Dumka Gang Misdeed & Murder Case: नौ सदस्यीय एसआइटी ने शुरू की तफ्तीश, हिरासत में लेकर छह युवकों से पूछताछ के बाद भी नहीं मिला सुराग
दुमका के डीआइजी सुदर्शन मंडल एसपी अंबर लकड़ा एसडीपीओ अनिमेष नथानी समेत कई पुलिस अधिकारी खोजी कुत्ते के साथ घटनास्थल पर गए। उसके बाद रात में ही पास के गांव के तीन गैर आदिवासी युवकों को हिरासत में लिया।
रामगढ़ , जेएनएन। दुमका जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र की पांचवीं कक्षा की आदिवासी छात्रा की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने छह युवकों व एक किशोरी को हिरासत में लिया है। इनसे पूछताछ की गई, मगर कोई सुराग नहीं मिला। किशोरी के स्वजनों ने किसी पर संदेह नहीं जताया है। मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई है। शुक्रवार की सुबह करीब 10 बजे उसके साथ दरिंगदी की गई थी।
शुक्रवार देर रात डीआइजी सुदर्शन मंडल, एसपी अंबर लकड़ा, एसडीपीओ अनिमेष नथानी समेत कई पुलिस अधिकारी खोजी कुत्ते के साथ घटनास्थल पर गए। उसके बाद रात में ही पास के गांव के तीन गैर आदिवासी युवकों को हिरासत में लिया। शनिवार सुबह डीआइजी रामगढ़ थाना पहुंचे। उन्होंने भी युवकों से पूछताछ की। दोपहर बाद छात्रा की एक सहेली को भी पूछताछ के लिए लाया गया। डीआइजी पास के सिंदुरिया गांव गए और छात्रा को ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक से पूछताछ की। पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
इस मामले की जांच के लिए एसपी ने जरमुंडी एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया। नौ सदस्यीय टीम में दुमका के पुलिस उपाधीक्षक विजय कुमार, काठीकुंड अंचल के पुलिस निरीक्षक रविंद्र कुमार सिंह, काठीकुंड के थानेदार तनमीर खां, रामगढ़ थाने के अवर निरीक्षक पंकज कुमार, जरमुंडी थाने के अवर निरीक्षक नित्यानंद भोक्ता, हंसडीहा थाने के प्रशिक्षु अवर निरीक्षक आकृष्ट अमन, रामगढ़ थाने के सहायक अवर निरीक्षक कृष्ण कन्हैया दुबे और पुलिस अधीक्षक कार्यालय की तकनीकी शाखा के अमित कुमार शामिल हैं।
शनिवार को पोस्टमार्टम दुमका मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में हुआ। सोमवार को रिपोर्ट मिलेगी। इसके लिए गठित मेडिकल बोर्ड में डा. आरके सिंह, डा. देवाशीष रक्षित, डा. योगेंद्र सिंह, डा. शम्स तबरेज आलम, डा. रितेश वर्णवाल व डा. रेखा झा शामिल थे। वीडियोग्राफी भी कराई गई। बिसरा रख लिया गया है।
पुलिस ईमानदारी से अपना काम कर रही है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा। इस घटना में निर्दोष व्यक्ति को किसी भी कीमत पर फंसने नहीं दिया जाएगा।
-सुदर्शन मंडल, डीआइजी, संताल परगना
ऐसी घटनाओं के दोषियों को सामाजिक दंड मिलना चाहिए। उन्हें समाज के बीच छोड़ देना चाहिए ताकि लोग इन्हें दंडित कर सकें।
-बसंत सोरेन, झामुमो नेता