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एक लाख का इनामी नक्सली सीताराम मांझी गिरफ्तार

धनबाद जिले के तोपचांची थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि सीताराम गुजरात की एक फैक्ट्री में काम कर रहा है। इसके बाद पुलिस गुजरात पहुंची। स्थानीय पुलिस के सहयोग से उसे दबोच लिया।

By mritunjayEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 04:22 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 06:34 PM (IST)
एक लाख का इनामी नक्सली सीताराम मांझी गिरफ्तार
एक लाख का इनामी नक्सली सीताराम मांझी गिरफ्तार

धनबाद, जेएनएन। एक लाख रुपये का इनामी नक्सली सीताराम मांझी धनबाद पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। वह पुलिस से बचने के लिए गुजरात में जा छिपा था। वहां पर प्राइवेट फैक्ट्री में काम कर रहा था। धनबाद पुलिस ने गुजरात पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार किया है। मंगलवार को धनबाद के ग्रामीण एसपी अमन कुमार ने मीडिया के सामने सीताराम को पेश किया। उसकी गिरफ्तारी को पुलिस की बड़ी उपलब्धि बताया। 

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नक्सलियों की आवभगत करते बन गया दस्ता मेंबरः 46 वर्षीय सीताराम मांझी धनबाद जिले के तोपचांची थाना क्षेत्र के धावाटांड, नेरो टोला का रहने वाला है। वह स्थानीय स्कूल में पारा शिक्षक था। गुजरात से सीताराम की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को ग्रामीण एसपी अमन कुमार ने संवाददाता सम्मेलन कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वह पहले पारा टीचर था। इसी क्रम में वह क्रांतिकारी किसान सभा का सदस्य बना तथा नक्सलियों के लिए खानपान, आवासन इत्यादि की व्यवस्था करता रहा।

स्कूल भवन निर्माण में गबन का भी आरोपः ग्रामीण एसपी ने बताया कि सीताराम मांझी जब पारा टीचर था उस समय उसने स्कूल बनाने के लिए दी गई 3.5 लाख रुपए की राशि में से एक बहुत बड़ा हिस्सा गबन कर लिया। उस पर तोपचांची तथा अंगारपथरा में वर्ष 2009 में दो मामले दर्ज हुए थे। अंगार पथरा में वर्ष 2009 में हुई राइफल लूट कांड में वह संलिप्त था। तोपचांची में नक्सली बंदी के दौरान जीटी रोड में लेदाटांड के पास ट्रक पर फायरिंग करने तथा ट्रक में आग लगाने की घटना में भी वह संलिप्त था। गिरफ्तारी के डर से वह भागकर गुजरात में छुप गया था। वहां एक फैक्ट्री में काम कर रहा था। 

गुप्त सूचना पर तोपचांची थाने की पुलिस ने की गिरफ्तारीः धनबाद जिले के तोपचांची थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि सीताराम गुजरात की एक फैक्ट्री में काम कर रहा है। इसके बाद पुलिस गुजरात पहुंची। स्थानीय पुलिस के सहयोग से उसे दबोच लिया। सीताराम पर झारखंड सरकार ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। 


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