कोविड अस्पताल में मरीजों को परोसे जा रहे भोजन में निकल रहे पिल्लू, हंगामा Dhanbad News
सेंट्रल अस्पताल को धनबाद में कोविड-19 अस्पताल का रूप दिया गया है। शुरू-शुरू में तो व्यवस्था अच्छी थी। मरीजों को भोजन अच्छा मिल रहा था। उपायुक्त भी अस्पताल में आया-जाया करते थे।
धनबाद, जेएनएन। धनबाद में कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए कोविड-19 अस्पताल ( सेंट्रल अस्पताल, बीसीसीएल) की व्यवस्था अब खराब होती जा रही है। मरीजों को परोसे जा रहे भोजन में पिल्लू और कीड़ा निकलना आम बात हो गई है। इससे मरीज परेशान हैं। मंगलवार सुबह नाश्ते में परोसी गई रोटी और सब्जी में पिल्लू निकले। इससे मरीजों का मन भिनभिना गया। नाराज मरीजों ने अस्पताल में हंगामा किया।
बीसीसीएल के सेंट्रल अस्पताल को धनबाद में कोविड-19 अस्पताल का रूप दिया गया है। शुरू-शुरू में तो व्यवस्था अच्छी थी। मरीजों को भोजन अच्छा मिल रहा था। उपायुक्त अमित कुमार भी अस्पताल में आया-जाया करते थे। इससे व्यवस्था बनी रही। लेकिन अब प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है। इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों को भोजन और पानी की समस्या से दो-चोर होना पड़ रहा है। मरीजों को जो भोजन परोसा जा रहा है वह खाने लायक नहीं है। उससें कीड़ा निकलते हैं। अब भला कीड़े वाले भोजन को मरीज कैसे खाएंगे? बार-बार शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। धनबाद कोडिव अस्पताल में इस समय 60 कोरोना मरीज हैं। जिला प्रशासन मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने का बाद भूल जा रहा है। इससे मरीजों को परेशानी बढ़ती जा रही है। वह कोरोना के साथ-साथ अव्यवस्था की मार को भी झेल रहे हैं।
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को पौष्टिक खाना देने की जगह भोजन में कीड़े मिल रहे हैं। यह हाल है जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और बीसीसीएल के संयुक्त निर्देशन में चल रहे सेंट्रल अस्पताल (कोविड-19) का। मंगलवार की सुबह नाश्ते में मरीजों को आलू और बरबटी (बोदी) की सब्जी दी गई। जैसे ही लोगों ने सब्जी खाना शुरू किया, इसमें कीड़े निकलने लगे। इसके बाद अस्पताल में भर्ती लगभग 60 मरीजों ने हंगामा शुरू कर दिया। लगातार मिल रही घटिया खाना और भारी अव्यवस्था के विरोध में अस्पताल के कोरोना संक्रमित मरीज भूख हड़ताल पर बैठ गए और खाना का बहिष्कार कर दिया। हंगामा की सूचना पाकर आनन-फानन में अस्पताल के प्रभारी डॉ आलोक विश्वकर्मा वार्ड पहुंचे। किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
चावल से लेकर सब्जी तक की घटिया क्वालिटी
संक्रमित मरीजों ने बताया कि अस्पताल में मरीजों को पौष्टिक खाना तो दूर घटिया किस्म के चावल-दाल और सब्जियां दी जा रही हैं। पहले चावल में कीड़े निकलते थे, अब सब्जियों में भी कीड़े निकल रहे हैं। कई बार इसकी शिकायत की गई लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। मजबूर होकर मरीजों ने खाना लेने से इनकार कर दिया है।
सुबह 7 का नाश्ता मिलता है 11 बजे
मरीज ने बताया कि डाइट चार्ट में सुबह 7 बजे नाश्ता देने का जिक्र है। लेकिन अक्सर नाश्ता 11:00 बजे के बाद ही मिलता है। दूसरी और रात 9:00 बजे का खाना शाम 7:00 बजे ही दे दिया जाता है। 8 से 10 घंटे का गैप हो जाता है। एक तो समय से खाना नहीं मिल रहा है। जब खाना मिलता है तो उसमें कीड़े-मकोड़े मिल रहे हैं।
अधिकारियों ने कहा प्रोटीन है इसलिए देते हैं बोदी, मरीजों ने कहा- दाल ही दे दीजिए
हंगामा की खबर पाकर अस्पताल के प्रभारी डॉ आलोक विश्वकर्मा वार्ड पहुंचे। उन्हें किसी तरह मरीजों को समझा-बुझाकर शांत करने की कोशिश शुरू की। उन्होंने कहा कि मरीजों को बरबट्टी (बोदी) के लिए डाइट में नाम रखा गया है, क्योंकि इसमें प्रोटीन होता है। तो मरीजों ने कहा कि बरबटी की जगह पर सर दाल ही दे दीजिए, लेकिन कीड़े वाले खाने तो मत दीजिए। इसके बाद अधिकारियों ने कहा है कि खाने की गुणवत्ता में सुधार की जाएगी। लोग भूख हड़ताल नहीं करें। इससे तबीयत और खराब हो जाएगी। काफी समझाने बुझाने के बाद मरीज शांत हुए।
खाने को लेकर अस्पताल में मरीजों ने हंगामा किया है। तत्काल प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं। इसमें सुधार किया जा रहा है।
- डॉ गोपाल दास, सिविल सर्जन, धनबाद।