जश्न-ए-बहारा... जीत के बाद पैदल जुलूस तो किसी की खुली जीप में निकली सवारी Dhanbad News
हर घोषणा के बाद जिंदाबाद के नारे और पटाखों के शोर से बाजार समिति प्रांगण गूंजता रहा।
धनबाद, जेएनएन। हर घोषणा के बाद जिंदाबाद के नारे और पटाखों के शोर से बाजार समिति प्रांगण गूंजता रहा। सोमवार को मतगणना के दौरान विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं का जोश देखते ही बन रहा था। कहीं पटाखे फूट रहे थे तो कहीं नारों का उद्घोष हो रहा था, कहीं पार्टियों के झंडे लहराए जा रहे थे।
पैदल निकला राज सिन्हा का विजय जुलूस : धनबाद में 20 राउंड में मतगणना होना था। प्रशासन ने बताया था कि यहां का परिणाम सबसे बाद में आएगा। हालांकि हुआ उल्टा। सबसे पहले धनबाद का ही रिजल्ट आया। राज सिन्हा प्रमाण पत्र लेकर निकले और पैदल ही कार्यकर्ताओं के साथ जुलूस निकाला। वे मेमको मोड़ तक आए फिर वाहन से आगे बढ़े। उन्होंने गांधी चौक, रणधीर वर्मा चौक पर माल्यार्पण किया। जिला कार्यालय भी गए।
खुली जीप में निकली पूर्णिमा की सवारी : पूर्णिमा नीरज सिंह के समर्थक सुबह से ही उत्साहित थे। वे रह रहकर आतिशबाजी कर रहे थे। शाम को उनकी जीत तय होते ही खुली जीप मंगवाई गई जिस पर सवार हो वे रवाना हुईं। पूरी झरिया में जुलूस निकालने के बाद शाम को जुलूस रघुकुल पहुंचा। रघुकुल के पास जमकर आतिशबाजी की गई। बरटांड़ स्थित हर्ष सिंह के आवास के पास भी जमकर आतिशबाजी की गई।
बिनोद बाबू को दी श्रद्धांजलि : सिंदरी से विजयी इंद्रजीत महतो व टुंडी से जीते मथुरा प्रसाद महतो ने विजय जुलूस के दौरान बिनोद बिहारी महतो को श्रद्धांजलि दी। दोनों नेता समर्थकों के साथ बलियापुर स्थित उनके समाधि स्थल पर गए और श्रद्धांजलि दी। इसके बाद मथुरा प्रसाद महतो अपने आवास को निकल गए। आतिशबाजी करनेवालों में इंद्रजीत के समर्थक भी काफी आगे थे। इधर मथुरा के समर्थकों ने अपने विशाल झंडों से सबका ध्यान खींचा।
पहली बार दिखे एकलव्य : इस चुनाव अभियान में डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह पहली बार दिखे। वे दोपहर करीब तीन बजे तब दिखे जब 15 राउंड की गिनती के बाद तय हो गया कि पूर्णिमा जीत रही हैं। वे विजय जुलूस तक मतगणना स्थल पर रहे। काफी देर हर्ष सिंह के साथ पंडाल में बैठे और आतिशबाजी भी की।
सबसे बाद में अपर्णा को मिला प्रमाण पत्र, बाघमारा भी हुआ लेट : बाघमारा और झरिया का परिणाम सबसे पहले आना था। यहां मात्र 16 राउंड की गिनती होनी थी। विवाद के कारण बाघमारा का परिणाम काफी बाद आया। अपर्णा को भी देर से प्रमाण पत्र दिया गया। अपर्णा के कैंप में सर्वाधिक महिला कार्यकर्ता दिखीं।