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BCCL: बीसीसीएल ने नगर निगम के साथ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए किया था एमओयू, दो वर्ष के बाद भी नहीं मिल सका जल

कोलियरी क्षेत्र के परियोजना प्रभावित लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बीसीसीएल ने नगर निगम के साथ मिलकर एमओयू किया था। इस परियोजना को 2 वर्ष में पूरा किया जाना था। दो वर्ष पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक इसका काम शुरू नहीं हुआ।

By Atul SinghEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 11:56 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 12:51 PM (IST)
BCCL:  बीसीसीएल ने नगर निगम के साथ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए  किया था एमओयू,   दो वर्ष के  बाद भी नहीं मिल सका जल
कोलियरी क्षेत्र के परियोजना प्रभावित लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बीसीसीएल ने एमओयू किया था। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

धनबाद, जेएनएन: कोलियरी क्षेत्र के परियोजना प्रभावित लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बीसीसीएल ने नगर निगम के साथ मिलकर एमओयू किया था। इस परियोजना को 2 वर्ष में पूरा किया जाना था। दो वर्ष पूरा हो चुका है। लेकिन अभी तक इसका काम शुरू नहीं हुआ। इस बीच बीसीसीएल ने दो नई परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। इनमें से एक परियोजना तो खदानों के पानी का शोधन कर जलापूर्ति करने का है। वहीं दूसरी परियोजना दामोदर पर डैम बनाकर जलापूर्ति करने का है।

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वाप्कोस लिमिटेड अभी इन परियोजनाओं का अध्ययन ही करेगी और अप्रैल तक रिपोर्ट देगी। इसके बाद परियोजना लागत एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।

क्या थी पुरानी परियोजना :

वर्ष 2017 में राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर निगम के साथ मिलकर खदानों के पानी का उपयोग पेयजल के रूप में करने की योजना बनी थी। इसके तहत बरोरा, गोविंदपुर, पुटकी बलिहारी, बस्ता कोला, चाच  विक्टोरिया में शोधित पिट वाटर की आपूर्ति की जानी थी। फुलारीटाड,  महेशपुर, साउथ बलिहारी, शिमला बहाल व दाहिबारी में क्लोरी नेशन प्लांट व मुनिडीह एवं खरखड़ी में रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट लगाया जाना था। मार्च 2018 में इसके लिए काम शुरू हो जाना था। हालांकि 2 वर्ष बाद भी अभी तक काम शुरू नहीं हो सका।

बैठक में मौजूद रहे पूर्व चंद्रशेखर अग्रवाल के मुताबिक बीसीसीएल सीएसआर के तहत इस परियोजना पर काम कर रहा था। पूरा फंड नगर विकास विभाग का लगना था। यह नगर निगम के 310 करोड की पेयजल आपूर्ति करने की महत्वाकांक्षी परियोजना का एक हिस्सा था। अग्रवाल के मुताबिक परियोजना का टेंडर किया जा चुका है। काम चल रहा है।अब इसे झमादा के हवाले कर दिया गया है। इस परियोजना के तहत जल शोधित कर बीसीसीएल एवं परियोजना प्रभावित क्षेत्रों में आपूर्ति की जाएगी। 

बता दें कि इस परियोजना के तहत जिन इलाकों में जलापूर्ति की जानी है उनमें दहीबाडी को छोड़ शेष सभी नगर निगम के इलाके में आते हैं। बीसीसीएल में जो नया प्रोजेक्ट तैयार किया है, उसके तहत भी इन्हीं इलाकों में जलापूर्ति किया जाना है। ऐसे में यह परियोजना कितनी कारगर होगी यह सवालों के घेरे में है। निगम के साथ बीसीसीएल ने जो योजना बनाई थी वह भी मौजूदा सीएमडी गोपाल सिंह के ही रहते हुआ था। वह उस वक्त बीसीसीएल के प्रभारी सीएमडी थे।


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