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पानी गर्म करने के लिए होटल-रेस्त्रां को पीसीबी से लेनी होगी परमिशन

धनबाद जिले के सभी होटल रेस्त्रां और मैरिज हॉल संचालकों को पानी गर्म करने के लिए झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से परमिशन लेनी होगी। इस संबंध में बोर्ड ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करते हुए प्रतिष्ठानों की रेड ऑरेंज और ग्रीन श्रेणी भी तय कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 05:00 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:21 AM (IST)
पानी गर्म करने के लिए होटल-रेस्त्रां को पीसीबी से लेनी होगी परमिशन
पानी गर्म करने के लिए होटल-रेस्त्रां को पीसीबी से लेनी होगी परमिशन

धनबाद : जिले के सभी होटल, रेस्त्रां और मैरिज हॉल संचालकों को पानी गर्म करने के लिए झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से परमिशन लेनी होगी। इस संबंध में बोर्ड ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करते हुए प्रतिष्ठानों की रेड, ऑरेंज और ग्रीन श्रेणी भी तय कर दी है। यदि कोई प्रतिष्ठान बॉयलर की एनओसी और कंसेंट हासिल नहीं करता है, तो पकड़े जाने पर तालाबंदी तक की कार्रवाई हो सकती है।

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जलस्रोत करते हैं दूषित

शहर के होटल, रेस्त्रां, मैरिज हॉल, धर्मशाल और आश्रम अपने यहां खाना बनाने से लेकर अन्य कार्यो के लिए बॉयलर के जरिए पानी गर्म करते हैं, जिस तरह से आम घरों गर्म पानी के लिए गीजर का प्रयोग किया जाता है, उसी तरह इन प्रतिष्ठानों में बॉयलर का प्रयोग होता है। लगभग सभी जगह बॉयलर लगा हुआ है और जहां नहीं लगा है, वहां अनिवार्य रूप से बॉयलर लगाना है। झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिष्ठानों में लगाने वाले बेबी, स्माल और बिग बॉयलर के संचालन के लिए सहमति लेना अनिवार्य कर दिया है। इसको लेकर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। इन जगहों में प्रयोग होने वाले पानी एवं कमरों की संख्या को देखते हुए तीन श्रेणियों में बांटते हुए विभिन्न धाराओं में सहमति एवं संचालन के लिए निर्देश जारी किया है। यह आदेश इसलिए दिया गया है, क्योंकि इन प्रतिष्ठानों में पानी गर्म करने के लिए बिजली, लकड़ी, कोयला और ऑयल फायर्ड का प्रयोग किया जाता है। यह गंदे पानी के साथ मिलकर नालियों के जरिए जल स्रोतों को प्रदूषित करता है। धनबाद में 150 से अधिक होटल, बैंक्वेट, मैरिज हॉल, रेस्त्रा, धर्मशाला एवं आश्रम हैं। अपशिष्ट जल के आधार पर बांटी तीन श्रेणियां

- लाल : 100 किलोलीटर प्रतिदिन से अधिक गंदे पानी का बहाव।

- नारंगी : तीन स्टार से कम अथवा 20 कमरों से अधिक 100 कमरों से कम क्षमता के होटल, जो 100 किलोलीटर प्रतिदिन से कम गंदा पानी निकालते हैं।

- हरा : बिना बॉयलर वाले 20 कमरों तक के होटल, जो 10 किलोलीटर प्रतिदिन से कम गंदा पानी बहाते हैं। कम से कम 100 वर्गमीटर तक धरातल क्षेत्रफल के बैंक्वेट हाल, कम से कम 36 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाले रेस्त्रां। वर्जन

बोर्ड ने बॉयलर को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है। सभी प्रतिष्ठानों को अवगत कराया जा रहा है। जल्द ही एक टीम बनाकर इनकी जांच की जाएगी, जहां नियमों की अनदेखी मिली उन पर बोर्ड की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

- आरएन चौधरी, क्षेत्रीय पदाधिकारी जेएसपीसीबी


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