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Dhanbad: नीरज सिंह हत्याकांड का मुख्य सूत्रधर बना मिस्टर इंडिया, आज तक नहीं खोज पायी संतोष सिंह उर्फ नामवर को पुलिस

अनिल कपुर और श्रीदेवी की वर्ष 1987 में आयी फिल्म मिस्टर इंडिया ने सिनेमा जगत में अपनी एक अलग पहचान बनायी थी। दर्शकों ने इस मूवी को काफी सराहा था मगर यही हाल नीरज सिंह सहित चार लोगों के हत्याकांड के सूत्रधर संतोष सिंह उर्फ नामवर का हो गया है।

By Atul SinghEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 10:43 AM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 10:43 AM (IST)
Dhanbad: नीरज सिंह हत्याकांड का मुख्य सूत्रधर बना मिस्टर इंडिया, आज तक नहीं खोज पायी संतोष सिंह उर्फ नामवर को पुलिस
नीरज सिंह सहित चार लोगों की सरेशाम गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।

जागरण संवाददाता, धनबाद: अनिल कपुर और श्रीदेवी की वर्ष 1987 में आयी फिल्म मिस्टर इंडिया ने सिनेमा जगत में अपनी एक अलग पहचान बनायी थी। दर्शकों ने इस मूवी को काफी सराहा था, मगर यही हाल नीरज सिंह सहित चार लोगों के हत्याकांड के मुख्य सूत्रधर संतोष सिंह उर्फ नामवर का हो गया है। पुलिस उसे आज तक खोज नहीं पायी। पुलिस सूत्रों की मानें तो उसकी तस्वीर भी धनबाद पुलिस के पास नहीं है। इस हत्याकांड में संतोष सिंह ने संजीव सिंह के खास कहे जाने वाले पंकज सिंह के साथ मिर्जापूर जेल में बंद रिंकु सिंह से मिल सभी शूटरों को लाइन अप करने का काम किया था। पुलिस ने जब इस कांड का अनुसंधान शुरु किया तो यह नाम कई बार आया, मगर धनबाद पुलिस आज भी इस चेहरे से अंजान है। हालांकि इस कांड में धनबाद पुलिस को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। हत्या में शामिल सभी शूटर और प्लानर सलाखों के अंदर है। लेकिन संतोष सिंह उर्फ नामवर अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।

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सरेशाम हो गयी थी हत्या: 17 मार्च 2017 को स्टीलगेट डेयरी दुकान के सामने नीरज सिंह सहित चार लोगों की सरेशाम गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।इस हत्याकांड में रांची होटवार जेल में बंद अमन सिंह, शिबू उर्फ सागर, सोनू उर्फ कुर्बान, सतीश उर्फ रोहित उर्फ चंदन शामिल थे। इस हत्याकांड ने पूरे धनबाद की राजनीति को हिला कर रख दिया था। पुलिस अनुसंधान में आया था कि तात्कालीन झरिया विधायक संजीव सिंह भी इस हत्याकांड का हिस्सा है। अप्रैल माह में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, तब से वह जेल में ही है।

पूर्णिमा सिंह को मिला सहानभुति वोट: नीरज सिंह हत्याकांड के बाद वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव में पूर्णिमा सिंह झरिया विधानसभा से विजयी हुई। झरिया विधानसभा भाजपा का गढ़ माना जाता है। बावजूद उसके संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह इस चुनाव में हार गयी। राजनैतिक जानकारों की मानें तो पूर्णिमा सिंह को सहानभूति वोट भी काफी मिला।


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