नई भूमिका में दिखेगी पुलिस, बाल श्रमिकों को दिखाएगी स्कूल का रास्ता
बचपन बचाओ आंदोलन एवं झारखंड ग्रामीण विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष शंकर रवानी ने कहा कि शिविर का उद्देश्य बाल श्रमिकों को चिन्हित कर पुनर्वास से जोडऩा है ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो।
धनबाद, जेएनएन। पुलिस महकमा भी हर एक उस बच्चे के प्रति जवाबदेह है जो स्कूल में नहीं हैं। सभी थाना प्रभारी ऐसे मामलों को व्यक्तिगत तौर पर देखें और थाना स्तर पर कार्रवाई का सूचना दें। यह कहना था वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल का। वह शनिवार को सदर थाना में आयोजित प्रशिक्षण को संबोधित कर रहे थे। अवसर था बाल श्रमिक उन्मूलन अभियान को सफल बनाने के लिए झारखंड ग्रामीण विकास ट्रस्ट एवं बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से आयोजित प्रशिक्षण शिविर का।
एसएसपी ने कहा कि बच्चे ही देश के भविष्य हैं और उन्हें मुख्य धारा से जोडऩा प्राथमिकताओं में शामिल है। ग्रामीण एसपी अमन कुमार ने कहा कि यदि ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेवारी के तहत इस अभियान पर काम करेंगें तो बहुत से बच्चों का भविष्य संवर सकता है।
बचपन बचाओ आंदोलन एवं झारखंड ग्रामीण विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष शंकर रवानी ने कहा कि शिविर का उद्देश्य बाल श्रमिकों को चिन्हित कर उन्हें पुनर्वास से जोडऩा है ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके। बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए सामूहिक पहल करनी होगी। डीएसपी विधि व्यवस्था मुकेश कुमार, डीएसपी सीसीआर जगदीश प्रसाद, डीएसपी सुमित साौरभ लकड़ा, डीएसपी बीके गुप्ता, गोपाल कालुडिया, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी साधना कुमारी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी हरेन्द्र कुमार सिंह, बाल कल्याण समिति की विद्योत्तमा बंसल, देवेन्द्र शर्मा, बचपन बचाओ आंदोलन के अजय कुमार तिवारी, प्रियदर्शिनी यादव व अन्य उपस्थित थे।
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