भूकंप की संभावना से सहमे साहिबगंज के लोग, पहाड़ एवं जंगल की कटाई से भी बढ़ा नुकसान का खतरा
दो दिन पहले साहिबगंज जिले में भूकंप के झटके महसूस होने के बाद से वहां के लोग परेशान हैं। वहीं जिले में पहाड़ एवं जंगल की कटाई भी नुकसान का खतरा बढ़ा रहा है।
धनबाद, जेएनएन। दो दिन पहले सूबे के साहिबगंज जिले में भूकंप के झटके महसूस होने के बाद से वहां के लोग परेशान हैं। एक तरफ गंगा तो दूसरी तरफ राजमहल की पहाड़ी के मध्य बसा साहिबगंज जिला भूकंप के सीस्मिक जोन चार में आता है। साहिबगंज कॉलेज के भूगर्भ विभाग के प्रो. रंजित सिंह बताते हैं कि साहिबगंज गंगा तट पर अवस्थित है। भूकंपीय तरंगे अपने केंद्र बिंदु से प्रभावित होकर जब मैदानी भाग में आती हैं तो यहां उत्तर एवं उत्तरी पूर्वी क्षेत्रों में आने वाले भूकंप की अपेक्षा साहिबगंज जिला में आने वाले भूकंप कम विनाशकारी साबित होता है।
प्रो. रंजित सिंह बताते हैं कि गंगा नदी स्वयं एक फॉल्ट जॉन पर अवस्थित है। सैनिटेशन की प्रक्रिया के चलते इसकी गहराई में निरंतर कमी आ रही है। दबाव के चलते इस क्षेत्र में बड़े भूकंप आने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। जाहिर है कि गंगा के हलचल का सीधा असर यहां भी पड़ सकता है। वैसे वैज्ञानिक तरह से पहाड़ एवं जंगल की कटाई भी नुकसान का खतरा बढ़ा रहा है।
ऐसे करे बचाव : प्रोफेसर ने बताया कि इससे बचाव का उपाय यह है कि मकान के अंदर रहने पर भूकंप के समय भ्रमित ना होकर शांति बनाए रखें। किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपकर उसे मजबूती से पकड़ कर रखें। फर्नीचर नहीं रहने की स्थिति में मजबूत दीवार के साथ फर्श पर घुटने के बल बैठ जाएं। खिड़कियां दरवाजे से दूर रहें, खुले मैदान में सुरक्षित रह सकते हैं। कच्चे दीवार से दूर रहें. सीढ़ी का प्रयोग ना करें और खुले मैदान में ऊंची इमारतों से दूर रहें। बिजली पोल या तारों से दूर रहें। गाड़ी में रहने पर किसी खुले जगह पर रहे, किसी इमारत, पेड़ या बिजली पोल-तार से दूर रहें। गाड़ी रोककर उसके अंदर बैठे रहे। भूकंप थमने पर ही सावधानी से जाएं।
दो दिन पहले आया था भूकंप : गौरतलब है कि साहिबगंज में शुक्रवार को भूकंप के आंशिक झटके लगे थे, हालांकि इसे महसूस नहीं किया गया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई थी। नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के अनुसार, शुक्रवार को दोपहर 12:07 बजे भूकंप आया छा। इसका केंद्र जमीन में 10 किलोमीटर नीचे था। इससे जानमाल के भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ।