East Central Railway Employees Union: विरोधियों से पहले अपनों से जंग लड़ेंगे ईसीआर कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी, जोड़ तोड़ शुरू
East Central Railway Employees Union यूनियन के कार्यक्रमों के लिए अब तक रेलवे ट्रेनों में अतिरिक्त कोच उपलब्ध कराती थी। उनमें बैठकर आराम से यूनियन के प्रतिनिधि आयोजन स्थल तक पहुंच जाते थे। इस बार कोराना काल की वजह से पटना जानेवाली गंगा-दामोदर एक्सप्रेस मार्च से ही बंद है।
धनबाद, जेएनएन। East Central Railway Employees Union दिसंबर, 2020 में होनेवाले रेलवे यूनियन की मान्यता चुनाव से पहले नवंबर में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन का सांगठनिक चुनाव होगा। 11 व 12 नवंबर को पटना में होनेवाले त्रिवार्षिक अधिवेशन के साथ यूनियन का अपना चुनाव भी होगा। यानी विरोधी यूनियनों से चुनावी दंगल से पहले अपनों से जंग लड़नी होगी। कार्यक्रम में पूर्व मध्य रेल के 348 प्रतिनिधि शामिल होंगे। इनमें सिर्फ धनबाद रेल मंडल से 100 प्रतिनिधि होंगे। पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव में यूनियन के दो गुटों के आमने-सामने होने की संभावना बनने लगी है। इसे लेकर अभी से ही यूनियन में खेमेबाजी भी शुरू हो गई है।
सोशल मीडिया पर कर्मचारियों से जुड़ी लंबित मांगें और नियमों का हवाला देकर सेवानिवृत्त रेलकर्मी के चुनाव मैदान में न उतरने का दबाव भी सोशल पर बनने लगा है। हालांकि अभी तक दो गुट कौन-कौन होंगे, यह साफ नहीं है। किसी ने भी खुलकर विरोधी के तौर पर सामने आने की घोषणा नहीं की है।
पटना की ट्रेन नहीं चली तो बसों से पटना जाएंगे रेल कर्मचारी
यूनियन के कार्यक्रमों के लिए अब तक रेलवे ट्रेनों में अतिरिक्त कोच उपलब्ध कराती थी। उनमें बैठकर आराम से यूनियन के प्रतिनिधि आयोजन स्थल तक पहुंच जाते थे। इस बार कोराना काल की वजह से पटना जानेवाली गंगा-दामोदर एक्सप्रेस मार्च से ही बंद है। पटना की दूसरी ट्रेनें भी नहीं चल रही हैं। इस वजह से यूनियन के अधिवेशन में जाने के लिए विकल्प तलाशना होगा। ऐसी संभावना है कि रेल कर्मचारी बसों से पटना रवाना होंगे।
धनबाद, डीडीयू, समस्तीपुर, सोनपुर व दानापुर के प्रतिनिधि अधिवेशन में शामिल होंगे। धनबाद रेल मंडल से सौ रेल कर्मचारी पटना जाएंगे। रेल प्रशासन परिवहन सुविधा उपलब्ध कराए तो ठीक नहीं तो सड़क मार्ग से पटना जाएंगे।
- डीके पांडेय, अपर महामंत्री ईसीआरकेयू