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हमेशा नमन किए जाएंगे कर्त्तव्य की बलिवेदी पर चढ़ने वाले जवान

धनबाद में भी कई पुलिस पदाधिकारी और जवान ऐसे हैं जिन्होंने फर्ज के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। यहां के पूर्व पुलिस अधीक्षक शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा को कोई नहीं भूल सकता।

By mritunjayEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 01:20 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 01:20 PM (IST)
हमेशा नमन किए जाएंगे कर्त्तव्य की बलिवेदी पर चढ़ने वाले जवान
हमेशा नमन किए जाएंगे कर्त्तव्य की बलिवेदी पर चढ़ने वाले जवान

धनबाद, बलवंत कुमार। कहते हैं शहीद कभी नहीं मरते वे अमर हो जाते हैं। सच है देश, समाज और जनता की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की कुर्बानी देना कोई खेल नहीं। जिसने ऐसा किया वो अमर हो गया। अमर भी ऐसा की जब तक सूरज और चांद रहेंगे उनके नाम का जयकारा लगता रहेगा। मेले लगेंगे और इन वीर सपूतों की गाथाएं आने वाली पीढिय़ों को प्रेरित करती रहेंगी।

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धनबाद जिले में भी कई पुलिस पदाधिकारी और जवान ऐसे हैं जिन्होंने फर्ज के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। बड़ी शहादत की बात करें तो यहां के पूर्व पुलिस अधीक्षक शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा को कोई नहीं भूल सकता। इनके अलावा भी दर्जनों ऐसे हैं जिनको भूल जाना भी संभव नहीं। आतंकियों के मंसूबे को शहीद रणधीर ने कर दिया था विफल : तीन जनवरी 1991 को हीरापुर स्थित बैंक ऑफ इंडिया में दो आतंकियों ने धावा बोला। एसपी रणधीर प्रसाद वर्मा बिना कुछ सोचे समझे इन आतंकियों से भीड़ गए। दोनों को मार गिराया, लेकिन स्वयं भी शहीद हो गए। आज भी इनकी वीर गाथा को रणधीर वर्मा चौक बयां करती है। 

2001 में शहीद हुए थे 14 जवान : बात वर्ष 2001 की 30 अक्टूबर की है। तोपचांची प्रखंड कार्यालय में पुलिस बैरक हुआ करता था। दोपहर करीब 12 बजे 150 महिला-पुरूष नक्सलियों के दस्ता ने हथियार लूटने की नियत से इस बैरक पर हमला कर दिया। नक्सलियों से लोहा लेते हुए 14 जवान शहीद हो गए। जवानों के हौंसलों के आगे नक्सली टीक नहीं पाए और भाग खड़े हुए। शहीद जवानों में हाबिल पूर्ति, श्यामजी मिश्र, भृगुनाथ ओझा, द्वारिका सिंह, शिवमंगल दुबे, मिथिलेश कुमार सिंह, नंददेव प्रसाद सिंह, आनंद मसीह हंस, इंद्रासन सिंह, सकलदेव ठाकुर, सत्येंद्र कुमार राय, युगत किशोर ठाकुर और इंद्रबली रजक शामिल हैं। 

मांगटांड में हुई थी मुठभेड़ : 27 जून 2012 को तोपचांची के मांगटांड में नक्सलियों ने पुलिस गश्ती दल पर हमला करने के लिए एम्बुश लगाया हुआ था। पुलिस की गाड़ी इस एम्बुश की चपेट में आ गई। पुलिस ने मोर्चा संभाला। नक्सलियों से इस मुठभेड़ में पुलिस के दो जवान अखिलेश पांडेय और धनेश्वर महतो शहीद हो गए। 

कई और भी हैं : धनबाद में कार्य करते हुए शहीद होने वालों में अशोक सिंह, राजकुमार पासवान, भोला सिंह, वजन मुर्मू समेत अन्य भी हैं। इनके अलावा धनबाद रेल जिला पुलिस के कैलाश प्रसाद यादव बरकाकाना में और राम विलास सिंह डाल्टनगंज में शहीद हुए थे। 

पुलिस संस्मरण दिवस पर नमन किए गए 414 शहीद जवानः राष्ट्रीय पुलिस संस्मरण दिवस पर रविवार को धनबाद पुलिस ने  इस वर्ष अब तक देश में 414 और झारखंड में 7 शहीद पुलिसकर्मियों को नमन किया। इस दौरान उन शहीदों को भी याद किया गया जो धनबाद में ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे। शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को एसएसपी मनोज रत्न चोथे ने शाल देकर सम्मानित किया।

धनबाद पुलिस लाइन में सबसे पहले शोक परेड का आयोजन किया गया। इसके बाद दो मिनट का मौन रख शहीदों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की गई। एसएसपी ने कहा कि झारखण्ड में कुल 7 जवानो ने अपने प्राणों की आहुति इस वर्ष दी है। उनमें से तीन जवानों के परिजनों को पुलिस संस्मरण दिवस के मौके पर धनबाद में  सम्मानित किया गया। शहीदों के परिजनों को सम्मनित कर पुलिस विभाग खुद को सम्मानित महसूस कर रहा है। पुलिस वाले हर रोज एक लड़ाई लड़ते हैं। देश के अंदर शांति और सुरक्षा के लिए हमारे जवान शहीद होते हैं, उनकी शहादत को सीमा पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों से कम आंकना मुनासिब नही होगा। एसएसपी ने अपील करते हुए कहा कि शहीद पुलिस के जवानों को आजीवन याद रखें और उन्हें सम्मान दें।


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