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अयोध्‍या में मंदिर बनने से पहले भाजपा के इस विधायक ने धनबाद में बना दिया श्रीराम धाम

अयोध्‍या में श्रीराम मंदिर निर्माण के वादे को भले भाजपा सरकार इस कार्यकाल में पूरा नहीं कर सकी, लेकिन उससे पहले बाघमारा विधायक ढुलू महतो ने श्रीराम का भव्‍य मंदिर बनवा दिया है।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 10:16 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 10:16 AM (IST)
अयोध्‍या में मंदिर बनने से पहले भाजपा के इस विधायक ने धनबाद में बना दिया श्रीराम धाम
अयोध्‍या में मंदिर बनने से पहले भाजपा के इस विधायक ने धनबाद में बना दिया श्रीराम धाम

संवाद सहयोगी, कतरास: अयोध्‍या में श्रीराम मंदिर निर्माण के वादे को भले भाजपा सरकार इस कार्यकाल में पूरा नहीं कर सकी, लेकिन उससे पहले भाजपा के बाघमारा विधायक ढुलू महतो ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में श्रीराम का भव्‍य मंदिर बनवा दिया है। विधायक के पैतृक गांव चिटाही स्थित रामराज मंदिर से अध्यात्म की अविरल धारा बह रही है।

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मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पांच फरवरी से शुरू हो गई है। नौ दिवसीय महोत्सव के तीसरे दिन गुरुवार को पंडितों की टोली ने महायज्ञ में वैदिक रीति पूजन व हवन कार्य किया। यज्ञ स्थल के भीतर व बाहर परिक्रमा करने वालों का देर शाम तक तांता लगा रहा।पंडितों ने मंदिर के भीतर प्रभु श्रीराम के दरबार, शिव पार्वती व राधाकृष्ण व हनुमान व श्रीगणेश की प्रतिमाओं का जलाधिवास का कार्यक्रम संपन्न कराया।

इस दौरान श्रद्धालुओं के द्वारा लगाए जा रहे जयकारे से माहौल गूंजता रहा। मुख्य यजमान विधायक ढुलू महतो एवं उनकी धर्मपत्नी सावित्री देवी के अलावा भाई रामचंद्र महतो, शत्रुघन महतो, भरत महतो, लक्षमण महतो सहित पूरे परिवार के सदस्य व गांव के कई लोगों ने पूजन कार्य में भाग लिया।

राजा वैसा हो, जिससे प्रजा निर्भय हो सके: श्रीराम के राजा बनने के बाद सभी का दुख समाप्त हो गया। राजा को वैसा होना चाहिए जिससे सारी प्रजा निर्भय होकर अपना जीवन व्यतीत कर सके। अयोध्या से चलकर चिटाही में यज्ञ व प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न करान आए वेदाचार्य व आचार्य राजेंद्र पांडेय व धनंजय दूबे ने यह बात कही।

उन्‍होंने कहा कि रामजी जो कहते थे वही करते थे। कहते वही थे, जो धर्मयुक्त था। यज्ञ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें वेदों के माध्यम से देवताओं का पूजन करते हैं, बदले में देवता प्रसन्न होकर जल की वृष्टि करते हैं। अससे समस्त प्रजा पशु पक्षी चराचर सुखी होते हैं।


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