Cleanliness Survey 2021: रैंकिंग सुधारने के लिए शत प्रतिशत घरों से करना होगा कचरा संग्रहण, सिटीजन फीडबैक पर भी जोर
Cleanliness Survey 2021 स्वच्छ शहरों की सूची में अच्छी रैकिंग हासिल करने के लिए शत प्रतिशत घरों से कचरा संग्रहण करना होगा। स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में प्रतिस्पर्धा के लिए 6000 अंक निर्धारित किया गया है। इसकी तीन चरणों में माॅनिटरिंग होगी।
धनबाद, जेएनएन। बाबूडीह विवाह भवन में बुधवार को स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 से संबंधित ऑनलाइन प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य रूप से स्वच्छ भारत मिशन भारत सरकार के निदेशक, सूडा निदेशक, नगर आयुक्त एवं सभी अंचल कार्यपालक पदाधिकारी और स्वच्छता पर्यवेक्षक शामिल हुए। कार्यशाला में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी दी गई।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के टूल किट के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इसके मापदंड में हुए कुछ बदलाव को साझा किया गया। नंबर एक व स्वच्छ शहर की रैकिंग हासिल करने के लिए शत प्रतिशत घरों से कचरा संग्रहण, सेग्रीगेशन और एमआइएस एंट्री वाटर प्लस, सिटीजन फीडबैक, ओडीएफ प्लस इत्यादि के मापदंड पर फोकस करने कहा। स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में शहरों के बीच विभिन्न श्रेणी में होने वाली प्रतिस्पर्धा, निर्धारित 6000 अंक प्राप्त करने के बारे में बताया गया। इसकी तीन चरणों में माॅनिटरिंग होगी।
6000 अंकों की होगी प्रतिस्पर्धा : स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 की प्रतिस्पर्धा का मूल्यांकन तीन चरणों में होगा। प्रत्येक तिमाही में सर्विस लेवल वर्क का मूल्यांकन किया जाएगा। प्रथम चरण अप्रैल-जून में की गई प्लानिंग के आधार पर मूल्यांकन होगा। द्वितीय चरण का मूल्यांकन जुलाई से सितंबर के बीच का होगा। तृतीय चरण का सर्वेक्षण अक्टूबर से दिसंबर के बीच होगा। हर तिमाही के लिए 2000 अंक निर्धारित है। कुल 6000 अंक में से 40 फीसद 2400 अंक शत प्रतिशत घरों से कचरा कलेक्शन, परिवहन, सेग्रीगेशन और सेनिटेशन कार्य के लिए निर्धारित है। 1800 अंक सिटिजन फीडबैक, स्वच्छता एप और इनोवेशन कार्य पर मिलेगा। 1800 अंक सर्टिफिकेशन कार्य के मापंदड को पूरा करने पर मिलेगा। सर्टिफिकेशन के अंतर्गत ओडीएफ डबल प्लस के साथ वाटर प्लस वर्क को शामिल करना है।