Move to Jagran APP

एक तालाब के दो दावेदार, एक रैयत दूसरी सरकार

तालाब पर एक ओर सरकार का दावा बताया गया है तो दूसरी तरफ गोलकनाथ गोराई के स्वामित्व की बात कही गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 11:48 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 11:51 AM (IST)
एक तालाब के दो दावेदार, एक रैयत दूसरी सरकार
एक तालाब के दो दावेदार, एक रैयत दूसरी सरकार

धनबाद, बलवंत कुमार। सरकारी विभागों के द्वारा जमीन को लेकर किस प्रकार से उलट फेर की जाती है, इसका खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी से हुई है। मामला गोविंदपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत जयनगर मौजा के एक तालाब से संबंधित है। इस तालाब पर एक ओर सरकार का दावा बताया गया है, तो दूसरी तरफ गोलकनाथ गोराई के स्वामित्व की बात कही गई है। सरकार के दो विभागों के अलग-अलग आदेशों पर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।

loksabha election banner

क्या है मामला : जयनगर गांव में नवाहरा तालाब है। इस तालाब को लेकर वर्ष 1995 में मत्स्य विभाग द्वारा इसकी बंदोबस्ती सूचना निकाली गई। इस सूचना पर गोलकनाथ गोराई ने तालाब पर रैयती दावा करते हुए अमर समहत्र्ता के न्यायालय में आवेदन दाखिल कर दिया। सारे तथ्यों का जानने के बाद न्यायालय ने 14 जून 1995 को रैयत दावा का हक होने की बात कही और मत्स्य विभाग को बंदोबस्ती सूचना निरस्त करने का आदेश दिया। इस आदेश पर जिला मत्स्य कार्यालय धनबाद ने 16 जून 1995 को अपर समहर्ता न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए निरस्त करने संबंधी आदेश जारी कर दिया। शांत पड़े इस मामले में आठ मई 2018 को एक बार फिर अंचल कार्यालय गोविंदपुर ने हवा दे दी। अंचल की ओर से नवाहरा तालाब को सरकारी बताते हुए जीर्णोद्धार संबंधी आदेश जारी कर दिया।

आरटीआइ में जवाब : सूचना का अधिकार के तहत अंचल कार्यालय ने बताया कि हल्का कर्मचारी के प्रतिवेदन के आधार पर गत सर्वे खतियान 1932 में और हाल सर्वे 1993 में किया गया था। खतियान के अनुसार उपरोक्त मौजा गैर आबाद है यानी सरकारी है। इस मौजा को लेकर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर गोविंदपुर अंचल कार्यालय ने अनापत्ति देने की बात से इंकार किया है। जबकि प्रखंड विकास पदाधिकारी गोविंदपुर की ओर से तीन मई 2018 को एक पत्र भूमि संरक्षण सर्वेक्षण पदाधिकारी धनबाद को जारी किया गया। इसमें बताया गया कि बीते पांच वर्षो में उपरोक्त तालाब में किसी भी सरकारी मद से कोई कार्य नहीं किया गया है, इसलिए जीर्णोद्धार का कार्य से सिंचाई के साथ दैनिक कार्य के लिए ग्रामीणों को सुविधा मिलेगी। यह अनापत्ति मिलने के बाद अंचल अधिकारी ने आठ मई 2018 को पत्र जारी कर जयनगर नावाहर सरकारी तालाब के जीर्णोद्धार का आदेश जारी कर दिया।

सवाल : अलग-अलग सरकारी विभागों के आदेश ने कई सवाल खड़े कर दिए। सवाल उठता है कि आखिर इस तालाब पर दावा किसका है, सरकार या रैयत का? अपर समाहत्र्ता न्यायालय का आदेश सही है या अंचल कार्यालय गोविंदपुर का?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.