SAIL Pay Revision: दिवाली से पहले नहीं होगा एरियर का भुगतान, जानिए कहां फंसा पेंच
SAIL Pay Revision एनजेसीएस संगठन में शामिल भारतीय मजदूर संघ ने इस्पात मंत्रालय से प्रबंधन पर एकतरफा फैसला लेने की शिकायत की है। इसके चलते ही अधिकारी व कर्मचारी के पे रिवीजन का मामला उलझ गया है। ऐसे में दीवाली से पहले एरयिर भुगतान नहीं होगा।
जागरण संवाददाता, बोकारो। नई दिल्ली में सेल बोर्ड आफ डायरेक्टर की बैठक में अधिकारी-कर्मचारी पे रिवीजन का एजेंडा पास कराकर इस्पात मंत्रालय को भेज दिया गया। इस बीच पेंच ये फंसा है कि समझौते में पांचों मजदूर संगठनों के हस्ताक्षर नहीं हैं। इससे मामला फंस गया है। इस वजह से सेल में पे रिवीजन के मद में कर्मियों को अब दीपावली से पहले एरियर का भुगतान होने की संभावना क्षीण हो गई है।
एकतरफा फैसला लेने की शिकायत
दरअसल, एनजेसीएस संगठन में शामिल भारतीय मजदूर संघ ने इस्पात मंत्रालय से प्रबंधन पर एकतरफा फैसला लेने की शिकायत की है। इसके चलते ही अधिकारी व कर्मचारी के पे रिवीजन का मामला उलझ गया है। माना जा रहा है कि सेल निदेशक मंडल के सदस्य एजेंडे को पास कर चुके हैं, इसके बाद भी रिवीजन की फाइल इस्पात मंत्रालय पांचों यूनियन की सहमति के बिना कंपनी में लागू नहीं कर सकेगा। परंपरा है कि सभी मजदूर संगठनों की सहमति जरूरी होती है।
बीएमएस 28 फीसद पक्र्स से कम लेने को तैयार नहीं
सेल में 22 अक्टूबर को एनजेसीएस व प्रबंधन के बीच पे रिवीजन पर एमओयू हुआ था। तब से मामला यूनियन के बीच ही उलझ है। एनजेसीएस में शामिल इंटक, एटक व एचएमएस ने 13 फीसद एमजीबी के साथ 26.5 फीसद पक्र्स के मुद्दे पर हस्ताक्षर कर दिए थे।
बीएमएस 28 फीसद पर्क्स से कम पर तैयार नहीं
दूसरी ओर बीएमएस 28 फीसद से कम पर्क्स लेने को तैयार नहीं है। इस मुद्दे पर सीटू भी बीएमएस के साथ है। अधिकारियों को डीपीई के गाइडलाइन के अनुसार 15 फीसद एमजीबी व 35 फीसद पक्र्स दिया जा रहा है। बीएमएस का साफ कहना है की एनजेएसीएस में जब पांच श्रमिक संगठन शामिल हैं तो प्रबंधन बहुमत का हवाला देकर तीन संगठन से एमओयू पर हस्ताक्षर कराकर सेल में पे रिवीजन को कैसे लागू कर सकता है।