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कोल इंडिया का हुआ पर्वतपुर कोल ब्लॉक, PMO की पहल पर आवंटन की राह साफ, दो हजार को फिर रोजगार Bokaro News

कोल ब्लॉक आवंटन नीति 2015 के प्रभावी रहते इस कोल ब्लॉक को सीधे तौर पर बिना नीलामी कोल इंडिया को देना संभव नहीं था। इसे चालू करने के लिए कई बार स्थानीय स्तर पर भी पहल की गई।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 08:10 AM (IST)
कोल इंडिया का हुआ पर्वतपुर कोल ब्लॉक, PMO की पहल पर आवंटन की राह साफ, दो हजार को फिर रोजगार Bokaro News
कोल इंडिया का हुआ पर्वतपुर कोल ब्लॉक, PMO की पहल पर आवंटन की राह साफ, दो हजार को फिर रोजगार Bokaro News

बोकारो [ बीके पाण्डेय ]। पांच वर्षों से बंद पड़े पर्वतपुर कोल ब्लॉक के चालू होने का रास्ता साफ हो गया है। कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया को इसके प्रबंधन एवं प्रचालन के साथ-साथ देखरेख की जवाबदेही दे दी है। भारत सरकार के संयुक्त सचिव राजेश कुमार सिन्हा के हस्ताक्षर से गजट अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई। 

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आदेश में कहा गया है कि पर्वतपुर कोल ब्लॉक, जो केंद्रीय कोल खनन क्षेत्र के अंतर्गत आता है, उसके परिचालन का कार्य भारत सरकार की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) को दिया जाता है। इसको चालू किए जाने का असर प्रत्यक्ष रूप से 12 गांवों के साथ-साथ पूरे राज्य पर होगा।

पर्वतपुर कोल ब्लॉक कुल नौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके चालू होने से एक साथ दो हजार लोगों को फिर रोजगार मिल सकेगा। जानकारी के अनुसार, यह कोलियरी इंक्लाइन (अंडरग्राउंड) बनेगी, क्योंकि कोयले की परत जमीन से काफी नीचे होने के कारण ओपनकास्ट ब्लॉक बनाने से उत्पादन लागत बढ़ सकता है। वहीं, अंडरग्राउंड उत्पादन होने से गांव की आबादी पर भी असर नहीं पड़ेगा।

अभी सेल कर रही देखरेख

अभी पर्वतपुर कोल ब्लॉक की देखरेख सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) के अधिकारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अबतक उन तक सूचना नहीं आई है। सरकार के आदेश के अनुसार, इस कोल ब्लॉक को सीआइएल को सुपुर्द करना है।

अध्यादेश लाकर सरकार ने दूर की बाधा

कोल ब्लॉक आवंटन नीति 2015 के प्रभावी रहते इस कोल ब्लॉक को सीधे तौर पर बिना नीलामी कोल इंडिया को देना संभव नहीं था। इसे चालू करने के लिए कई बार स्थानीय स्तर पर भी पहल की गई। पूर्व मंत्री अमर बाउरी ने केंद्रीय कोयला मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इसकी सिफारिश की थी। इधर, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से खनिज कानून संशोधन अध्यादेश 2020 लाकर कानून में इस बात का संशोधन किया गया कि वैसे केंद्र व राज्य सरकार के उपक्रम, जो खनिज का कारोबार करते हैं, उन्हें भी कोल ब्लॉक का आवंटन सीधे तौर पर किया जा सकेगा। जबकि पूर्व में इस्पात व बिजली कारखाने के संचालकों को प्राथमिकता देने की बात थी। नए अध्यादेश से यह ब्लॉक सीआइएल को देना आसान हो गया।


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