Rainwater Harvesting: यहां गगनचुंबी इमारतों के नक्शे में हो रहा वर्षा जल का संचयन, धरातल पर ढूंढते रहिए पानी
झारखंड रेन वाटर हार्वेस्टिंग रेगुलेशन-2017 की अधिसूचना सभी शहरी निकायों के लिए जारी की गई थी। 300 वर्ग मीटर के प्लॉट में बने भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना था।
धनबाद, जेएनएन। धनबाद में अपार्टमेंट कल्चर को विकसित करने में माडा और नगर निगम की मुख्य भूमिका रही है। किसी भी शहर के विकास के लिए यह उचित भी था, लेकिन दोनों ही संस्थाओं ने धड़ल्ले से नक्शा पास किया जरूर, लेकिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग को ही दरकिनार कर दिया। न तो नक्शे में इसकी जांच की गई, न ही बिल्डिंग बनने के बाद पड़ताल हुई। नतीजा धनबाद कंक्रीट का जंगल बनता गया और उसी तेजी से भूगर्भ जलस्तर भी कम होता गया। बानगी देखिए, जिस धनबाद में 50 साल पहले 55 से 60 मीटर पर पानी मिल जाता था, अभी वहां पानी के लिए 160 से 220 फीट तक बोरिंग करनी पड़ रही है।
नगर निगम और जिला प्रशासन की आंखों पर पट्टी बंधी है। जब राष्ट्रीय अभियान चलता है तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग जांच करने की याद आती है। यही कारण है कि पिछले वर्ष जल शक्ति अभियान के तहत जिला प्रशासन और नगर निगम ने 300 से अधिक अपार्टमेंट की जांच की थी। इसमें महज 10 फीसद में ही रेनवाटर हार्वेस्टिंग मिला। कई पर जुर्माना किया गया तो कई को हिदायत देकर छोड़ दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर व्यवस्था कर लें। इसके बाद कोई पड़ताल करने नहीं गया कि वाकई इन अपार्टमेंट में संरक्षण की व्यवस्था की भी गई या नहीं।
तीन साल हो गए नियम बने
झारखंड रेन वाटर हार्वेस्टिंग रेगुलेशन-2017 की अधिसूचना सभी शहरी निकायों के लिए जारी की गई थी। इसमें प्रावधान किया गया है कि वर्ष 2010 के बाद 300 वर्ग मीटर (3229.17 वर्ग फुट) या इससे अधिक के प्लॉट में बने भवनों में हर हाल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना होगा। ऐसा नहीं करने पर जुर्माना लगेगा। नगर निकायों को इसका अधिकार भी दिया गया है। शहरी क्षेत्र में भू-जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। कई इलाकों में तो 300 फीट की बोरिंग भी फेल हो जा रही है।
हवा में जिला स्तरीय कमेटी
वर्षा जल संरक्षण की निगरानी के लिए राज्य व जिला स्तर पर कमेटी का गठन करने का प्रावधान किया गया था। जिला स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष उपायुक्त होंगे। इस कमेटी में एक तकनीकी सेल भी होगा जो संरक्षण के लिए लोगों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा। कमेटी की बैठक कम से कम तीन महीने में एक बार होगी। कमेटी जिले में स्थिति की समीक्षा करेगी।
दंड का भी प्रावधान
नियमों का उल्लंघन करने की स्थिति में भवन का ऑक्योपेंसी सॢटफिकेट नहीं जारी किया जाएगा। वर्ष 2010 या इसके बाद बने भवनों में वर्षा जल संरक्षण की व्यवस्था नहीं होने पर पानी के बिल का 25 प्रतिशत पहले तीन महीने के लिए, उसके बाद के तीन महीने में 50 प्रतिशत दंड लगेगा। इस अवधि के बाद दंड की रकम पानी के बिल के बराबर हो जाएगी। अपार्टमेंट में यह व्यवस्था नहीं करने पर बिल्डर पर जुर्माने का प्रावधान है।
सरकारी संस्थानों में भी जरूरी : जिले के सभी पब्लिक, प्राइवेट, सरकारी संस्थान/भवन में नियम लागू होगा। यहां बारिश के पानी को जमा करना, ग्राउंड वाटर रिचार्ज करना और मिट्टी में नमी व हरियाली बनाए रखना है।
समय-समय पर जांच की जाती है। जहां सिस्टम नहीं बना है, वहां जुर्माना करने के साथ ही बनवाने का दबाव दिया जाता है। अभी लॉकडाउन चल रहा है, इसलिए बेवजह का दबाव नहीं दिया जा रहा है। स्थिति सुधरेगी तो फिर से दबाव बनाया जाएगा।
- चंद्र मोहन कश्यप, नगर प्रशासक धनबाद
शहर के अपार्टमेंट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थिति
- नाम रेन वाटर हार्वेस्टिंग
- श्री कांप्लेक्स, हीरक रोड नावाडीह- नहीं
- ओंकार सिटी, विनोद बिहारी चौक नावाडीह : नहीं
- गणपति अपार्टमेंट, बारामुड़ी : नहीं
- सनफ्लावर अपार्टमेंट, भूली बस्ती रोड नावाडीह : नहीं
- सरयू अपार्टमेंट, सूर्य विहार कॉलोनी बरवाअड्डा रोड : नहीं
- गंगा बिल्ला अपार्टमेंट, सूर्य विहार कॉलोनी बरवाअड्डा रोड : नहीं
- अनन्या अपार्टमेंट स्टील गेट : नहीं
- प्रगति फेज वन सरायढेला : नहीं
- प्रगति फेज 2 सरायढेला : नहीं
- रोशन एनक्लेव रघुवर नगर : नहीं
- कैलाशपुरी कोलाकुसमा : नहीं
- धैया लाहबनी रोड स्थित आकाशगंगा अपार्टमेंट : है
- धैया लाहबनी रोड त्रिमूॢत अपार्टमेंट : नहीं
- धैया लाहबनी रोड मां तारा अपार्टमेंट : नहीं
- सरायढेला वनस्थली कॉलोनी महागौरी अपार्टमेंट : है
- नीलांचल कॉलोनी नीलांचल होम : है
- सरायढेला मुरली नगर कोऑपरेटिव कॉलोनी के पीछे साई आश्रय : है
- गुरुकृपा अपार्टमेंट : नहीं
- मटकुरिया होम्स (जाट मोहल्ला, मटकुरिया) : नहीं
- गणपति टावर राहरगोड़ा धैया : नहीं
- जीएस रेसिडेंस, गांधी रोड जोड़ाफाटक : नहीं
- हरिओम टावर अजंता पाड़ा : नहीं
- गोकुल अपार्टमेंट झारखंड मैदान मोड़ : नहीं
- श्रद्धा अपार्टमेंट ज्ञान मुखर्जी रोड : नहीं
- रिलायंस टावर हीरापुर : नहीं
- केजीएन अपार्टमेंट, वासेपुर : नहीं
- ओम रेसिडेंसी, हीरक रोड : नहीं
- मनोरमा रेसिडेंसी, हीरक रोड : नहीं
- शिवालय, सरायढेला : नहीं