धनबाद में अब बचे मात्र सात गधे, 20वीं राष्ट्रीय पशुधन गणना में सामने आए चौंकानेवाले नतीजे Dhanbad News
जिले में मात्र सात गधे बचे है। वहीं गाय की संख्या सबसे अधिक और बकरी दूसरे नंबर पर है। घोड़े-टट्टू की संख्या में कमी आई है। वहीं कुत्तों की संख्या में आई गिरावट पर सवाल उठ रहे हैं।
धनबाद, (श्रवण कुमार)। धनबाद में गधे व टट्टू विलुप्त होने के कगार पर हैं। आलम यह है कि यहां अब इनकी संख्या दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर पा रही है। जिले में अब मात्र सात गधे ही बचे हैं। टट्टू की संख्या तो और भी चिंतनीय है। केवल दो टट्टू ही पूरे जिले में रह गए हैं। जिले में घोड़ों की संख्या भी चौंकाने वाली है। जिले में अब गिनकर मात्र 34 घोड़े बचे हैं।
गधे, टट्टू व घोड़ों की यह संख्या 20वीं राष्ट्रीय पशुधन गणना में निकलकर सामने आई है। बता दें कि पशु-पक्षी की गणना के लिए अभी राष्ट्रीय स्तर पर 20वीं पशुधन गणना मुहिम चल रही है। देश में प्रत्येक पांच साल में पशुधन गणना होती है। हालांकि पशुओं की संख्या की अभी अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, पर झारखंड राज्यस्तरीय आंतरिक डाटा में धनबाद में गधे, टट्टू व घोड़ों की संख्या कम पाई गई है।
पूरे जिला में साढ़े तीन लाख गाय : 20वीं पशुधन गणना में सबसे अधिक संख्या गायों की पाई गई है। पूरे जिले में साढ़े तीन लाख गाय हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर बकरी हैं, जो कुल 2.71 लाख पाई गईं हैं। इसके बाद भेड़, सूकर, भैंस, कुत्ता और खरगोश की संख्या है।
कुत्तों की संख्या पर उठे सवाल : राष्ट्रीय पशुधन गणना में कुत्तों की संख्या पर सवाल उठ रहे हैं। गणना में 3962 कुत्ते पाए गए हैं। आश्चर्य की बात है कि कुत्तों की संख्या खरगोश से भी कम है। पूरे जिले में 5733 खरगोश पाए गए हैं। जब इतने खरगोश हैं तो कुत्ते कैसे कम हो सकते हैं। हर गली-मुहल्ले में कुत्ते दिख जाते हैं। ऐसे में कुत्तों की संख्या पर विश्वास करना मुश्किल है।
गणना के अनुसार, धनबाद में पशुओं की अनुमानित संख्या
- गाय - 350058
- बकरी - 271103
- भेड़ - 18504
- सूअर - 16002
- भैंस - 12679
- खरगोश - 5733
- कुत्ते - 3962
- घोड़े - 34
- टट्टू - दो
- गधे - सात