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निजी विद्यालयों में BPL बच्चों की पढ़ाई होगी महंगी, शिक्षण शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार Dhanbad News

निजी स्कूलों में पढ़नेवाले बीपीएल बच्चों की फीस की 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। झारखंड में शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी होने के बाद से अब तक फीस में बढ़ोतरी नहीं की गयी थी।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 10:19 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 10:19 AM (IST)
निजी विद्यालयों में BPL बच्चों की पढ़ाई होगी महंगी, शिक्षण शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार Dhanbad News
एक बीपीएल बच्चे का सालाना शुल्क 5100 से बढ़ाकर 9000 रुपये करने का प्रस्ताव है।

धनबाद, जेएनएन। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बीपीएल बच्चों की फीस में बढ़ोतरी की जाएगी। वर्तमान में एक बीपीएल बच्चे का वर्षभर का शिक्षण शुल्क 5100 रुपये निर्धारित है। अब इसे बढ़ाने की तैयारी है। निजी स्कूलों को प्रति माह 425 रुपये की दर से बीपीएल बच्चों का शिक्षण शुल्क सरकार द्वारा दिया जाता है। झारखंड शिक्षा परियोजना ने बीपीएल बच्चों के पठन-पाठन के लिए निजी स्कूलों को मिलनेवाली फीस में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है।  एक बीपीएल बच्चे का शुल्क अब सालाना 5100 से बढ़ाकर 9000 रुपये का प्रस्ताव है। ऐसे में स्कूल को प्रति माह 750 रुपये की दर से शिक्षण शुल्क दिया जायेगा। राज्य में वर्ष 2011 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी है। इसके तहत मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की इंट्री क्लास में कुल सीट के 25 फीसदी सीट पर बीपीएल बच्चों के नामांकन का प्रावधान है। बीपीएल बच्चों की फीस सरकार द्वारा दी जाती है। 

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नौ साल बाद होगी फीस में बढ़ोतरी 

निजी स्कूलों में पढ़नेवाले बीपीएल बच्चों की फीस की 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। झारखंड में शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी होने के बाद से अब तक फीस में बढ़ोतरी नहीं की गयी थी। नौ साल बाद शुल्क में बढ़ोतरी होगी। स्कूलों को समय पर फीस नहीं मिलती है। वर्ष 2019-20 की फीस भी स्कूलों को अब तक नहीं दी गयी है। जबकि शैक्षणिक सत्र 2020-21 का छह माह गुजर गया है। 

कक्षा एक से नीचे नामांकन पर भारत सरकार नहीं देती है पैसा

शिक्षा का अधिकार अधिनियम में निजी स्कूलों में इंट्री क्लास के कुल सीट के 25 फीसदी सीट पर बीपीएल बच्चों के नामांकन लेने का प्रावधान है। राज्य के अधिकतर निजी स्कूलों में इंट्री क्लास एलकेजी और यूकेजी से शुरू होती है।


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