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Indian Railways IRCTC: अलेप्पी एक्सप्रेस में अब एसी के और 64 यात्रियों को कंफर्म सीट, वेल्लोर जाने वाले मरीजों का सफर होगा आसान

अलेप्पी एक्सप्रेस में अभी थर्ड एसी के दो कोच हैं। एक और कोच जुड़ जाने से थर्ड एसी के तीन कोच हो जाएंगे। थर्ड एसी यात्रियों की सबसे पसंदीदा श्रेणी है जिसमें टिकटों की बुकिंग भी सबसे अधिक होती है। रेलवे के लिए सबसे ज्यादा कमाई वाला श्रेणी भी है।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 01:26 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 01:29 PM (IST)
Indian Railways IRCTC: अलेप्पी एक्सप्रेस में अब एसी के और 64 यात्रियों को कंफर्म सीट, वेल्लोर जाने वाले मरीजों का सफर होगा आसान
धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस में अतिरिक्त 3एसी कोच ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददता, धनबाद। धनबाद से केरल के अलेप्पी तक जानेवाली ट्रेन में अब एसी के यात्रियों की मुश्किल आसान होनेवाली है। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने इस ट्रेन में स्थायी तौर पर एक थर्ड एसी कोच जोड़ने का निर्णय लिया है। धनबाद से खुलने वाली ट्रेन में एक अगस्त और वापसी में चार अगस्त से अतिरिक्त थर्ड एसी कोच जुड़ जाएगा। थर्ड एसी का कोच जुड़ने से अब और 64 यात्रियों को एसी में कंफर्म सीटें मिल सकेंगी। इसका लाभ दक्षिण भारत जानेवाले यात्रियों के साथ ही चेन्नई और वेल्लोर जानेवाले मरीज और उनके घरवालों को होगा। झारखंड से दक्षिण भारत के बीच एंबुलेंस के तौर पर चलने वालीअलेप्पी एक्सप्रेस में आम तौर पर सालोंभर वेटिंग लिस्ट की समस्या रहती है। थर्ड एसी में कंफर्म सीट मिलना मुश्किल होता है। अब सथायी तौर पर थर्ड एसी कोच जुड़ जाने से यात्रियों को बड़ी राहत मिल सकेगी।

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अभी थर्ड एसी के दो कोच

अलेप्पी एक्सप्रेस में अभी थर्ड एसी के दो कोच हैं। एक और कोच जुड़ जाने से थर्ड एसी के तीन कोच हो जाएंगे। थर्ड एसी यात्रियों की सबसे पसंदीदा श्रेणी है जिसमें टिकटों की बुकिंग भी सबसे अधिक होती है। रेलवे के लिए सबसे ज्यादा कमाई वाला श्रेणी भी यही है। थर्ड एसी कोच जुड़ने के साथ ही अलेप्पी एक्सप्रेस अब कुल 23 कोच के साथ चलेगी।

एलएचबी कोच के लिए अभी करना होगा इंतजार

अलेप्पी एक्सप्रेस पहले दो हिस्से में बंटकर चलती थी। आधी ट्रेन धनबाद और आधी टाटानगर के हिस्से में थी। पिछले साल कोरोना काल में बंद होने के बाद इस साल आठ जनवरी से अलेप्पी एक्सप्रेस को दोबारा चलाने की अनुमति मिली। इसके साथ ही पूरी ट्रेन धनबाद की झोली में आ गई। टाटा से एर्नाकूलम के लिए नई ट्रेन मिल गई। अलेप्पी एक्सप्रेस को भी दूसरी महत्वपूर्ण ट्रेनों के तर्ज पर एलएचबी रैक से चलाने की योजना थी। पर रैक नहीं मिलने के कारण पुराने रैक से ही ट्रेन चल रही है।


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