कानपुर के मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनिय¨रग विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। आइआइटी आइएसएम सहित कई अन्य आइआइटी के लिए 28 फरवरी को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देश पर साक्षात्कार हुआ था। इसमें आइएसएम धनबाद के वर्तमान निदेशक प्रो.डीसी पाणिग्रही सहित कई लोगों ने आवेदन किया था। साक्षात्कार के बाद मानव संसाधन मंत्रालय ने निदेशक की सूची जारी की है। मौजूदा निदेशक प्रो.डीसी पाणिग्रही का कार्यकाल नौ सितंबर 2016 को समाप्त हो चुका है। पाणिग्रही उसके बाद से एक्सटेंशन पर चल रहे थे। नौ सितंबर 2011 में डीसी पाणिग्रही आइएसएम के निदेशक बने थे।

झारखंड में हुई है स्कूली शिक्षा

प्रो. राजीव शेखर ने जागरण से हुई बातचीत में बताया कि आइआइटी आइएसएम माइनिंग एवं अर्थ साइंस में विश्वस्तरीय ब्रांड है। इसके इतर यहां दूसरे अन्य विषयों को भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का प्रयास होगा। संस्थान की पहचान केवल माइनिंग और अर्थ साइंस में नहीं, बल्कि दूसरे अन्य विषयों में भी हो सके, इसपर काम होगा। इसके अलावा शोध और विदेशी शिक्षण संस्थानों के साथ शैक्षणिक स्तर पर होनेवाले एमओयू को भी प्रमुखता के साथ किया जाएगा ताकि विदेशी शिक्षा, शोध के बारे में यहां के छात्रों को अधिक से अधिक जानकारी मिल सके। छात्र एवं प्राध्यापकों को सुविधाएं देना उनकी प्राथमिकता में शामिल है।

प्रशासनिक चीजों पर अधिक जोर होगा, बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाना है। बचपन से ही उनका जुड़ाव धनबाद से है। उन्होंने डिनोबिली स्कूल डिगबाडीह से दसवीं तक की शिक्षा हासिल की है। बीच में पिता का स्थानांतरण होने पर सेंट जेवियर्स स्कूल हजारीबाग में भी कुछ साल पढ़ाई की। इसके बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज रांची से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। राजीव शेखर के पिता राज किशोर शेखर सेल चासनाला सिंदरी में बतौर सीईओ के पद पर कार्यरत थे। इनके ससुर डीजीएमएस धनबाद में निदेशक के पद पर रह चुके हैं।

राजीव शेखर का प्रोफाइल

-विभागाध्यक्ष, मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर।

-विभागाध्यक्ष, सेंटर फॉर सोलर एनर्जी टेक्नोलॉजी जोधपुर : आइआइटी जोधपुर।

- 1988 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले यूएसए से मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग में एमएस और पीएचडी।

-1982 में आइआइटी कानपुर से मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग से बीटेक।

-1969 से 1974 तक सेंट जेवियर्स स्कूल हजारीबाग से स्कूलिंग।

-डिनोबिली स्कूल डिगवाडीह, धनबाद से नौवीं और दसवीं, इसके बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज रांची से पढ़ाई पूरी की।

-रांची मूल निवास स्थान, वर्तमान में कानपुर में रह रहे।


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