यहां 750 डायलिसिस मरीजों की खतरे में जान, निजी अस्पतालों ने किसी भी नए रोगी को भर्ती करने से किया इन्कार Dhanbad News
सदर अस्पताल में पीपीपी मोड पर डायलिसिस मशीनें लगाई गई हैं लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण इसका उद्घाटन नहीं हो पाएगा। मशीन की कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये है।
धनबाद, जेएनएन। शहर के निजी अस्पताल और नर्सिंग होम डायलिसिस मरीजों के इलाज से हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में जिले के लगभग 750 मरीजों के सामने जिंदगी मौत का खतरा उत्पन्न हो गया है। निजी नर्सिंग होम और अस्पताल नए मरीजों को पीएमसीएच जाने की सलाह दे रहॉे है। जिससे अचानक पीएमसीएच में डायलिसिस मरीजों की भारी लाइन लगनी शुरू हो गई है। यहां पर भी डायलिसिस के लिए 15 से 20 दिनों का समय दिया जा रहा है।
दरअसल पीएमसीएच में पहले से ही पांच में से चार मशीनें मेंटेनेंस मांग रही है। कोलकाता से मेंटेनेंस करने के लिए टेक्नीशियन नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में किसी तरह लोकल मिस्त्री से मशीन बनवा कर काम लिया जा रहा है। भारी भीड़ को देखते हुए अब पीएमसीएच प्रबंधन ने भी हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं। पीएमसीएच प्रबंधन ने कहा है कि कभी भी मशीन शटडाउन हो सकता है। इससे भारी संकट उत्पन्न होने की आशंका है। इधर, शहर के एशियन जलान, अशर्फी अस्पताल, पाटलिपुत्र नर्सिंग होम सहित कई बड़े अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
धनबाद में साढे 750 मरीज : पीएमसीएच के डॉक्टरों की मानें तो धनबाद में किडनी के लगभग पांच हजार मरीज है। इसमें लगभग 750 सौ मरीजों का डायलिसिस हो रहा है। लेकिन, जिले के बड़े नर्सिंग होम और अस्पतालों के एकाएक हाथ खड़े कर देने से मरीजों पर भारी आफत आ गई है।
निजी अस्पताल नहीं लेना चाह रहे थे भर्ति : निजी अस्पताल और नर्सिंग होम फिलहाल पुराने मरीजों का ही डायलिसिस कर रहे हैं। डायबिटीज के मरीजों में सबसे बड़ी परेशानी सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में जो भी डाली सीट के मरीज निजी अस्पताल पहुंच रहे हैं। निजी अस्पताल के डॉक्टर से संदिग्ध कोरोना मरीज मान रहे हैं और उसे पीएमसीएच जाने की सलाह दे रहे हैं। यही कारण है कि नए मरीजों का इलाज करने से निजी अस्पताल मुकर रहे हैं।
डेढ़ करोड़ की डायलिसिस मशीन बेकार, नहीं हुआ उद्घाटन : स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण सदर अस्पताल में पिछले तीन माह के बाद भी डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन नहीं हो पाया। यहां पीपीपी मोड पर डायलिसिस मशीनें लगाई गई हैं। लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण इसका उद्घाटन नहीं हो पाएगा। मशीन की कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये है। अब मशीन होते हुए भी धनबाद के डायलिसिस के मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।
क्यो हो रही परेशानी :
- हीरापुर के नरेश प्रसाद को प्रति माह दो डायलिसिस करवाना पड़ता है। लेकिन अब निजी अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इस कारण पीएमसीएच में जाकर डायलिसिस करवाना पड़ रहा है। यहां 10 दिन के बाद उनका नंबर आया है।
- भूली के मोहम्मद नसीम को सप्ताह में एक बार डायलिसिस करवाना होता है। लेकिन, अब निजी अस्पताल हाथ खड़े कर रहे हैं। परिजन अब पीएमसीएच की ओर रुख कर रहे हैं।
- निजी अस्पताल और नर्सिंग होम मरीजों का डायलिसिस नहीं कर रहे हैं। इस वजह से पीएमसीएच में लगातार भीड़ बढ़ रही है। हमारी मशीन खराब है। किसी तरीके से बनाकर चलाया जा रहा है। यह कभी भी बैठ सकता है। -डॉ अरुण कुमार चौधरी अधीक्षक, पीएमसीएच धनबाद।