पारा शिक्षकों को नहीं मिलेगा ईपीएफ का लाभ, लेकिन मानदेय बढ़ेगा
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् ने स्पष्ट कर दिया है कि पारा शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि की सुविधा देने के लिए न तो राशि है और न ही बजट का प्रावधान किया गया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् ने स्पष्ट कर दिया है कि पारा शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि की सुविधा देने के लिए न तो राशि है और न ही बजट का प्रावधान किया गया है। राज्य के पारा शिक्षकों को यह सुविधा देने के लिए लगभग 120 करोड़ रुपये की दरकार है, इसकी स्वीकृति बजट में नहीं है।
राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने सभी जिलों के कार्यक्रम पदाधिकारियों को भेजे पत्र में यह जानकारी दी है। एसपीडी ने स्पष्ट कर दिया है कि संविदा के आधार पर पारा शिक्षकों से विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा कार्य लिया जा रहा है। पारा शिक्षकों के लिए प्रत्येक वर्ष भारत सरकार से एकमुश्त मानदेय की राशि मिलती है। सर्वशिक्षा अभियान, समग्र शिक्षा अभियान के तहत अन्य राज्यों में कार्यरत पारा शिक्षकों को भी कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ नहीं दिया जाता है। इसलिए विभिन्न राज्यों में अलग-अलग विधान प्रभावी नहीं है। पारा शिक्षक संघ के अनुरोध पर सामाजिक सुरक्षा से जोडऩे के लिए राज्य एवं पारा शिक्षक के अंशदान से कल्याण कोष के गठन का मामला प्रक्रियाधीन है।