पहले फाइनेंस कंपनी ने ठगा फिर पति ने घर से निकाला
मोहलीडीह की सावित्री देवी कों दो फाइनेंस कंपनियो ठगा फिर पति ने घर से निकाल दिया।
संस, पूर्वी टुंडी : मोहलीडीह की सावित्री देवी का दर्द बेशुमार है। पहले उन्हें दो फाइनेंस कंपनियों की तरफ से ठगा गया। उनके नाम पर फर्जी निकासी कर 52 हजार रुपये का ऋण दिखाया गया। इधर, जब उसके पति शिवलाल सोरेन को इस कर्ज के बारे में पता चला तो उसने बिना कुछ जाने समझे पत्नी को घर से निकाल दिया। अब वह अपने जेठ के घर रह रही है। प्रखंड कार्यालय के सामने डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन कर रही सावित्री ने कहा कि कुछ लोगों ने गांव में समूह बनाकर सुविधा देने की बात कह कर कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करा लिए। कुछ समय बाद कंपनी के लोग किस्त के पैसा वसूलने पहुंचे गए। तब पता चला कि उसके नाम से ऋण है। इस जानकारी पति को हुई तो उसने गुस्से में घर से ही निकाल दिया। जबकि मुझे कोई पैसा भी नहीं मिला। विधवा को शादीशुदा दिखा निकाल लिए पैसे
धरना में पहुंचीं केसीडीह गांव की विधवा राधिका देवी ने बताया कि पति के देहांत के बाद पिता के साथ गांव में रहती है। कंपनी के लोग समूह में जोडकर कई तरह की सुविधा दिलाने का लालच दिया। लोगों ने कहा कि इसके लिए तुम्हे शादी शुदा बनना होगा। ताकि पता चले कि तुम्हारा पति जीवित है। तभी तुम्हें सुविधाएं मिलेंगी। कागजात तैयार करने की बात कहकर कुछ कागजों पर अंगूठा लगवा लिया। कुछ समय बाद फाइनेंस कंपनी के लोग किस्त की राशि वसूलने आए तब पता चला कि मेरे नाम से ऋण निकल चुका है और मेरे हाथ मे कोई पैसा नहीं दिया गया। धरना में दी गई पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि
ग्रामीण संघर्ष महिला मोर्चा के बैनर तले फाइनेंस कंपनियों के धोखाधड़ी की शिकार महिलाओं का अनिश्चितकालीन घेरा डालो, डेरा डालो कार्यक्रम प्रखंड कार्यालय लटानी के समक्ष दूसरे दिन भी जारी रहा। दूसरे दिन धरने में सभा की शुरुआत महिलाओं ने पुलवामा में शहीद वीर जवानों को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि देते हुए किया गया।
प्रशासन को नहीं है पीड़िताओं की फिक्र : ज्ञानरंजन
धरना में झाविमो जिला अध्यक्ष ज्ञान रंजन सिन्हा ने कहा कि गांव में महिला समूह को ठगा जाना आजीविका मिशन पर सवाल खड़े करता है। इतने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ और प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रहा। इससे पता चलता है कि पूरा प्रशासनिक तंत्र फेल है। प्रखंड कार्यालय में दो दिनों से सैकड़ों महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ बिना किसी सुविधा के दिन रात पड़ी हुई हैं। परंतु बीडीओ या किसी अन्य पदाधिकारी ने आकर समस्या तक जानना जरूरी नहीं समझा। महिलाओं ने भी कड़े शब्दों में कहा कि यदि हमारी बात शालीनता से नहीं सुनी जाएगी तो फिर हम प्रखंड कार्यालय के अंदर जाकर डेरा डाल देंगे।
धरना में ग्रामीण महिला संघर्ष मोर्चा पूर्वी टुंडी की अध्यक्ष मालती देवी, उपाध्यक्ष कुसमोली देवी, सचिव कुसुम देवी, राधिका देवी, छाया देवी, पूजा बाउरी, बिजली देवी, मंगली देवी, भादरी देवी, अंचला देवी, काजल दत्ता, मंगल सोरेन, जानकी, रजक, अकबर अंसारी आदि थीं।