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Covid-19: यहां आठ कमरे में 296 प्रवासी क्वारंटाइन, एक भी पॉजिटिव तो कोरोना संक्रमण की पूरी गारंटी

चार दिन से स्वास्थ्य जांच नहीं होने पर निरसा सीओ एम एन मंसूरी ने कहा कि गुरुवार तक सबका स्वास्थ्य ठीक था। किसी में बीमारी के लक्षण नहीं दिख रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 09:56 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 09:56 AM (IST)
Covid-19: यहां आठ कमरे में 296 प्रवासी क्वारंटाइन,  एक भी पॉजिटिव तो कोरोना संक्रमण की पूरी गारंटी
Covid-19: यहां आठ कमरे में 296 प्रवासी क्वारंटाइन, एक भी पॉजिटिव तो कोरोना संक्रमण की पूरी गारंटी

मैथन [ धर्मदेव चौधरी ]। झारखंड बंगाल की सीमा मैथन का बीएसके कॉलेज के आठ कमरे और एक बरामदे में तकरीबन 296 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। ये वे लोग हैं जो 30 मार्च को मालवाहक वाहन से बिहार के औरंगाबाद से पश्चिम बंगाल जा रहे थे। अंतरराज्यीय सीमा सील हो चुकी थी। इस नाते उन्हें झारखंड में रोक लेना पड़ा। संख्या अधिक थी। इस नाते पुलिस ने तुरंत बीएसके कॉलेज को खुलवाया ताकि सबको क्वारंटाइन किया जा सके। योजना थी कि और स्कूल, कॉलेज एवं सरकारी भवनों को खुलवा कर वहां कुछ लोगों को भेजा जाएगा ताकि शारीरिक दूरी का पालन हो सके। ऐसा हुआ नहीं। जमीन पर दरी बिछा कर सोने का इंतजाम किया गया है। आम दिनों की तरह लोग सट कर पंक्तिबद्ध होकर बैठ भोजन कर रहे हैं।

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तीन को बुखार के बाद सब दहशत में 

शुक्रवार को तीन लोगों को बुखार हो गया। खूब खांसने लगे तो बाकी लोग दहशत में आ गए हैं। वहां रहने वाले चिल्लाने लगे हैं कि इतने लोगों को एक जगह पर इस तरीके से रोका गया है कि यहां भी निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज वाली हालत हो सकती है। दरअसल, बीएसके कॉलेज में सारे लोगों को लाने के बाद कमरे में दरी बिछा दी गयी। उसी दिन सारे लोगों की स्वास्थ्य जांच करायी गयी। सबकी थर्मल स्क्रीनिंग की गयी थी। इसके बाद क्वारंटाइन में रहने वाले सारे लोगों को सिर्फ भोजन दिया जाता रहा। कॉलेज के बरामदे में सारे लोग पंक्तिबद्ध होकर बैठ जाते। सबके शरीर एक दूसरे से सटते। न किसी न रोका न समझाया।

अब तक स्वास्थ्य जांच नहीं 

शौचालय भी गिनती के थे। बुधवार को हंगामा हुआ तो मोबाइल शौचालय भेजा गया। शुक्रवार को तीन लोगों के बीमार होने की सूचना मिली तो अब भोजन देने के लिए भी लोग कॉलेज परिसर के भीतर जाने से कतराने लगे हैं। तैयार भोजन कॉलेज के दरवाजे पर रख दिया जा रहा है। जो लोग भीतर रह रहे हैं, अब उन्हीं को भोजन करने और कराने की जवाबदेही मिल गयी है। चार दिन से स्वास्थ्य जांच नहीं होने पर निरसा सीओ एम एन मंसूरी ने कहा कि गुरुवार तक सबका स्वास्थ्य ठीक था। किसी में बीमारी के लक्षण नहीं दिख रहे थे। स्वास्थ्य महकमे के लोग व्यस्त हैं। इस नाते नहीं आ सके थे। जल्द दोबारा सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच करायी जाएगी।

मुर्शिदाबाद जाने को निकले थे तो सीमा पर धरा गए 

30 मार्च को अंतरराज्यीय सीमा को सील करने का आदेश निर्गत हो गया था। बिहार के औरंगाबाद समेत और जगहों पर मजदूरी करने वाले मालवाहक वाहन से पश्चिम बंगाल के लिए चले थे। अधिकतर मुस्लिम हैं। अधिकतर को मुर्शिदाबाद जाना था। सीमा सील होने के कारण तड़के चार बजे मैथन में उन लोगों को रोक लिया गया। बंगाल पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया। झारखंड बंगाल सीमा पर लोगों का हुजूम इकट्ठा हो गया था। इसके बाद धनबाद पुलिस ने तुरंत एक कॉलेज का ताला खुलवाया। सारे लोगों को क्वारंटाइन किया गया। जिला प्रशासन को सूचना दी गयी कि और सरकारी भवनों में लोगों को भेजा जाय ताकि संक्रमण नहीं फैले। 

तीन लोगों को बुखार होने और खांसने की शिकायत मिली है। कोशिश है कि सबका दोबारा स्वास्थ्य परीक्षण हो जाय। संख्या अधिक है। शारीरिक दूरी बनाए रखने में तनिक कठिनाई तो है।

 -एसएन मंसूरी, अंचलाधिकारी, निरसा


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