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जलमीनार से ज्यादा पाइपलाइन की क्षमता, पेयजलापूर्ति में बन रही बाधा

जलमीनार से ज्यादा पाइप लाइन की क्षमता होना पेयजलापूर्ति में बाधा बन रही है। इससे पेयजलापूर्ति समय पर नहीं पा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 07:29 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 07:29 PM (IST)
जलमीनार से ज्यादा पाइपलाइन की क्षमता, पेयजलापूर्ति में बन रही बाधा
जलमीनार से ज्यादा पाइपलाइन की क्षमता, पेयजलापूर्ति में बन रही बाधा

जलमीनार से ज्यादा पाइपलाइन की क्षमता, पेयजलापूर्ति में बन रही बाधा

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चासनाला : जलमीनार से ज्यादा पाइप लाइन की क्षमता होना पेयजलापूर्ति में बाधा बन रही है। इससे क्षेत्र में समुचित पेयजलापूर्ति समय पर नहीं पा रही है। महीने में कभी सप्ताह तो कभी 20-20 दिन तक पेयजलापूर्ति नहीं हो रही रही है। इससे हाहाकार मचा हुआ है। लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोग बाहर से पानी ढोकर व खरीद कर पीने को मजबूर हैं। विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी निंद्रा में सोए हुए हैं। समय रहते सकारात्मक पहल नहीं की गई तो स्थिति और विकराल हो सकती है। बताते हैं कि धनबाद नगर निगम ने ग्रामीण व शहरी पेयजलापूर्ति के लिए सिंदरी के कांड्रा में करीब तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से एलएंडटी कंपनी ने फिल्टर प्लांट बनाया था। इसे कांड्रा जलशोध संस्थान 13.5 एमएलडी फिल्टर प्लांट नाम दिया गया है। पूर्व में नगर निगम की देखरेख में यहां से पेयजलापूर्ति की जाती थी।

फिलहाल जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग पीएचईडी को देखरेख का जिम्मा दिया गया है। योजना के तहत घर-घर तक शुद्ध जल पहुंचाना था। इसे लेकर पांच जलमीनार से करीब 60 किलोमीटर से अधिक पाइप लाइन बिछाकर पेयजलापूर्ति शुरू की गई थी, लेकिन जलमीनार की क्षमता से ढाई गुना अधिक पेयजलापूर्ति की पाइप लाइन बिछा दी गई है। पीएचइडी विभाग के कर्मियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि चासनाला जलमीनार की क्षमता साढ़े छह लाख लीटर है। जबकि पाइप लाइन की क्षमता 15 लाख लीटर है। वहीं मोहलबनी जलमीनार की साढ़े चार लाख लीटर क्षमता है। जबकि पाइप लाइन की 12 लाख लीटर है। इस कारण पाइप में समुचित रूप से जलापूर्ति नहीं हो पाती है। ऐसे में चासनाला, पाथरडीह, अजमेरा, डिनोबिली मोड़, डिगवाडीह 10 नंबर, डिगवाडीह 12 नंबर सहित कई स्थानों पर पानी नहीं पहुंच पाता है। इसके लिए जलमीनार की क्षमता को और बढ़ाना बहुत जरूरी है।

पांच जलमीनार से होती जलापूर्ति :

सिंदरी के कांड्रा जलशोध संस्थान से पानी को फिल्टर कर पांच जलमीनार में भेजा जाता है। बीआइटी, रांगामाटी सिंदरी, कांड्रा, चासनाला व मोहलबनी में भेजा जाता है। रांगामाटी जलमीनार की क्षमता साढ़े छह लाख लीटर, बीआइटी का साढ़े पांच लाख लीटर, कांड्रा का सबसे अधिक 10 लाख लीटर, चासनाला का साढ़े छह लाख लीटर व मोहलबनी का सबसे कम साढ़े चार लाख लीटर की क्षमता है। सिंदरी से डिगवाडीह तक लगभग एक लाख लोगों को पेयजलापूर्ति होती है। पाइप लाइन में लीकेज के कारण हर दिन काफी मात्रा में पानी बर्बाद हो जाता है। तीन माह से यहां के तीन पंप खराब पड़े हैं। लेकिन विभाग गंभीर नहीं है।


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