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Dhanbad Education News: एनओसी और सुरक्षा मानकों को धता बता निगम क्षेत्र में 150 अवैध छात्रावासों का संचालन

नगर निगम लाख कोशिशों के बावजूद शहर में संचालित अवैध छात्रावासों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। निगम के निशाने पर अब धनबाद शहर में अवैध रूप से चल रहे छात्रावास हैं। 150 से अधिक छात्रावास ऐसे हैं जिनके पास हास्टल संचालन के लिए एनओसी भी नहीं है।

By Atul SinghEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 11:50 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 11:50 AM (IST)
Dhanbad Education News: एनओसी और सुरक्षा मानकों को धता बता निगम क्षेत्र में 150 अवैध छात्रावासों का संचालन
नगर निगम लाख कोशिशों के बावजूद शहर में संचालित अवैध छात्रावासों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। (प्रतीकात्म्क तस्वीर)

धनबाद, जेएनएन : नगर निगम लाख कोशिशों के बावजूद शहर में संचालित अवैध छात्रावासों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। निगम के निशाने पर अब धनबाद शहर में अवैध रूप से चल रहे छात्रावास हैं। 150 से अधिक छात्रावास ऐसे हैं, जिनके पास हास्टल संचालन के लिए एनओसी भी नहीं है। अधिकतर हास्टल में न तो अग्शिनशमन यंत्र की सुविधा है और न ही यहां फर्स्ट एड किट है। नगर निगम के अनुसार पांचों अंचल धनबाद, सिंदरी, झरिया, कतरास और छाताटांड़ में लगभग 200 निजी छात्रावास संचालित हैं। इनमें से अधिकतर छात्रावास नियमानुसार नहीं चल रहे हैं। सबसे अधिक छात्रावास हाउसिंग कालोनी, एसएसएलएनटी कॉलेज के पीछे, कस्तूरबा नगर, मनोरम नगर, लुबी सर्कुलर रोड, हीरापुर, चिरागोरा, सरायढेला और बरटांड़ आदि इलाके में हैं। रिहायशी इलाकों में अधिकतर छात्रावासों का संचालन हो रहा है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। दो वर्ष पहले निगम की ओर से चलाए गए अभियान में 90 फीसद हास्टल बिना एनओसी चल रहे थे। इसके बाद नगर निगम में छात्रावास के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन जमा हुए। अभी भी 70 फीसद छात्रावास बिना एनओसी और मूलभूत सुविधाओं के चल रहे हैं। नगर निगम का इस ओर ध्यान नहीं है।

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टैक्स भी नहीं दे रहे हॉस्टल

छात्रावासों ने न तो एनओसी ली है और न ही ये सही तरीके से प्रॉपर्टी टैक्स दे रहे हैं। मानदंड के अनुसार कामर्शियल टैक्स देना है। पिछले वर्ष भी नगर निगम ने छात्रावासों के खिलाफ अभियान चलाया था। मनोरम नगर, हाउसिंग कालोनी और लुबी सर्कुलर रोड के 13 छात्रावासों की जांच की गई थी। इनमें से अधिकतर के पास एनओसी नहीं भी थी। यहां बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव था।

बेड के आधार पर तय है एनओसी शुल्क

- हॉस्टल का संचालन कॉमर्शियल संस्थान के तौर पर होता है।

- छात्रावास में छात्रों की संख्या के आधार पर प्रतिवर्ष प्रॉपर्टी टैक्स है निर्धारित।

- यह वर्गफुट, अग्निशमन यंत्र, पेयजल सुविधा, बेड की उपलब्धता पर निर्भर करता है।

- हास्टल के प्रत्येक कर्मचारी का पुलिस सत्यापन होना भी जरूरी।

- झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के तहत नियमों के अनुसार एक से दस बिस्तर छात्रावास के लिए वार्षिक एनओसी शुल्क 800 रुपये।

- 11 से 20 के लिए एक हजार, 21 से 50 के लिए 1500 और 50 से अधिक बिस्तर के छात्रावास के लिए दो हजार रुपये वार्षिक एनओसी शुल्क निर्धारित।

हॉस्टल में यह है स्थिति

- एनओसी नहीं।

- प्रॉपर्टी टैक्स भी नहीं देते।

- अग्निशमन और पेयजल की व्यवस्था ठीक नहीं।

- जितने छात्रों की अनुमति, उससे अधिक बेड।


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