रमजान की जुमा अतुल विदा की नमाज आज
रमजान की चौथी व आखिरी जुम्मा शुक्रवार को है इसे जुमा अतुल विदा भी कहा जाता है। हालांकि संक्रमण की स्थिति व सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए जिले की सारी मस्जिद की कमेटियों ने जुमे की नमाज को स्थगित कर दिया है। कमेटी ने सभी लोगों को अपने-अपने घरों में ही नमाज अदा करने को कहा है।
संस, धनबाद : रमजान की चौथी व आखिरी जुम्मा शुक्रवार को है, इसे जुमा अतुल विदा भी कहा जाता है। हालांकि संक्रमण की स्थिति व सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए जिले की सारी मस्जिद की कमेटियों ने जुमे की नमाज को स्थगित कर दिया है। कमेटी ने सभी लोगों को अपने-अपने घरों में ही नमाज अदा करने को कहा है। रमजान का यह तीसरा अशरा चल रहा है, जो मगफीरत का होता है। इस माह में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने की कोशिश के लिए भूख-प्यास समेत तमाम इच्छाओं को रोकता है, बदले में अल्लाह अपने उस इबादत गुजार रोजेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है। रमजान में की गई हर नेकी का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। इस महीने में एक रकात नमाज अदा करने का सवाब 70 गुना हो जाता है। साथ ही इस माह में दोजख के दरवाजे भी बंद कर दिए जाते हैं। रमजान महीने में भी सूनसान है वासेपुर की सड़कें
रमजान के महीने में हमेशा वासेपुर की सड़कों पर सैकड़ों लोगों की चहल-पहल रहती थी। कोई इफ्तार का सामान खरीद रहा होता था तो कोई शहरी का। रमजान के आखिरी हफ्ते में लोग ईद की खरीदारी के लिए उमड़ पड़ते थे। लेकिन अभी हालात यह है कि लोग अपने घरों से निकल ही नहीं रहे हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग अपने-अपने घरों में ही इबादत कर रहे हैं। बहुत जरूरी काम से ही लोग सड़कों पर निकल रहे हैं। नमाज कुरान की तिलावत या किसी प्रकार का नफील इबादत लोग अपने-अपने घरों पर ही कर रहे हैं।