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एक पिता एकस के हम बारिक का उपदेश गुरु नानक ने दृढ़ कराया : ज्ञानी सतवंत

धनबाद जगत गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 550वें अवतार दिवस का हर्षोल्लास देश-विदेश सहित कोयलांचल में भी बढ़-चढ़ कर बोल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 04:09 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:17 AM (IST)
एक पिता एकस के हम बारिक का उपदेश गुरु नानक ने दृढ़ कराया : ज्ञानी सतवंत
एक पिता एकस के हम बारिक का उपदेश गुरु नानक ने दृढ़ कराया : ज्ञानी सतवंत

धनबाद : जगत गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 550वें अवतार दिवस का हर्षोल्लास देश-विदेश सहित कोयलांचल में भी बढ़-चढ़ कर बोल रहा है। बैंक मोड़ बड़ा गुरुद्वारा कमेटी साध संगत के सहयोग से इसे तीन दिनी कार्यक्रम के रूप में भव्य तरीके से मना रही है। इसी क्रम में मंगलवार तीसरे दिन बड़ा गुरुद्वारा ग्राउंड में सजे पंडाल में मुख्य समागम में संगत ने गुरु दरबार में गोते लगाए और गुरु घर की खुशियां प्राप्त की। सुबह 10 बजे से स्थानीय जत्थों ने गुरवाणी कीर्तन कर संगत का समां बांधा। हजूरी रागी देवेंद्र सिंह निरोल ने भी संगत को गुरु भक्ति में लीन किया।

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समागम में कमेटी के बुलावे पर विशेष तौर पर पधारे पंथ प्रसिद्ध प्रचारक ज्ञानी सतवंत सिंह अमृतसर वाले ने संगत को गुरवाणी के उपदेशों से अकालपुरखी परमात्मा की प्राप्ति का संदेश दिया। संगत को गुरु घर से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गुरु नानक देव जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु के आने का उद्देश्य लोकाई का कल्याण एवं सर्व सांझी वार्ता था। गुरवाणी कहती है सुनी पुकार दातार प्रभु गुरु नानक जग माहे पठाया..। संसार में जुल्म बढ़ गया था। ढोंगी राजे लोगों को कर्मकांड में दिगभ्रमित कर अपना व्यापार चला रहे थे। तब गुरु नानक देव जी ने 30 हजार किमी की चार उदासियां (यात्रा) कर लोगों को जागरूक किया और कर्मकांड, पाखंड आदि से पर्दा उठाया। एक पिता एकस के हम बारिक का उपदेश दृढ़ कराया।

इसके उपरांत भाई साहिब भाई बहादुर सिंह दसोआ वाले ने अल्लाही गुरवाणी से शबद रसना श्रवण किया और संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया। शाम चार बजे विशेष दीवान की समाप्ति हुई।

देर रात आगमन के शबद से गूंजा गुरुद्वारा

शाम को भी सोदर रहिरास साहिब के बाद तीसरा दीवान सजाया गया। इसमें भी संगत ने बढ़-चढ़ कर गुरु दरबार में हाजरियां भरी। रात को गुरुद्वारा में चल रहे सेहज पाठ की समाप्ति हुई। फिर आगमन शबद संगत को श्रवण कराए गए।

आज सद्भावना दिवस का आयोजन : बुधवार शाम सात बजे से सद्भावना दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान हिदू, मुस्लिम, सिख, इसाई समाज के प्रबुद्ध लोग गुरु नानक देव जी पर अपने विचार रखेंगे कि उन्हें कौन धर्म किस नाम से जानता है। इसी तरह गतका (सिख मार्शल आर्ट) व शबद गायन भी प्रस्तुत किए जाएंगे।

25 हजार संगत ने ग्रहण किया गुरु का अटूट लंगर : मंगलवार दिन के विशेष दीवान में दोपहर एक बजे से गुरु की प्रथा लंगर का आयोजन किया गया। 25 हजार संगत ने शाम पांच बजे तक गुरु का अटूट लंगर ग्रहण किया और अपना जीवन सफल किया।

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वर्जन

-72 साल बाद करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए पाक के पीएम इमरान खान व नवजोत सिंह सिद्धू को बधाई। उन्होंने अपनी दोस्ती निभाते हुए गुरुद्वारा ही नहीं खोला बल्कि 150 किमी के रास्ते को चार किमी में सिमटा दिया। संगत आसानी से धार्मिक स्थल के दर्शन कर रही है।

सतपाल सिंह ब्रोका, प्रवक्ता, गुरुद्वारा कमेटी

-गुरु जी ने कहा है नाम जपो, बांट के छको व किरत करो। उन्हीं के उपदेशों का स्मरण संगत को करना चाहिए। प्रीतपाल सिंह, मटकुरिया

-550वां प्रकाश पर्व देखना सौभाग्य की बात है। इससे बढ़ी खुशी और नहीं। गुरु के दर्शन कर धन्य हो गई। परमजीत कौर, मटकुरिया

-गुरु घर के दर्शन मात्र से जीवन सफल होता है। खासकर यह सौभाग्य वाला समय है जब गुरु नानक का 550वां अवतार पर्व संसार में मनाया जा रहा है। मंजीत कौर, जोड़ाफाटक

-गुरुद्वारा कमेटी ने बहुत बढ़ा आयोजन किया है। सुनकर रहा नहीं गया। परिवार के साथ गुरु की खुशियां प्राप्त करने आया हूं। चरणजीत सिंह, आद्रा

-550 साल गुरु दे नाल। यह दिन देखकर जीवन में आना सफल हो गया। गुरु जी के उपदेशों का स्मरण हर किसी को करना चाहिए। त्रिलोचन सिंह, बरवाअड्डा


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