नीरज सिंह की पत्नी पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल, झरिया से चुनाव लड़ने का एलान Dhanbad News
पूर्णिमा सिंह गुरुवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से किसी कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने झरिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी।
By Edited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 12:01 AM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 12:16 PM (IST)
जागरण संवाददाता, झरिया: कांग्रेस नेता नीरज सिंह की मौत के करीब ढाई साल बाद उनकी पत्नी पूर्णिमा सिंह गुरुवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से किसी कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने झरिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी। हालांकि उनके चुनाव लड़ने की बात तो नीरज सिंह की हत्या के बाद से ही की जा रही थी, लेकिन इस बार उन्होंने खुद इसका एलान किया है।
पूर्णिमा ने कहा कि झरिया में जल संकट के लिए यहां के जनप्रतिनिधि ही जिम्मेदार हैं। वर्षों से यहां की जनता पानी के लिए तरस रही है, इसके बावजूद जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं। वे गुरुवार को कतरास मोड़ स्थित कांग्रेस कार्यालय में झरियावासियों के लिए जल टैंकर समर्पित करने के पहुंची थी। उन्होंने कहा कि जल संकट के निदान के लिए ही पति की याद में यहां के लोगों को पानी टैंकर दे रही है। जरुरत के अनुसार आगे और टैंकर उपलब्ध कराएंगी। झरिया विधायक का नाम लिए बगैर कहा कि जिस घर का मुखिया घर में नहीं होता है, उस घर की स्थिति कैसी होती है, यह सभी जानते हैं। यही हाल झरिया विधानसभा का हो गया है। कहा कि झरिया के लोगों के बीच जाकर उनकी अन्य समस्याओं से रूबरु होकर उसके समाधान की कोशिश करेंगे। विस्थापन के मुद्दे पर कहा कि झरिया के लोगों का विस्थापन सही तरीके से होना चाहिए। उचित मुआवजा, बेहतर आवास के साथ रोजगार भी दिया जाना चाहिए। लोगों की दो बीघा जमीन लेकर उन्हें दो छोटे कमरे नहीं देना चाहिए।
मौके पर अभिषेक सिंह, हर्ष सिंह, ललन चौबे, रवींद्र वर्मा, सुनील सिंह, रामजी सिंह, प्रीतम रवानी, प्रमोद चंद्रवंशी, सुनील दुबे, अशोक मालाकार, राजेंद्र साव सहित कई कांग्रेसी व जमसं बच्चा गुट के लोग शामिल थे।
मालूम हो कि झरिया के वर्तमान विधायक संजीव सिंह अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या के मामले में ही फिलहाल धनबाद जेल में बंद हैं। वहीं उनकी पत्नी रागिनी सिंह ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का दामन थामा है। ऐसे में कयास यह भी लगाया जा रहा है कि संजीव सिंह के चुनाव न लड़ पाने की स्थिति में पूर्णिमा सिंह को रागिनी सिंह टक्कर देंगी।
पूर्णिमा ने कहा कि झरिया में जल संकट के लिए यहां के जनप्रतिनिधि ही जिम्मेदार हैं। वर्षों से यहां की जनता पानी के लिए तरस रही है, इसके बावजूद जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं। वे गुरुवार को कतरास मोड़ स्थित कांग्रेस कार्यालय में झरियावासियों के लिए जल टैंकर समर्पित करने के पहुंची थी। उन्होंने कहा कि जल संकट के निदान के लिए ही पति की याद में यहां के लोगों को पानी टैंकर दे रही है। जरुरत के अनुसार आगे और टैंकर उपलब्ध कराएंगी। झरिया विधायक का नाम लिए बगैर कहा कि जिस घर का मुखिया घर में नहीं होता है, उस घर की स्थिति कैसी होती है, यह सभी जानते हैं। यही हाल झरिया विधानसभा का हो गया है। कहा कि झरिया के लोगों के बीच जाकर उनकी अन्य समस्याओं से रूबरु होकर उसके समाधान की कोशिश करेंगे। विस्थापन के मुद्दे पर कहा कि झरिया के लोगों का विस्थापन सही तरीके से होना चाहिए। उचित मुआवजा, बेहतर आवास के साथ रोजगार भी दिया जाना चाहिए। लोगों की दो बीघा जमीन लेकर उन्हें दो छोटे कमरे नहीं देना चाहिए।
मौके पर अभिषेक सिंह, हर्ष सिंह, ललन चौबे, रवींद्र वर्मा, सुनील सिंह, रामजी सिंह, प्रीतम रवानी, प्रमोद चंद्रवंशी, सुनील दुबे, अशोक मालाकार, राजेंद्र साव सहित कई कांग्रेसी व जमसं बच्चा गुट के लोग शामिल थे।
मालूम हो कि झरिया के वर्तमान विधायक संजीव सिंह अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या के मामले में ही फिलहाल धनबाद जेल में बंद हैं। वहीं उनकी पत्नी रागिनी सिंह ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का दामन थामा है। ऐसे में कयास यह भी लगाया जा रहा है कि संजीव सिंह के चुनाव न लड़ पाने की स्थिति में पूर्णिमा सिंह को रागिनी सिंह टक्कर देंगी।
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