Move to Jagran APP

Post Office Monthly Income Scheme Scam: एजेंटों ने की करोड़ों की फर्जी निकासी, भटक रहे निवेशक Dhanbad News

एसबी चटर्जी की पुत्री सुमन ने बताया कि सेवानिवृत्त पोस्टमास्टर सुरेश दत्त तिवारी पिता से अच्छे संबंध थे। तिवारी लोगों के खाता खोलते थे। एजेंट मनईटांड़ की महिला आशा देवी थीं।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 07:26 AM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 07:26 AM (IST)
Post Office Monthly Income Scheme Scam: एजेंटों ने की करोड़ों की फर्जी निकासी, भटक रहे निवेशक Dhanbad News
Post Office Monthly Income Scheme Scam: एजेंटों ने की करोड़ों की फर्जी निकासी, भटक रहे निवेशक Dhanbad News

धनबाद [मोहन गोप]। डाकघर में मंथली इनकम स्कीम (एमआइएस) के नाम पर लाभुकों से करोड़ों रुपये की ठगी कर ली गई है। लाभुकों के फर्जी एकाउंट व हस्ताक्षर से यह राशि खाते से उड़ा ली गई। मामला तब प्रकाश में आया जब ठगी का मुख्य आरोपित सेवानिवृत्त पोस्टमार्टम सुरेश दत्त तिवारी की मौत पिछले माह (अगस्त 2019) में किडनी बीमारी के कारण हो गयी।
लाभुक जब संबंधित ब्रांच पहुंचे, तब पता चला कि उनका एमआइएस खाता तो पहले ही बंद हो गया है। अधिकांश खाते जिला परिषद स्थित डाकघर से खोले गये थे और इसकी राशि को मनईटांड़ के ब्रांच में फर्जी खाता व हस्ताक्षर से स्थानांतरित करके निकाल लिया गया। कई लोगों से ठगी हुई है। वहीं ठगी से संबंधित महिला एजेंट आशा देवी गायब हो गई है। करोड़ों की इस ठगी में एक सिंडिकेट ने काम किया। जांच के बाद डाकघर के अफसर व कई कर्मी पर कार्रवाई तय है। ठगी के शिकार लोगों ने डाकघर, पुलिस व सीबीआइ को शिकायत की है। तीनों स्तर से जांच भी शुरू हो गयी है।
किसकी कितनी थी राशि, कैसे निकाली: एसएसएलएनटी अस्पताल से सेवानिवृत्त लिपिक व अधिवक्ता एसबी चटर्जी से 47 लाख रुपये की निकासी कर ली गयी। एसबी चटर्जी के सीनियर सीटिजन स्कीम से 11.90 लाख, उनकी पत्नी शैली चटर्जी के सीनियर सीटिजन के खाते से 14.65 लाख, पुत्री शिल्पी के एमआइएस खाते से 4.86 लाख, दूसरी पुत्री सुमन के एमआइएस से 5.10 लाख रुपये की निकाली कर ली। कुल लगभग 47 लाख रुपये है। सभी खाते 2015 से 2017 के बीच खोले गये। इसकी मैच्यूरिटी डेट 2020 से 22 के बीच थी। लेकिन प्री मैच्यूरिटी में ही राशि निकाल ली गयी। एसबी चटर्जी एलसी रोड में रहते हैं।
ऐसे की निकासी : एसबी चटर्जी की पुत्री सुमन ने बताया कि सेवानिवृत्त पोस्टमास्टर सुरेश दत्त तिवारी पिता से अच्छे संबंध थे। तिवारी लोगों के खाता खोलते थे। एजेंट मनईटांड़ की महिला आशा देवी थी। इसी एजेंट के माध्यम से खाता खोले गये थे। उन्होंने पहले एमआइएस में खाता खोलवाया। इसके बाद राशि दी जाने लगी। इस बीच फर्जी खाता व हस्ताक्षर से सुरेश दत्त तिवारी ने 47 लाख रुपये की निकासी कर ली। कुछ शक हुआ तो हेड पोस्ट ऑफिस व जिला परिषद स्थित ब्रांच ऑफिस गये। वहां पर पता चला कि खाते से निकासी कर ली गयी है। परिजन सुरेश दत्त तिवारी के पास गये। तिवारी ने जुलाई में एक लाख का चेक दिया पर वह बाउंस कर गया। फिर तीन जुलाई 2019 को दस लाख का चेक दिया, वह भी बाउंस कर गया।
बितन नंदी का फर्जी खाता बना सात लाख ठगः एसएसएलएनटी अस्पताल में ही लिपिक के पद से सेवानिवृत्त बितन नंदी व उनकी पत्नी अल्पना नंदी (संयुक्त खाता) के ख्राते से सात लाख रुपये निकाल लिये गये। वहां भी आशा देवी एजेंट के माध्यम से सुरेश दत्त तिवारी ने 2015 में खाता खोला था। इसके बाद उनके खाते से भी राशि निकासी कर ली गयी। नंदी ने बताया कि बेटी की शादी अब कैसे होगी, चिंता हो रही है।
ऐसे निकासी की : बितन ने बताया कि तिवारी ने जिला परिषद में संयुक्त खाता खोलवाया। इसके बाद मनइटांड़ में मेरे नाम से फर्जी खाता खोला। इसमें मेरा एकल खाता था, लेकिन साइन पत्नी का भी स्कैन कर लिया गया था। तिवारी विश्वास में लेकर खाता अपने पास रखता है। उसने मेरे एमआइएस खाता के इंटरेस्ट को आरडी खाता (रिकेङ्क्षरग डिपोजिट) खोलकर परिवर्तित कर दिया। शक होने पर जिला परिषद गया तो पता चला कि एमआइएस खाता 2017 से ही बंद हो गया है। मनइटांड़ से खाता बनाकर निकाली कर ली गयी।
अब तक जिन लोगों ने की शिकायत
-आरके पांडेय (हाउसिंग कॉलोनी)
-केके ओझा (धैया)
-एक स्कूल के प्राचार्य
-सुरेश सिंह व अरविंद सिंह (गांधी नगर)
-मनइटांड़ की एक विधवा भी बनी शिकार
जिला परिषद में थे पोस्टमास्टर, बना लिया सिंडिकेः सुरेश दत्त तिवारी जिला परिषद में पोस्टमास्टर थे। रिटायर होने के बाद भी उनकी धाक विभाग में देखी जाती थी। इस कारण एक सिंडिकेट खड़ा कर दिया गया। उन्होंने मनईटांड़ की ही आशा देवी को एजेंट बनाया। उसके नाम से वे लोगों का खाता खोलते थे। मिली भगत से वह यहां आकर पहले एमआइएस के तहत ग्राहकों का खाता खोलते थे, इसके बाद फोटो, हस्ताक्षर का स्कैन कर लेते थे। सभी फर्जी खाता वह मनइटांड़ में बनाते थे। इसके बाद मूल खाता से पैसा को फर्जी खाते में ले लेते थे और निकासी कर लेते थे। खुद को ही खाता धारक बना लेते थे। अधिकारी-कर्मी सेटिंग-गेटिंग से बिना जांच के कागजातों को पास कर देते थे।
तिवारी की मौत, एजेंट हुई गायबः बाताया जाता है कि तिवारी को इस दौरान किडनी की बीमारी हो गयी है। इलाज के लिए वेल्लोर ले जाया गया, वहां से दुर्गापूर ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गयी। इधर, ठगी के शिकार लोगों ने बताया कि घटना का खुलासा होने से कुछ दिन पूर्व एजेंट आशा देवी फरार हो गयी। उसकी कोई सूचना नहीं है। बताया कि वह दिल्ली चली गयी है। कई जगहों पर प्लैट व जमीन भी खरीद रखा है।
एक दर्जन चिकित्सकों व कोल अधिकारियों के पैसे भी निकालेः बताया जा रहा है कि सुरेश दत्त तिवारी ने कई कोल अधिकारी-कर्मी, डॉक्टर-कर्मी, अधिवक्ता का भी खाता खोला था। इसमें भी कइयों की प्री मैच्योर पैसे की निकासी कर ली गयी है। जैसे-जैसे लोगों को ठगी होने की जानकारी मिल रही है, वैसे-वैसे अब लोग सामने आने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो ठगी के शिकार लोगों की संख्या काफी बढ़ सकती है। इसकी राशि करोड़ों में जा सकती है।
आधा दर्जन डाक अधिकारी-कमियों पर गाज गिरना तय, जांच शुरूः शिकायत के बाद डाकघर प्रबंधन ने इसकी सूचना मुख्यालय की दी। इसके साथ ही जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में आधा दर्जन अधिकारी व कर्मियों की लापरवाही मिली है। यह लोग बिना किसी जांच व फिजिकल वेरिफिकेशन के ही तिवारी को निकासी में मदद करते रहे। अब विभाग साक्ष्य व कागजात जुटाने में लग गया गया है। ऐसे लोगों को खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई की जायेगी।
कुछ लोगों ने मामले की शिकायत की है। इसकी जांच शुरू कर दी है। संबंधित कागजातों की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होंगे, कार्रवाई की जायेगी।
-एमपी सिंह, वरीय डाक अधीक्षक, धनबाद।
मामले की शिकायत पीडि़तों ने थाना में की है, पुलिस अपने स्तर से मामले की जांच कर रही है, इसमें मुख्य आरोपित की मौत हो गयी है। महिला एजेंट आशा देवी की खोज की जायेगी। डाकघर से भी पूछताछ की जायेगी।
-एसके घोष, एएसआइ, धनबाद थाना व केस के अनुसंधानकर्ता

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.