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धनबाद से आठ साल में गायब हो गए 1100 एड्स मरीज!

धनबाद के पीएमसीएच में एड्स मरीजों की चिकित्सा के लिए वर्ष 2010 में केंद्र खोला गया था। यहां एड्स मरीजों की चिकित्सा के लिए अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है।

By mritunjayEdited By: Published: Sat, 01 Dec 2018 12:59 PM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 12:59 PM (IST)
धनबाद से आठ साल में गायब हो गए 1100 एड्स मरीज!
धनबाद से आठ साल में गायब हो गए 1100 एड्स मरीज!

धनबाद, जेएनएन। तमाम जागरूकता अभियानों के बाद जानलेवा बीमारी एड्स के प्रति लोगों में जानकारी तो बढ़ी है और इसका संक्रमण अब पहले के मुकाबले काफी कम हो गया है लेकिन, चिंताजनक बात यह है कि इस बीमारी से पीडि़त बड़ी संख्या में लोग स्वयं अपने इलाज के प्रति सजग नहीं है। वे नियमित रूप से न दवा लेते हैं और न ही चिकित्सकीय जांच को पहुंचते हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में एड्स मरीज असमय काल के गाल में भी समा रहे हैं। स्थिति बिगडऩे पर उन्हें इलाज के लिए लाया जाता है पर तब तक तो देर हो चुकी होती है। 

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धनबाद में संचालित एड्स उपचार केंद्र के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। धनबाद के पीएमसीएच में एड्स मरीजों की चिकित्सा के लिए वर्ष 2010 में केंद्र खोला गया था। यहां एड्स मरीजों की चिकित्सा के लिए अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है। तब एड्स के दानव का स्वरूप बहुत विकराल था। रोजाना नए लोग इसके चंगुल में फंस रहे थे। वैसे मरीजों के लिए यह केंद्र वरदान साबित हुआ। धीरे धीरे यहां 2300 मरीज निबंधित हो गए। सभी की चिकित्सा यहां की जाने लगी। सीडी-4 काउंट मशीन का भी संचालन शुरू किया गया जिसकी सहायता से यहां गंभीर स्थिति में पहुंचे मरीजों की भी चिकित्सा होने लगी। इससे एड्स मरीजों को बड़ी राहत मिली लेकिन धीरे-धीरे यहां मरीजों की आवक अब कम हो रही है। फिलहाल यहां 2300 मरीज तो निबंधित हैं लेकिन नियमित रूप से दवा लेने सिर्फ 1200 के आसपास मरीज ही आते हैं। करीब 1100 मरीज अपनी चिकित्सा के प्रति खुद गंभीर नहीं है। ऐसे मरीजों की यहां के कर्मियों ने स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से खोजबीन भी किया तो पता चला कि इनमें से कुछ मरीज बाहर चले गए तो कुछ का निधन हो गया। कुछ ठीक स्थिति में होने के कारण दवा लेने नहीं आ रहे हैं। ऐसे सभी मरीजों को नियमित रूप से दवा लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। 

एक डॉक्टर के भरोसे केंद्रः नॉको द्वारा संचालित पीएमसीएच के एआरटी सेंटर में मैनपावर की भी कमी है। एक नोडल पदाधिकारी डॉ. डीके झा के सहारे केंद्र को चलाया जा रहा है। यहां तैनात डॉक्टर के नौकरी से इस्तीफा देने के बाद दूसरे की तैनाती नहीं की गई है। नोडल अधिकारी ही सारे मरीजों की चिकित्सा पर नजर रखते हैं। वैसे यहां और चिकित्सकों की बेहद आवश्यकता है। 

विश्व एड्स दिवस पर जगह-जगह कार्यक्रम का आयोजनः विश्व एड्स दिवस पर सामाजिक संस्था धनबाद एक्शन ग्रुप की ओर से शनिवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। रॉक द रिबन नामक कार्यक्रम में लोगों को एड्स से बचाव के बारे में जानकारी दी गई। यह कार्यक्रम दाग के संयोजक डॉ. एनके सिंह के नेतृत्व में हुआ। जिला चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में एड्स जागरूकता रैली भी निकाली गई। 


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