धमाके से बीस मीटर पर डटे रहे 'राम-रहीम' को रेलमंत्री सम्मान से नवाजेंगे
जिंदगी दांव पर लगाकर हजारों यात्रियों की जान बचाने वाले राम और रहीम को रेलवे पुरस्कृत करेगी। उन्हें सम्मनित करने के लिए धनबाद बुलाया गया है।
धनबाद, जेएनएन। नक्सलियों ने जहां लगातार दो धमाके कर पटरी को उड़ा दिए, वहां से महज 20 मीटर की दूरी पर दो पेट्रोलमैन डटे रहे। इनमें एक चंद्रेश कुमार और दूसरे मुबारक हुसैन थे। चारों ओर घने जंगल और स्याह अंधेरी रात में जहां चंद कदमों पर मौत थी, उसकी फिक्र किए बगैर दोनों ने तत्काल रेलवे के सहायक स्टेशन मास्टर राजू कुमार को इत्तला किया और अप और डाउन की सभी ट्रेनों को रोकने की गुजारिश की। उनकी सूचना पर तत्काल रेल परिचालन रोक दिया गया और रेल यात्रियों की जान-माल की हानि टल गई।
जिंदगी दांव पर लगाकर हजारों यात्रियों की जान बचाने वाले 'राम और रहीम' को मंगलवार को पुरस्कृत किया गया। उन्हें धनबाद बुलाकर डीआरएम अनिल कुमार मिश्रा ने नगद पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके साथ रेलमंत्री पीयूष गोयल भी उन्हें सम्मान से नवाजेंगे। दरअसल, नक्सलियों ने पाकुड़ के पूर्व एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या के दोषी दो नक्सलियों को अदालत द्वारा फांसी की सजा दिए जाने के विरोध में 15 अक्टूबर की आधी रात से 17 अक्टूबर की आधी रात तक के लिए दो दिवसीय बिहार-झारखंड बंद का आह्वान किया है। इस दौरान अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए उन्होंने सोमवार की देर रात धनबाद रेल मंडल के चौधररीबांध-चेंगरो हॉल्ट के बीच लगातार दो विस्फोट कर रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया था। इस घटना के कारण कई ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया।
रेल पीआरओ पीके मिश्रा के अनुसार, रात 10.45 पर विस्फोट कर ट्रेक उड़ाया गया था। तड़के 3.15 पर डाउन लाइन को दुरुस्त कर लिया गया था जबकि अप लाइन 3.30 पर ठीक हुआ।